Shivendra Kumar Srivastava 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shivendra Kumar Srivastava 30 Nov 2018 · 1 min read माँ कोटि- कोटि प्रणाम तुम्हें, क्या रचना खूब विधाता की। सृजन समाज का किया बाद में, पहले रचना की माता की।। पूर्ण पवित्र 'शब्द' जग में , दर्शन कर नहीं है... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 57 601 Share Shivendra Kumar Srivastava 20 Mar 2019 · 1 min read होली का रंग छाया होली का रंग छाया सबको फ़ाग भाया बुरी आदतों को भुलाया होलिका दहन का जश्न मनाया इक दूजे को रंग लगाया प्रेम का रंग जगाया गालों पर गुलाल भाया मस्तक... Hindi · कविता 1 274 Share Shivendra Kumar Srivastava 20 Mar 2019 · 1 min read सुर्ख लाल टेसू रंग,होली में प्यार संग सुर्ख लाल टेसू रंग होली में प्यार संग ब्रम्हा वरदान भंग सत्य अभिन्न अंग असत्य होलिका दंग सत्य प्रहलाद संग दहन कटुता होलिका संग प्रेम रंग प्रहलाद संग गुलाल, अबीर... Hindi · कविता 1 279 Share