Tag: ग़ज़ल/गीतिका
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आज त्यौहार है आओ कोई सौग़ात करें
शिवांश सिंघानिया
नज़रे (नज़्म)
शिवांश सिंघानिया
झोंका हवा का आप का पैग़ाम ले उड़ा
शिवांश सिंघानिया
निगाह-ए-यास कि तन्हाइयाँ लिए चलिए
शिवांश सिंघानिया
हमसे बिछड़ के कोई हमारा चला गया
शिवांश सिंघानिया
इस अनोखी रस्म का नश्शा न डालो
शिवांश सिंघानिया
हवा दीपक बुझाकर चल पड़ी है
शिवांश सिंघानिया
दर्दों कि दास्तान लिए फिर रहे यहां
शिवांश सिंघानिया
जिंदगी तू हलकान नजर आती है
शिवांश सिंघानिया
लाल उस खूँ कि शहर मे जो बारिश होगी।
शिवांश सिंघानिया
रूह इक फिर चली जिंदगी की तरफ़
शिवांश सिंघानिया
बता रहा चेहरा तिरा कल कि दास्ताँ, जान-ए-जाँ हम को
शिवांश सिंघानिया
आख़री ख़त (नज़्म)
शिवांश सिंघानिया
इश्क़, तरसा हुआ बनाऊँगा
शिवांश सिंघानिया
जी रहा जिंदगी तुझ को नादान बनकर
शिवांश सिंघानिया
भूख से जो तड़प रही होगी
शिवांश सिंघानिया