Shivansh Mishra 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shivansh Mishra 10 Oct 2018 · 1 min read कलम हमारी कौन सुने अब व्यथा हमारी, आज अकेली कलम हमारी, जो थी कभी पहचान हमारी, आज अकेली कलम हमारी। हाथों के स्पर्श मात्र से, पढ़ लेती थी हृदय की बाते, नैनों... Hindi · कविता 1 270 Share Shivansh Mishra 19 Oct 2018 · 1 min read शिकारी तड़फड़ाती छटपटाती जल बिना है वो बेचारी, किन्तु उसकी प्यास को समझे कभी ना ये शिकारी। उसकी चंचल चाल ऐसी सागर कभी स्थिर ना रहता, जल को जीवन मानती, पर... Hindi · कविता 1 272 Share Shivansh Mishra 13 Dec 2018 · 2 min read ऐ ट्यूबलाइट ऐ ट्यूबलाइट, जिस तरह शाम को कमरे पर पहुंचते ही स्वतः उंगलियां स्विच पर चली जाती हैं और तू ऐसे फट्ट से मुस्कुरा देती है जैसे सिर्फ मेरे ही आने... Hindi · लेख 283 Share Shivansh Mishra 2 Nov 2019 · 1 min read वक़्त हो तो रंग बारिश का समझना घास के छप्पर को सम्भाली, माटी की मोटी दीवारें, गीत झोपडी की वो गाती, बांस की हल्की पतली टाटी। वक़्त हो तो झाँक कर तुम देखना झरोखों से, फिर समझना... Hindi · कविता 1 249 Share