शिवम् सिंह सिसौदिया Tag: कविता 12 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid शिवम् सिंह सिसौदिया 1 Nov 2018 · 1 min read विषय- माँ, विधा- गीत ( साहित्यपीडिया काव्य प्रतियोगिता ) साहित्यपीडिया काव्य प्रतियोगिता विषय- माँ विधा- गीत रुलाता है सारा ज़माना, तू ही तो आँसू पोंछती है माँ, मैने कुछ खाया है कि नहीं, तू ही तो यह सब सोचती... Hindi · कविता 152 37 798 Share शिवम् सिंह सिसौदिया 18 Oct 2018 · 1 min read कविता- "जब याद तुम्हारी आती है" कविता- "जब याद तुम्हारी आती है" भारी भारी सब कुछ लगता, कुछ करने को जी ना करता | जब याद तुम्हारी आती है, जब याद तुम्हारी आती है ||1|| कुछ... Hindi · कविता 3 276 Share शिवम् सिंह सिसौदिया 17 Oct 2018 · 1 min read कविता- “मैं हूँ नारी” - कवि शिवम् सिंह सिसौदिया "अश्रु" कविता- “मैं हूँ नारी” यत्न से जिसको जलाया पँक्ति को देना है दीपक, दान करके तजनी होगी ज़िन्दगी की सभी रौनक, त्यागने मुझको पड़ेंगे स्वप्न जीवन के सलोने, त्यागने मुझको... Hindi · कविता 3 377 Share शिवम् सिंह सिसौदिया 2 Oct 2018 · 1 min read कविता- बापू की नाराज़गी बा से (2 अक्टूबर 2018- महात्मा गाँधी जयन्ती को लिखी गई) कविता- बापू की नाराज़गी बा से (2 अक्टूबर 2018- महात्मा गाँधी जयन्ती को लिखी गई) बापू की नाराज़गी बा से बात थी छोटी सी मगर, छोटी होकर भी मोटी थी,... Hindi · कविता 2 427 Share शिवम् सिंह सिसौदिया 2 Oct 2018 · 1 min read कविता - हाथ बढ़ाना यारा रे, होगा कल हमारा रे | कविता - हाथ बढ़ाना यारा रे, होगा कल हमारा रे | हाथ बढ़ाना यारा रे, होगा कल हमारा रे | यारा कदम बढ़ाना रे, होगा कल हमारा रे || साथ... Hindi · कविता 2 606 Share शिवम् सिंह सिसौदिया 2 Oct 2018 · 1 min read कविता-जय जगत कहे चलो ( बिनोवा भावे जी के नारे- जय जगत से प्रेरित होकर लिखी गई कविता ) *कविता-जय जगत कहे चलो* ( बिनोवा भावे जी के नारे- जय जगत से प्रेरित होकर लिखी गई कविता ) जय जगत कहे चलो बढ़े चलो बढ़े चलो | चेतना के... Hindi · कविता 2 583 Share शिवम् सिंह सिसौदिया 29 Sep 2018 · 1 min read कविता- वह आदिवासी है (कवि शिवम् सिंह सिसौदिया) कविता- वह आदिवासी है (कवि शिवम् सिंह सिसौदिया) सँभाल रखी हैं परम्परायें संस्कृति आदिम व्यवस्था जिसने वह भारत का वासी है, वह आदिवासी है | हुए विनाश उन सभ्यताओं के,... Hindi · कविता 2 391 Share शिवम् सिंह सिसौदिया 28 Sep 2018 · 1 min read कविता- मैं हूँ अश्रु उस भूमिहीन का (कवि- शिवम् सिंह सिसौदिया "अश्रु") कविता- मैं हूँ अश्रु उस भूमिहीन का (कवि- शिवम् सिंह सिसौदिया "अश्रु") मैं हूँ 'अश्रु' उस भूमिहीन का, जो दिखने में लगता निर्बल, निर्बल होकर भी परम सबल, उसकी हुंकार... Hindi · कविता 2 477 Share शिवम् सिंह सिसौदिया 27 Sep 2018 · 1 min read वह काटती फसलें (एक महिला किसान पर कविता)- कवि शिवम् सिंह सिसौदिया 'अश्रु' वह काटती फसलें -------------------------- (एक महिला किसान पर कविता) कवि शिवम् सिंह सिसौदिया 'अश्रु' वह काटती फसलें देखा मैने उसे धूप में लिये जाते तसले | न कोई छायावान वृक्ष... Hindi · कविता 2 344 Share शिवम् सिंह सिसौदिया 26 Sep 2018 · 1 min read कविता- भूमिहीनों का सत्याग्रह भूमिहीनों का सत्याग्रह कवि- शिवम् सिंह सिसौदिया 'अश्रु' हम कब कहते कि हमें तुम्हारी सम्पति अपरम्पार मिले | हम कहते हैं संतोष हमे बस जीने का आधार मिले || सुख... Hindi · कविता 2 195 Share शिवम् सिंह सिसौदिया 18 Sep 2018 · 1 min read कविता - "मैं अटल हूँ" स्वयं के आत्मबल का साक्षात्कार कराती एक दिव्य कविता जो माननीय पूर्व प्रधानमंत्री एवं मूर्धन्य कवि, महान राष्ट्रभक्त और ग्वालियर के गौरव लाड़ले सपूत स्वर्गीय श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी... Hindi · कविता 2 571 Share शिवम् सिंह सिसौदिया 17 Sep 2018 · 1 min read कविता- अंतर्मन की कौन सुने? कविता- अंतर्मन की कौन सुने? रहीं भावना टूट यहाँ पर, अंतर्मन की कौन सुने? अपने प्रियजन रूठ रहे हैं, अंतर्मन की कौन सुने? ख्वाब नये दिल में नित आते, ये... Hindi · कविता 2 450 Share