Shiva Awasthi Tag: प्रकृति 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shiva Awasthi 13 Jan 2023 · 1 min read आ जाओ न प्रिय प्रवास तुम नाच रहे हैं जंगल-जंगल, नैना बाँध स्वप्न के घुँघरू। पूछ रहे हैं कहाँ खिले हो, कौन डाल के नीचे ठहरूँ? सघन वनों के काहीपन में, खिल जाओ न प्रिय पलाश... Hindi · गीत · प्रकृति · प्रेम · प्रेमगीत 4 330 Share Shiva Awasthi 22 Sep 2022 · 1 min read दूब माली काका, माली काका! मुझे दूब की उम्र बताओ। दूब कहां बोता है कोई, प्यार सरीखी उग आती हैं। बागों की अनचाही बेटी, बेफिक्री में बढ़ जाती हैं। दूब नोचते... Hindi · गीत · प्रकृति · मानवीकरण · शिवा 4 215 Share