Shilpi Singh Tag: कविता 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shilpi Singh 18 Sep 2021 · 1 min read मेरे करुण हृदय की पुकार सुनो। #प्रकाशित मेरे करुण हृदय की पुकार सुनो। ख़फ़ा हो तुम, मेरे वजूद से बावरी मै नहीं , ज्ञात हैं मुझे। जो लिखे हैं तुक मैने , तुम्हारी गुणगान सुनो। मेरे... Hindi · कविता 4 2 620 Share Shilpi Singh 18 Sep 2021 · 1 min read क्राँति की ज्योति तुम अग़र रणभूमि का सहारा बनो, मै क्राँति की ज्योति ... जलाती रहूँ।। तुम यूँही अखंडता को बनाये रखो, मै वीरों की गाथा .......सुनाती रहूँ।। कितनी माता की ......गोद हैं... Hindi · कविता 1 506 Share Shilpi Singh 28 Jun 2018 · 1 min read मेघ उमड़ आये.... ***मेघ उमड़ आये**** रूपसी सुन तेरा मधुर स्वर , सहसा मेघ उमड़ आये। जलते कण की पुकार सुन, आज मेघ उभर आये। पुलकित होकर धरा, निहारती नभ दर्पण है। ओढ़... Hindi · कविता 3 358 Share Shilpi Singh 18 Jun 2018 · 1 min read *रिश्तों को मरते देखा* *रिश्तों को मरते देखा* आयी आँधी एक बार बस, चमन को उजड़ते देखा। मैने रिश्तों को मरते देखा।। मर गया प्रेम जगत में , सब व्यर्थं बातें बोल रहें। अमृत... Hindi · कविता 2 491 Share Shilpi Singh 13 Jun 2018 · 1 min read सौ बार नमन हैं* सौ बार नमन हैं उनको, जिसने विश्व में पहचान बनाया हैं। तमगा लेकर वीरता का, देश का सम्मान बढ़ाया हैं।। कट जाए सर चाहे वतन पर , वो कभी नहीं... Hindi · कविता 1 459 Share Shilpi Singh 5 Jun 2018 · 1 min read **कहाँ गया वो युग** कहाँ गया वो युग, जब हर तरफ़ हरियाली थी। बागों का श्रृंगार कोयल से, और बच्चों की किलकारी थी। अपने जीवन को मानव, अपने हाथों से काटते हो। वृक्ष लगाने... Hindi · कविता 2 1 487 Share Shilpi Singh 1 Jun 2018 · 1 min read ***मै प्रेम दीवानी घनश्याम की*** ***मै प्रेम दीवानी घनश्याम की*** प्राणों के दीप जलाऊँ प्रतिपल, मै प्रेम दीवानी घनश्याम की।। सकल जगत बोले मुझपे व्यंग्य हैं, हुआ जब से शुरू मेरे प्रेम का प्रसंग है।... Hindi · कविता 2 593 Share