Shekhar Chandra Mitra Tag: गीत 1 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shekhar Chandra Mitra 6 Apr 2024 · 1 min read जंगल, जल और ज़मीन ज़ख्म फिर से हरे हुए ख़्वाब देखकर मरे हुए... (१) इतना दर्द रखेंगे कहां दिल हमारे भरे हुए... (२) हाकिम हमें क्या समझेंगे दिमाग़ लेकर सड़े हुए... (३) देश को... Hindi · गीत 1 54 Share Shekhar Chandra Mitra 6 Apr 2024 · 1 min read वक़्त का सबक़ साहिल से सागर का अंदाज़ नहीं होता चाहत से ही आदमी आबाद नहीं होता... (१) वक़्त हमें बहुत कुछ समझा दिया करता हर एक सवाल का जवाब नहीं होता... (२)... Hindi · गीत 1 45 Share