Shekhar Chandra Mitra Tag: कविता 2724 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Shekhar Chandra Mitra 11 Apr 2023 · 1 min read बहुजन दीवाली आओ कुछ चिराग़ जलाएं उस मसीहा के नाम! हम अपने-अपने घर पर 14 अप्रैल की शाम!! सदियों से महामारी बने मनुवादी रोगों का! जिसने पहली बार किया कारगर रोकथाम!! Hindi · कविता 258 Share Shekhar Chandra Mitra 11 Apr 2023 · 1 min read कान खोलकर सुन लो हम इस देश के मालिक हैं तुम्हारे ग़ुलाम नहीं! हमें हमारा हक़ चाहिए तुम्हारा एहसान नहीं! हिंदू-मुस्लिम के नाम पर तुम हमें बहकाओ मत! हम कोई साज़िश न समझें अब... Hindi · कविता 293 Share Shekhar Chandra Mitra 9 Apr 2023 · 1 min read मज़दूर खून-पसीना बहाकर भी क्या पाते मजदूर बेचारे! हड्डी-पसली तुड़वाकर भी क्या पाते मजदूर बेचारे! वह भी इन बेईमानों से देखा नहीं जाता है अब! जिंदगी दांव लगाकर भी क्या पाते... Hindi · कविता 386 Share Shekhar Chandra Mitra 9 Apr 2023 · 1 min read कालजयी रचनाकार सभ्यता और संस्कृति के पांच हजार साल के इतिहास में तुमने कितनी रचनाएं की अपने देश और समाज के जलते हुए प्रश्नों पर? वो शास्त्रीय, कालजयी और सम्भ्रांत कृतियां हमारे... Hindi · कविता 436 Share Shekhar Chandra Mitra 9 Apr 2023 · 1 min read वैज्ञानिक चेतना की तलाश जलते सवालों पर विचार भारत में क्यों नहीं होता? घातक रोगों का उपचार भारत में क्यों नहीं होता? हम पश्चिमी देशों के भरोसे आखिर कब तक बैठे रहेंगे? कोई खोज... Hindi · कविता 604 Share Shekhar Chandra Mitra 4 Apr 2023 · 1 min read हकमारी भाषणबाजी से पेट नहीं भरता कुछ कीजिए साहब! मजदूरों को उनके हकों में से कुछ दीजिए साहब! बद्-दुवा ही बद्-दुवा अब तक कमाई है आपने! इन गरीबों की दुवाएं भी... Hindi · कविता 268 Share Shekhar Chandra Mitra 4 Apr 2023 · 1 min read झूठा घमंड तुम ही थे कभी 'विश्वगुरु' तुम ही थे कभी 'सोने की चिड़िया'! हम नहीं मानेंगे हरगिज़ मान ले यह चाहे सारी दुनिया! मर्दों से तुमने क्या कराया औरतों को तुमने... Hindi · कविता 440 Share Shekhar Chandra Mitra 4 Apr 2023 · 1 min read दुनिया की आख़िरी उम्मीद हैं बुद्ध खुद ही मिटते जा रहे बुद्धत्व को मिटाने वाले! आज उन्हें आशा से देख रहे हैं जमाने वाले! भारत से तो बुद्ध को हटा दिया गया लेकिन! वह कभी क्या... Hindi · कविता 421 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Apr 2023 · 1 min read उर्दू बांधे क्या समां! यह उर्दू जुबां!! कुर्बां यह दिल! सदके यह जां!! #अदब #शायरी #कविता #Urdu #poetry #ग़ज़ल #Ghazal #language #भाषा #रेख़्ता #ज़ुबान Hindi · कविता 1 928 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Apr 2023 · 1 min read ख़िराज-ए-अक़ीदत हम कर्जदार हैं ऐसे इंकलाबियों के! हम अहसानमंद हैं ऐसे बागियों के!! जिन्होंने अपने ख़ून से हमारे कलंक धोए! हम शुक्रगुजार हैं ऐसे एहतिजाजियों के!! #आंदोलन #प्रदर्शन #धरना #प्रतिरोध #जुलूस... Hindi · कविता 445 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Apr 2023 · 1 min read मज़दूरों का पलायन कोई भूख के मारे रो रहा है! कोई पटरियों पर सो रहा है!! किसी में हिम्मत ही नहीं कि पूछे! देश में यह सब क्या हो रहा है!! #हल्ला_बोल #बुद्धिजीवी... Hindi · कविता 394 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Apr 2023 · 1 min read आदिम परंपराएं आधे जागे तो आधे सोए जा रहे हम! तो भी अपनी दुर्दशा पर रोए जा रहे हम! न जाने शर्म क्यों हमें ज़रा भी नहीं आती! वही आदिम परंपराएं ढोए... Hindi · कविता 736 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Apr 2023 · 1 min read साहित्य का पोस्टमार्टम तहज़ीब की ओट में छिपा बियाबान कहां है आख़िर? सदियों के सफ़र में हमारी पहचान कहां है आख़िर? ऐ शहजादों और परियों के किस्सों से बहलने वालों! किसानों और मज़दूरों... Hindi · कविता 208 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Apr 2023 · 1 min read हिंदू धर्म की यात्रा यह नव-उत्थान है कि पतन मैं नहीं जानता! यह आत्म-ज्ञान है कि भरम मैं नहीं जानता! 'हे राम' से 'जय श्रीराम' तक हिंदू धर्म की यात्रा! यह स्वाभिमान है कि... Hindi · कविता 185 Share Shekhar Chandra Mitra 1 Apr 2023 · 1 min read बहुजन विमर्श सुनो हाकिमों, ख़ामोशी के दिन बीत गए हैं! हम अपने दर्द को गाना सीख गए हैं! अब किसी भी झांसे में हम नहीं आने वाले! तुम्हारे असली चेहरे हमें दिख... Hindi · कविता 181 Share Shekhar Chandra Mitra 31 Mar 2023 · 1 min read खुदकुशी नहीं, इंक़लाब करो कुचली हुई हर जान के लिए टूटे हुए हर दिल के लिए! तुम्हें जीना होगा इस देश के बेहतर मुस्तकबिल के लिए!! किसी हीरे को परखना है तो एक जौहरी... Hindi · कविता 1 202 Share Shekhar Chandra Mitra 29 Mar 2023 · 1 min read विपक्ष आत्मघाती है सत्यानाशी है विपक्ष! सर्वनाशी है विपक्ष!! रेत में शुतुरमुर्ग-सा आत्मघाती है विपक्ष!! विपक्ष जब जितना ही नहीं चाहता तो जनता उसे क्या जिताएगी? भाजपा या आरएसएस नहीं, विपक्ष ख़ुद ही... Hindi · कविता 303 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Mar 2023 · 1 min read भूखे भेड़िए सत्ता के भूखे भेड़ियों को होता है पसंद! मासूम भेड़ों और हिरनों के लहू का रंग!! वे चाहते हैं कि होते रहें चारों तरफ! दंगे-फसाद, लूट-मार और युद्ध-जंग! #राजनीति #धर्म... Hindi · कविता 459 Share Shekhar Chandra Mitra 25 Mar 2023 · 1 min read मूर्ख जनता-धूर्त सरकार मूर्ख जनता को मिला करती धूर्त सरकार ही अक़्सर! यहां सयाना वही जो बीच से निकल ले चुपचाप बचकर!! वैसे भी इस अभागे देश का अब कुछ नहीं होने वाला!... Hindi · कविता 504 Share Shekhar Chandra Mitra 25 Mar 2023 · 1 min read इंक़लाब आएगा गैरत को अपनी बेचकर आख़िर क्या पा जाएगा! तू यहां भी पछताएगा तू वहां भी पछताएगा!! कोई लाख सितम कर ले कोई लाख जुलम कर ले! लेकिन इंक़लाब आता है... Hindi · कविता 159 Share Shekhar Chandra Mitra 25 Mar 2023 · 1 min read कहां गए वे शायर? सच पर से पर्दा उठाने वाले शायर कहां गए! सत्ता का चेहरा दिखाने वाले शायर कहां गए!! अपनी क़लम से तलवार का काम लेते हुए! व्यवस्था की नींव हिलाने वाले... Hindi · कविता 2 441 Share Shekhar Chandra Mitra 24 Mar 2023 · 1 min read धर्मगुरु और राजनेता इंसानी चेतना के क़ातिल ये धर्मगुरु और राजनेता! हमारी बर्बादी में शामिल ये धर्मगुरु और राजनेता! विज्ञान और तकनीकी से नौजवानों को दूर करके! उनको बना रहे हैं जाहिल ये... Hindi · कविता 313 Share Shekhar Chandra Mitra 24 Mar 2023 · 1 min read आपातकाल वैसे तो हमारे देश में कोई भी कमी नहीं है! लेकिन जहां होना था जिसे वह वहीं नहीं है!! जनता गुलाम रहने की अपनी पुरानी आदत से! जल्दी छुटकारा पाएगी... Hindi · कविता 176 Share Shekhar Chandra Mitra 24 Mar 2023 · 1 min read भगतसिंह का आख़िरी खत ज़िंदगी हो तो ऐसी हो कि मौत को भी इश्क़ हो जाए! मौत हो तो ऐसी हो कि ज़िंदगी को भी रश्क हो जाए! मैं इस काल कोठरी से लिख... Hindi · कविता 1 255 Share Shekhar Chandra Mitra 24 Mar 2023 · 1 min read घंटा हिलाने वाली कौमें सहराओं में बादल बरसाकर फसलें नहीं उगाया करती हैं! सितारों से आगे जाकर अपनी बस्तियां नहीं बनाया करती हैं!! तुम्हें मालूम भी है भगतसिंह ने क्या कहा था फांसी के... Hindi · कविता 151 Share Shekhar Chandra Mitra 23 Mar 2023 · 1 min read भगतसिंह:एक मुक्त चिंतक अगर आप धार्मिक आतंक से भरे हुए हैं तो! अगर आप जातीय घमंड से भरे हुए हैं तो! आपके लिए नहीं हैं बिल्कुल ही भगतसिंह! अगर आप वर्गीय पाखंड से... Hindi · कविता 255 Share Shekhar Chandra Mitra 23 Mar 2023 · 1 min read भगतसिंह भगतसिंह से हुए हम यूं ही नहीं मुतासिर! कुछ बात तो थी ही उस बंदे में आख़िर! सिस्टम के लिए वह कितना बड़ा चैलेंज था! जेल में रहकर ही उसने... Hindi · कविता 418 Share Shekhar Chandra Mitra 23 Mar 2023 · 1 min read भगतसिंह दरबार सजाना नहीं आता था भगतसिंह को! जयकार लगाना नहीं आता था भगतसिंह को! अपने दौर की नंगी सच्चाइयों से डर कर! निगाहें चुराना नहीं आता था भगतसिंह को! #विद्रोही... Hindi · कविता 473 Share Shekhar Chandra Mitra 23 Mar 2023 · 1 min read भगतसिंह ने कहा था रौंदे हुए ख़्वाबों की बात करो! कुचले हुए जज़्बों की बात करो!! भगवान की बकवास को छोड़कर! इंसान के मुद्दों की बात करो!! #भगतसिंह #चिंतक #विचारक #हल्ला_बोल #विद्रोही #इंकलाब #क्रांतिकारी... Hindi · कविता 358 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Mar 2023 · 1 min read पूजा नहीं, सम्मान दें! न बेटियां सुरक्षित न माताएं सुरक्षित! हमारे देश में तो बस गाएं सुरक्षित! अपने को आप भाग्यशाली मानिएगा! अगर अपनी बहनें रख पाएं सुरक्षित! #औरत #लड़की #स्त्री #महिला #देवी #पूजा... Hindi · कविता 345 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Mar 2023 · 1 min read सच की ताक़त इस मौत की वादी में भी तू ज़िंदगी का जश्न मना! आज नहीं तो कल तुझे आख़िर वैसे भी है मरना! सच की ताक़त के आगे झूठ की औकात ही... Hindi · कविता 219 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Mar 2023 · 1 min read विद्रोही मज़हब की कसौटी पर कसने के लिए तैयार नहीं हूं मैं! सियासत के इशारे पर नाचने के लिए तैयार नहीं हूं मैं! सुरक्षा, सुविधा और स्थिरता के मोह में दूसरों... Hindi · कविता 252 Share Shekhar Chandra Mitra 20 Mar 2023 · 1 min read घुटता है दम आख़िर क्या कभी सोचा तुमने क्यों मरा करते हैं मरने वाले! ऐ सांसों पर लगाकर पाबंदी जीने की नसीहत करने वाले! धर्म, सभ्यता और संस्कृति की हमें देंगे दुहाई किस... Hindi · कविता 382 Share Shekhar Chandra Mitra 20 Mar 2023 · 1 min read महाड़ सत्याग्रह मनोस्थिति के बदलते ही परिस्थिति बदल जाती है! क्या धरती-क्या आकाश सबकी गति बदल जाती है!! इस देश के नौजवान अब यह अच्छी तरह समझ लें! परिणति भी बदल जाती... Hindi · कविता 174 Share Shekhar Chandra Mitra 20 Mar 2023 · 1 min read सत्य को सूली तुम संभल जाओ अब भी वर्ना! तुम्हें बहुत पड़ेगा महंगा!! जुल्मतों का दौर है दुनिया में हुक़्मरानों को कुछ मत कहना!! #राजनीति #धर्म #तानाशाही #कवि #असहिष्णुता #ईशनिंदा #आलोचना #बुद्धिजीवी #चोट... Hindi · कविता 627 Share Shekhar Chandra Mitra 18 Mar 2023 · 1 min read सुधर जाओ, द्रोणाचार्य कहीं ऐसा न हो कि ख़ामख़ाह यहां एक और इंकलाब आए! अब हमारे गुस्से की लपेट में यह ज़ुल्मत का सम्राज्य आए! आख़िर कितना बर्दाश्त करेगा कोई एकलव्य ऐसी हकमारी!... Hindi · कविता 182 Share Shekhar Chandra Mitra 18 Mar 2023 · 1 min read गुलामी की ट्रेनिंग पहले तो हुई ब्रेन वाशिंग फिर सोशल कंडीशनिंग! आज की नहीं, कल की नहीं, हफ़्ते, महीने या साल की नहीं, जनता को दी गई गुलामी की यहां पीढ़ी दर पीढ़ी... Hindi · कविता 452 Share Shekhar Chandra Mitra 17 Mar 2023 · 1 min read कालजई रचना उस निर्णायक मौक़े पर जब मानवता की चीखों से हिल उठी थी यह धरती और इस देश या समाज को तुम्हारी सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी, तुम एक दरबारी शायर बनकर... Hindi · कविता 187 Share Shekhar Chandra Mitra 16 Mar 2023 · 1 min read सच बोलने की हिम्मत जिसे कोई लालच नहीं वही सच बोल सकता है! जिसे किसी से डर नहीं वही सच बोल सकता है!! अपने देश और समाज के जलते हुए सवालों पर! जिसे थोड़ा... Hindi · कविता 543 Share Shekhar Chandra Mitra 15 Mar 2023 · 1 min read जंगल का रिवाज़ यही सदियों से रहा है किसी जंगल का रिवाज़! भेड़ियों से मिलकर ही कोई शेर करता है राज!! और भी आदमख़ोर हो उठता है वह हैवान! बस एक बार ख़ून... Hindi · कविता 149 Share Shekhar Chandra Mitra 14 Mar 2023 · 1 min read कार्ल मार्क्स ऐ दुनिया के मजदूरों एक हो! गोलियां अफ़ीम की फेंक दो!! आख़िर कैसे न टूटेंगी ज़ंजीरें इंक़लाब की आग में सेंक दो!! #कार्लमार्क्स #कम्यूनिस्ट #श्रम #सर्वहारा #मजदूर #गरीब #हक #शोषित... Hindi · कविता 349 Share Shekhar Chandra Mitra 14 Mar 2023 · 1 min read परवाज़ की कोशिश बुलंदियां छूने में नाकाम एक परिंदा! अहले-चमन में बदनाम एक परिंदा!! पूरी कोशिश तो की हमने परवाज़ की! लेकर मरा होंठों पर मुस्कान एक परिंदा!! #challenge #हौसला #हिम्मत #प्रेरणा #नौजवान... Hindi · कविता 511 Share Shekhar Chandra Mitra 10 Mar 2023 · 1 min read रिसते हुए घाव ये सभ्यता के सौदागर ये संस्कृति के ठेकेदार! तुम औरतों के अपराधी हम शूद्रों के गुनहगार! हिंदू राष्ट्र और राम राज्य क्या भर सकेंगे हमारे घाव! हुआ नहीं इस सिस्टम... Hindi · कविता 348 Share Shekhar Chandra Mitra 9 Mar 2023 · 1 min read बवंडर इधर क़ातिल उधर लूटेरे जत्था बदलकर क्या होगा! व्यवस्था को बदले बिना सत्ता बदल कर क्या होगा! अच्छी तरह हमें उनका इलाज़ करना होगा वर्ना! वे मूतते रहेंगे ऐसे ही... Hindi · कविता 244 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Mar 2023 · 1 min read अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस प्रतिभा, परिश्रम और आत्म-संयम! नारी उन्नति के बस तीन हैं मंत्र!! इन्हें सिद्ध कर अपने जीवन में तुम बदल डालो यह प्राचीन तंत्र!! #WomensDay #सफलता #महिलादिवस #औरत #स्त्री #आत्मनिर्भरता #कामयाबी... Hindi · कविता 476 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Mar 2023 · 1 min read अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस नारी मुक्ति के बस तीन हैं मंत्र! शिक्षा, साहस और स्वावलंबन!! इन्हें सिद्ध कर अपने जीवन में तुम बदल डालो यह प्राचीन तंत्र!! #WomensDay #woman #life #freedom #Equality #educarion #Job... Hindi · कविता 1 552 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Mar 2023 · 1 min read अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस अगर दे सको तो उसे दे दो तुम बराबरी की आजादी! वह अपनी मर्ज़ी से कर सके किसी से भी प्यार या शादी! हमारी और तुम्हारी तरह ही आख़िर वह... Hindi · कविता 1 462 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Mar 2023 · 1 min read होली की मुबारकबाद इतनी काली करतूत नेताओं की टोली की! यहां पिचकारी से भी आवाज़ आती गोली की! जिनके दामन पर पड़े अवाम के ख़ून के छींटे! उनसे हम क्या लें अब मुबारकबाद... Hindi · कविता 383 Share Shekhar Chandra Mitra 6 Mar 2023 · 1 min read खुदकुशी से पहले जब काबिलियत पर सवाल उठे तो! जब नाकामी पर मलाल उठे तो! अपनी मां का चेहरा याद कर लेना! जब खुदकुशी का ख़्याल उठे तो! #दलित #आदिवासी #पिछड़ा #युवक #छात्रा... Hindi · कविता 1 1 281 Share Shekhar Chandra Mitra 6 Mar 2023 · 1 min read किसी औरत से ऐसे खुलेआम चौराहों पर नीलाम चढ़ोगी कब तक तुम? कभी अपनों से-कभी गैरों से अपमान सहोगी कब तक तुम? ख़ैर, हम तो नामर्द ही ठहरे लेकिन तुम तो बगावत कर... Hindi · कविता 1 605 Share Previous Page 2 Next