Sheela Gahlawat Seerat Tag: कविता 44 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sheela Gahlawat Seerat 19 Sep 2021 · 1 min read यादें यादें हसीन बुढापा आता बैरी हड्डियों में दर्द सताता बैरी शूगर-बी. पी. सब बढ़ जा दांतों में दर्द भी बढ़ जाता जिव्हा का स्वाद भी जाये हृष्ट- पुष्ट तन-मन ना... Hindi · कविता 1 399 Share Sheela Gahlawat Seerat 11 Sep 2021 · 1 min read मन मोहक मन मोहक तेरी छवि हर कोई तरसता यही एकदंत शुभगुणकानन जय गणेश जय गजानन नमन करूँ बुद्धि विधाता जग के हो जय आनंदानन रिद्धि- सिद्धी के तुम दाता विघ्न हरण... Hindi · कविता 2 413 Share Sheela Gahlawat Seerat 7 Sep 2021 · 1 min read चांदनी काग़ज़ की कश्ती, पानी में बहती जाती है हर मन की मस्ती, फूलों की बस्ती आती है तुम होते ख्यालों में ये फूल सुंदर लगते हैं तुम बिन फूलों की... Hindi · कविता 3 2 622 Share Sheela Gahlawat Seerat 30 Aug 2021 · 1 min read जख्म जीवन की इस पाठशाला में सीख लिए जीने के रंग ढंग चोट, आघात, ठेस, पीडा़... जख्म- घाव सहे हमने भी मधुशाला की पाठशाला सा ग़म का प्याला पी, जिए हम... Hindi · कविता 2 2 423 Share Sheela Gahlawat Seerat 29 Aug 2021 · 1 min read छेड़ी तान मेरा तन भी नाचे मेरा मन भी नाचे सुनकर मुरली धुन राधा रानी भी नाचे कान्हा ने छेडी तान राधा न अपनी सुध झुम के मन भी नाचे मतवाले को... Hindi · कविता 2 2 371 Share Sheela Gahlawat Seerat 28 Aug 2021 · 1 min read हिल-मिल मन लेकर बैठे खत को खत लेकर बैठे कुछ गुपचुप लेकर बैठे भूली बिसरी सी मीठी गुड़ -पेडी लेकर बैठे अपना कहने दिल करता हिल-मिल मन लेकर बैठे रब ने परदा झूठ उठा... Hindi · कविता 4 2 440 Share Sheela Gahlawat Seerat 22 Aug 2021 · 1 min read मन में खुशियाँ मनकों की माला पिरो रेशम की डोरी से बांधा प्रेम- प्रीत की डोर पिरो भाई- बहन का रिश्ता है ज्यूं पतंग संग डोर पिरो रोली, चंदन, अक्षत है धागों का... Hindi · कविता 1 347 Share Sheela Gahlawat Seerat 22 Aug 2021 · 1 min read पवित्र बंधन सज गये बाज़ार आ गई राखियाँ पवित्र बंधन है ये भाई-बहन का प्रेम बहना करती इन्तजार हर वर्ष बेसब्री से इन्द्र देव चले युद्ध को इंद्राणी ने सूत्र बांधा मौली... Hindi · कविता 2 2 551 Share Sheela Gahlawat Seerat 19 Aug 2021 · 1 min read तुम बिन रीता चुपके- चुपके से तुम आती हो, फिर भी तुम बिन रीता सपनों को मनकों में पिरो जाती, फिर भी तुम बिन रीता नजरों में तुम बसती हो, ये मेरा विश्वास... Hindi · कविता 2 2 435 Share Sheela Gahlawat Seerat 18 Aug 2021 · 1 min read फूल- कली मन के सांचे में ढलते ही जाना है बहता पानी, जैसे अपना लगता है ये हंसीन नज़ारे, जैसे मुस्काती हो उनका यूँ शरमाना अच्छा लगता है सरिता, झरने, मन भावन... Hindi · कविता 3 4 388 Share Sheela Gahlawat Seerat 15 Aug 2021 · 1 min read सबतै न्यारा, सबतै प्यारा है (हरियाणवी) देशां मं देश है म्हारा भारत सबतै प्यारा देश म्हारा सै है सबतै न्यारा, सबतै प्यारा है देश म्हारा, भारत देश सै है सोने की चिड़िया कहलाता सबतै ही प्यारा... Hindi · कविता 1 301 Share Sheela Gahlawat Seerat 15 Aug 2021 · 1 min read सितारों संग कभी बुलाये, कभी बिन बुलाये तुम चले आना सांझ ढले बुलाये चली पूर्वाह सीली- सीली बहारें चांद की चांदनी, आसमां के तले सितारों संग हम भी जगमगाएंगे तपती धरती ठंडी,... Hindi · कविता 3 2 296 Share Sheela Gahlawat Seerat 15 Aug 2021 · 2 min read एक भारत श्रेष्ठ भारत एक भारत श्रेष्ठ भारत एक भारत श्रेष्ठ भारत मिलकर भारत बनाना है भिन्न- भिन्न इंद्र धनुष के रंगों से सजाना है तरह- तरह के फूल पिरोकर माला बन जाती है... Hindi · कविता 3 2 393 Share Sheela Gahlawat Seerat 9 Aug 2021 · 1 min read हरियाली तीज हरियाली तीजा का , बडा़ ही है त्यौहार झूला झूलन न बरगद भी, कोई व्यवहार न वो इब अगड- पडो़स अब सब खत्म कोरोना न रही-सही कर दी कसर खत्म... Hindi · कविता 3 3 312 Share Sheela Gahlawat Seerat 7 Aug 2021 · 1 min read कुछ ख्याल रखें रखे हुए हैं कुछ ख्याल संभाल कर जब फुर्सत हो तब तुम ले जाना प्यार, प्रेम, इश्क़, मोहब्बत सब कुछ तस्वीरों में सज़ा के रखें, तुम ले जाना कच्चे- पक्के... Hindi · कविता 4 5 458 Share Sheela Gahlawat Seerat 2 Aug 2021 · 1 min read कच्चे मकान बारिश बरसे, बिजली चमके टूटी छत से पानी टप-टपके कच्चे मकान से कुछ रिश्ते हैं भटकते बिखरते कुछ रिश्ते हैं धरती आसमां का मिलन हुआ बूंदें बरसी, तन मिट्टी का... Hindi · कविता 4 4 320 Share Sheela Gahlawat Seerat 2 Aug 2021 · 1 min read माटी माटी तै माटी होरया सै जी लकडण नै होरया सै भरोसा कोनी पल भर का भी नखरे कई हजार दिखया रै सै ख्बाब मैं ही महल बनाये करदा आना पाई... Hindi · कविता 3 2 596 Share Sheela Gahlawat Seerat 31 Jul 2021 · 1 min read पंछी उड चले अब शाम होने को आई है, पंछी उड़ चले हैं बसेरों में। चलो हम भी तो लौट चलें अब अपने-अपने डेरों में। रोज की इस भागादौड़ में हम सब कुछ... Hindi · कविता 2 2 252 Share Sheela Gahlawat Seerat 28 Jul 2021 · 1 min read यादों के झरोखे डायरी के कुछ पल (यादों के झरोखे) मुश्किल उन लम्हों को भूल जाना बंद लिफाफे में तेरे पैगाम का आना चिठ्ठी पर लिखा देख कर नाम अपना, मेरे मन के... Hindi · कविता 2 653 Share Sheela Gahlawat Seerat 26 Jul 2021 · 1 min read रिमझिम फुहार बम भोले की पुकार रिमझिम पडी फुहार शिव भोले भंडार भरेगे श्रद्धा प्रेम से हृदय भरेगे कण- कण में हो संचार भवसागर से ही हो पार गले में है सर्पों... Hindi · कविता 2 324 Share Sheela Gahlawat Seerat 14 Jul 2021 · 1 min read उम्मीदों का घर उम्मीदों का घर बना ........ कच्ची मिट्टी से बना विश्वास की डोर बंधा सावन का महीना है बारिश का बंधा समा हसरतें मासूम होती है छोटे बच्चे के जैसे बना... Hindi · कविता 3 620 Share Sheela Gahlawat Seerat 12 Jul 2021 · 1 min read एहसासों की माला एहसासों की माला सिमरूं मैं सिमरूं पी के नाम ये माला मैं उगती रहेगी ख्वाबों की खेती लौटी वापस मायूसी की खेती खूशबू बन कर महकेगा जीवन दिल की धड़कन... Hindi · कविता 3 3 950 Share Sheela Gahlawat Seerat 9 Jul 2021 · 1 min read यादों के धागे धागे बुनती थी तेरी यादों के फिर क्यूँ है सवाल, बवाल आध- अधूरी सी सिलकी सी याद फिसल जाती है यादों में तुम को अक्सर मैंने बुना फिर हैं सवाल... Hindi · कविता 4 2 574 Share Sheela Gahlawat Seerat 7 Jul 2021 · 1 min read चंदन की खुश्बू लगती हर बात तेरी मुझको चंदन की खुश्बू सी लगती है आंचल का लहराना मुझको मलय पवन सी लगती है तेरे नयन का मुस्काना अभिनंदन सी लगती है हो जायेगा... Hindi · कविता 4 3 492 Share Sheela Gahlawat Seerat 23 Jun 2021 · 1 min read पल्लू चुनरी के पल्लू में बंधी कुछ यादों का खोलना कुछ सपने बुने थे.... खिड़की से चांद देखना सुख- दुख की फसल उगी हर मौसम के फल देखना खुशी की लहरें,... Hindi · कविता 3 1 621 Share Sheela Gahlawat Seerat 21 May 2021 · 1 min read बरसे बादल (ग़ज़ल) घिर आये हैं काले बादल तुझको क्या देंगे ये बादल कोख ज़मीं की हरी हुई है जब-जब भी हैं बरसे बादल बारिश होगी ख़ूब यहाँ पर उमड-घुमड़ कर आये बादल... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 4 386 Share Sheela Gahlawat Seerat 20 May 2021 · 1 min read रिश्ते अब भी है.,.... (रिश्ते तब भी थे) बच्चे अब भी हैं बच्चे तब भी थे.. रिश्ते अब भी हैं. रिश्ते तब भी थे.. वो बात न रही... सब फोन में व्यस्त है सबके कमरे के दरवाजे बंद... Hindi · कविता 3 3 308 Share Sheela Gahlawat Seerat 18 May 2021 · 1 min read बरसात (आसमान से बरसे हैं घन) ग़ज़ल (काव्य प्रतियोगिता) आसमान से बरसे हैं घन पुलकित होता मेरा तन-मन जबसे बारिश नाची आकर हरा-भरा है मेरा आँगन वर्षा-सावन अच्छे लगते कब भाता आँखों का सावन खेतों में... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 4 385 Share Sheela Gahlawat Seerat 25 Feb 2021 · 1 min read फूल और कांटे ये जीवन फूल और कांटों की हंसती, खेलती सुंदर सी बगिया है........... इसे हर पल, सीप के मोती और.... चमन के फूल.... खिलते रहते हैं...... शीला गहलावत सीरत चण्डीगढ़, हरियाणा Hindi · कविता 5 610 Share Sheela Gahlawat Seerat 24 Feb 2021 · 1 min read "आंखों की पहचान" पांवों में जान हो... मंजिल हमसे कभी न दूर हो आंखों में पहचान हो... इंसान हमसे कभी न दूर हो दिल में स्थान हो... अपने हमसे कभी न दूर हो... Hindi · कविता 3 2 472 Share Sheela Gahlawat Seerat 18 Feb 2021 · 1 min read अंकुरित से रिश्ते रिश्ते अंकुरित से होते हैं कुछ जिंदा से भी रहते हैं मुरझा जाते गलत फहमी में यूँ बिखर अंहकार में जाते हैं खुशियों का हर लम्हा तुम भी आन्नद की... Hindi · कविता 3 235 Share Sheela Gahlawat Seerat 17 Feb 2021 · 1 min read "हंस लेती हूँ" हंस लेती हूँ, हर बात पे गम छुपा लेती हूँ मैं अक्सर हर रस्म निभा जाती हूँ हाँ! हाथ सबसे मिला लेती हूँ हंसते हुए चेहरे को देख दुनिया दु... Hindi · कविता 2 4 234 Share Sheela Gahlawat Seerat 1 Feb 2021 · 1 min read "मोम इश्क़ पिघल रहा" मोम इश्क़ का पिघल रहा है मेरा दिल भी संभल रहा है नैनों ने कीं बातें जबसे ख़्वाब तुम्हारा ही पल रहा है ये आलम है बेचैनी का दिल अब... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 51 157 1k Share Sheela Gahlawat Seerat 29 Jan 2021 · 1 min read कुछ ठिठकी सी यादें सपनों की दहलीज पे कुछ ठिठकी सी यादें मेरी बांध लो! धूप के पल्लू में उन राहों की यादें मेरी सिरहाने पे जो पलों को तुमने ही सज़ा रखा है... Hindi · कविता 8 9 365 Share Sheela Gahlawat Seerat 21 Jan 2021 · 1 min read रचना मोहब्बत का होना जरूरी है कुछ पाना ओ खोना जरूरी है जीवन के रंग ढंग खास ऐसे ही गर हंसना हो रोना जरूरी है!! रूठे को मनाना जरूरी है सोते... Hindi · कविता 5 5 272 Share Sheela Gahlawat Seerat 20 Jan 2021 · 1 min read रचना कहीं घुम आयें आओ घूम कहीं आये हम जगह नई कहीं जाये हम आसमां से उपर उडते बादल मखमली सी ओड हम चादर हम- तुम उनमें खो जाये दिल- दो,... Hindi · कविता 3 2 255 Share Sheela Gahlawat Seerat 20 Jan 2021 · 1 min read रचना जिंदगी दूर से महकती फूलों की इक बगिया है जिंदगी.. कभी उलझी, कभी सुलझी सुंदर नज़ारा है जिंदगी मधुशाला यूँ ही बदनाम है हाथों जाम घोलती जिंदगी नेक रस्ते पर... Hindi · कविता 3 2 278 Share Sheela Gahlawat Seerat 19 Jan 2021 · 1 min read रचना जीवन जीवन की इस पाठशाला में सीख लिए जीने के रंग ढंग चोट, आघात, ठेस, पीडा़... जख्म- घाव सहे हमने भी मधुशाला की पाठशाला सा ग़म का प्याला पी, जिए... Hindi · कविता 3 6 302 Share Sheela Gahlawat Seerat 18 Jan 2021 · 1 min read रचना चांद यादों की गली में आता- जाता चांद मन की बात सुनकर जब जाता चांद दु:ख - सुख में संग मेरे रहता चांद घुम रहा है! अब मेरा तन्हा चांद... Hindi · कविता 6 9 391 Share Sheela Gahlawat Seerat 17 Jan 2021 · 1 min read रचना बीते हुए लम्हें उन लम्हों का क्या जो बीत गये उन यादों का क्या जो बीत गये खूबसूरत तराने हमारे पास बहुत हैं महकते रहने के बहाने पास बहुत हैं... Hindi · कविता 6 6 282 Share Sheela Gahlawat Seerat 17 Jan 2021 · 1 min read रचना प्रेम तेरी मीठी बातें सुनकर तारें गिन- गिन बीती रातें तुझको ही तुझसे से लिया अपने प्रेम हृदय में बसा लिया तेरी मीठी बातें सुनकर मैनें.. आसमां में तारें, गिन... Hindi · कविता 8 10 512 Share Sheela Gahlawat Seerat 16 Jan 2021 · 1 min read रचना हवा जब छुकर आ जाती वहम नया पैदा ला जाती बादल उमडता जाता न ई याद तेरी छा जाती चांद पिघल जाता है याद मीठी हो, गा जाता तेरा अफसाना,... Hindi · कविता 7 4 287 Share Sheela Gahlawat Seerat 15 Jan 2021 · 1 min read ईमली- गुड़ सी यादें बस यूँ ही, चलते-चलते मन की बात बोल दूं अपने दिल के राज, चलते-चलते खोल दूं ईमली-गुड़ सी बंधी मन की गांठ कैसे खोल दूं कुछ तुम बोलो, कुछ हम... Hindi · कविता 3 2 376 Share Sheela Gahlawat Seerat 13 Jan 2021 · 1 min read कोरोना कोरोना कोरोना को हरा कर है आया दिन सुहाना, आज दिन आया आई लोहड़ी है, छाई खुशियाँ दिखती हर सूरत मनमोहनी यहाँ कोरोना ने बुझा रखे थे दीपक चिराग दिलों... Hindi · कविता 8 7 389 Share