Shashi kala vyas Tag: मुक्तक 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shashi kala vyas 9 May 2021 · 1 min read *"माँ तो बस माँ होती है"* *"माँ तो बस माँ होती है"* *हिमालय से ऊँची सागर सी गहरी हो माँ,* *वायु सी गतिशील जप तपस्या में लीन हो माँ,* *जीवन दात्री ममतामयी शक्ति दायिनी हो,* *सांसों... Hindi · मुक्तक 3 1 584 Share Shashi kala vyas 28 Apr 2021 · 1 min read *"पुलकित मन"* *"पुलकित मन"* पुलकित मन अब छिन्न भिन्न हो गया , अंतर्मन व्याकुल हो दुखित हो गया , प्रभु शरण हरि नाम सुमिरन जप , पुलकित मन दृढ संकल्पित हो गया।... Hindi · मुक्तक 2 1 439 Share Shashi kala vyas 18 Feb 2021 · 1 min read *"खुली किताब"* मुक्तक - *"खुली किताब"* खुली किताब के पन्नों में खो जाती , जीवन जीने की ललक है जगाती, अकेलापन में सहारा दे जाती , चेतना जागृत कर सृजन कराती। *शशिकला... Hindi · मुक्तक 280 Share Shashi kala vyas 1 Sep 2020 · 1 min read *"प्रतीक्षा"* प्रतीक्षा करती राह देखती , धैर्य संयम तपस्या करती , झूठे बेर खिलाकर के , मुदित मन राम को भाती । जय श्री राम जय जय सिया राम।? Hindi · मुक्तक 4 601 Share Shashi kala vyas 1 Sep 2020 · 1 min read *"कल्पतरु "* देवलोक से वृक्ष आया , कल्पतरु देते हैं छाया , मन की इच्छा पूरी करता, समुद्र मंथन से यह पाया। जय श्री कृष्णा ????????? Hindi · मुक्तक 5 534 Share