Shashikant Bajpai 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Shashikant Bajpai 20 Dec 2018 · 1 min read 'विचरण' मन हिलोलें भर रहा, कुछ चल विचल सी तरंग में, ढूंढकर लाया है,कोई जलरंग सी पहेलियाँ, बूझकर वो ढिढोलियाँ, कर रहा विचरण ये कहकर, चल फिर हिलोलें भर सकें, साथ... Hindi · कविता 1 402 Share