विकास शुक्ल Language: Hindi 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid विकास शुक्ल 1 Jun 2024 · 1 min read तुम ही सुबह बनारस प्रिए तुम ही सुबह बनारस, तुम ही अवध की शाम प्रिए। तुम बिन कठिन था जीवन तुम ने बनाया सरल प्रिए, तुम न होती मेरे संग तो, मैं भटकता इधर उधर... Hindi 1 40 Share विकास शुक्ल 12 May 2024 · 1 min read मां इससे ज्यादा क्या चहिए मां तुमने जीवन दिया इससे ज्यादा क्या चहिए। प्रथम गुरु बन तुमने पढ़ाया इससे ज्यादा क्या चहिए। खुद भूखी रह मुझे खिलाया इससे ज्यादा क्या चहिए। खुद हो देवी पर... Hindi 131 Share विकास शुक्ल 2 Apr 2024 · 1 min read हाँ देख रहा हूँ सीख रहा हूँ देख रखा हूं सीख रखा हूं। लगता है आप कितने खास है, लेकिन आप इस्तेमाल मात्र हैं। हां देख रहा हूं सीख रहा हूं। लोग चालाकियो से मतलब निकालते हैं,... Hindi · कविता 706 Share