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788 posts
ख़ैर कुछ और दिन लगेंगे तुमसे कुछ कहने को,
ख़ैर कुछ और दिन लगेंगे तुमसे कुछ कहने को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
साथ उसके इक शाम गुजरी बड़ी शिद्दत से,
साथ उसके इक शाम गुजरी बड़ी शिद्दत से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
काश ऐसा हो, रात तेरी बांहों में कट जाए,
काश ऐसा हो, रात तेरी बांहों में कट जाए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बुढ़ापे में भी ज़िंदगी एक नई सादगी लाती है,
बुढ़ापे में भी ज़िंदगी एक नई सादगी लाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अब खोटे सिक्के भी उछाले जा रहे हैं खेल में,
अब खोटे सिक्के भी उछाले जा रहे हैं खेल में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
क़िस्मत
क़िस्मत
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इक उम्र चुरा लेते हैं हम ज़िंदगी जीते हुए,
इक उम्र चुरा लेते हैं हम ज़िंदगी जीते हुए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुझ जैसे शख़्स को दिल दे बैठी हो,
मुझ जैसे शख़्स को दिल दे बैठी हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ताल -तलैया रिक्त हैं, जलद हीन आसमान
ताल -तलैया रिक्त हैं, जलद हीन आसमान
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हौसलों के दिये आँखों में छिपा रक्खे हैं,
हौसलों के दिये आँखों में छिपा रक्खे हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इक नई मोड़ हर रोज़ सामने आ जाती है,
इक नई मोड़ हर रोज़ सामने आ जाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूँ ही राह तकता रहता हूं किसी राहगुज़र की,
यूँ ही राह तकता रहता हूं किसी राहगुज़र की,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
किसे कुछ काम नहीं रहता है,
किसे कुछ काम नहीं रहता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वो तो मां है जो मुझे दूसरों से नौ महीने ज्यादा जानती है
वो तो मां है जो मुझे दूसरों से नौ महीने ज्यादा जानती है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कोई होमवर्क नहीं मिल पा रहा है मुझे,
कोई होमवर्क नहीं मिल पा रहा है मुझे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वो मुझे बस इतना चाहती है,
वो मुझे बस इतना चाहती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आँखें क्या कुछ नहीं कहती है,
आँखें क्या कुछ नहीं कहती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हम भी मौजूद हैं इस ज़ालिम दुनियां में साकी,
हम भी मौजूद हैं इस ज़ालिम दुनियां में साकी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुहब्बत भी इक जरूरत है ज़िंदगी की,
मुहब्बत भी इक जरूरत है ज़िंदगी की,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूँ अदावतों का सफ़र तय कर रहे हो,
यूँ अदावतों का सफ़र तय कर रहे हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नहीं होता मुझपे नींद की गोलियों का असर,
नहीं होता मुझपे नींद की गोलियों का असर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बस इतना ही सफ़र तय करना है तुम्हारे साथ,
बस इतना ही सफ़र तय करना है तुम्हारे साथ,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जानां कभी तो मेरे हाल भी पूछ लिया करो,
जानां कभी तो मेरे हाल भी पूछ लिया करो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
किसी ने तो चांद को रुलाया होगा, किसे अब चांदनी से मुहब्बत न
किसी ने तो चांद को रुलाया होगा, किसे अब चांदनी से मुहब्बत न
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
परिंदे भी वफ़ा की तलाश में फिरते हैं,
परिंदे भी वफ़ा की तलाश में फिरते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ऐसी दौलत और शोहरत मुझे मुकम्मल हो जाए,
ऐसी दौलत और शोहरत मुझे मुकम्मल हो जाए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल" (महान स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी)
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"उत्सवों का महत्व"
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हर दिल-अजीज ना बना करो 'साकी',
हर दिल-अजीज ना बना करो 'साकी',
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बेटियां ही अपने बाप के लिए एक सर्वश्रेष्ठ परिचय होती हैं
बेटियां ही अपने बाप के लिए एक सर्वश्रेष्ठ परिचय होती हैं
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"उत्सवों का महत्व"
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"निज भाषा का गौरव: हमारी मातृभाषा"
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"हिंदी भाषा है, समाज का गौरव दर्पण"
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
क़िताबों से सजाया गया है मेरे कमरे को,
क़िताबों से सजाया गया है मेरे कमरे को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूं तन्हाइयों को अपने अंदर समेटे रक्खा है मैंने,
यूं तन्हाइयों को अपने अंदर समेटे रक्खा है मैंने,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जो मोंगरे के गजरों का शौकीन शख़्स हूं मैं,
जो मोंगरे के गजरों का शौकीन शख़्स हूं मैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इश्क़ ज़हर से शर्त लगाया करता है
इश्क़ ज़हर से शर्त लगाया करता है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पतझड़ सी उजड़ती हुई यादें भुलाई नहीं जाती है
पतझड़ सी उजड़ती हुई यादें भुलाई नहीं जाती है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नज़्म
नज़्म
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरी जो बात उस पर बड़ी नागवार गुज़री होगी,
मेरी जो बात उस पर बड़ी नागवार गुज़री होगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अपने हुस्न पर इतना गुरूर ठीक नहीं है,
अपने हुस्न पर इतना गुरूर ठीक नहीं है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़िन्दगी के सीधे सपाट रास्ते बहुत लंबी नहीं होती,
ज़िन्दगी के सीधे सपाट रास्ते बहुत लंबी नहीं होती,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरी मंज़िल क्या है,
मेरी मंज़िल क्या है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ख़बर थी अब ख़बर भी नहीं है यहां किसी को,
ख़बर थी अब ख़बर भी नहीं है यहां किसी को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ख़ुद में खोकर ख़ुद को पा लेने का नाम ही ज़िंदगी है
ख़ुद में खोकर ख़ुद को पा लेने का नाम ही ज़िंदगी है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़िन्दगी में पहाड़ जैसी समस्याएं होती है पर,
ज़िन्दगी में पहाड़ जैसी समस्याएं होती है पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
विनम्रता ही व्यक्तित्व में निखार लाता है,
विनम्रता ही व्यक्तित्व में निखार लाता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
'चाह' लेना ही काफ़ी नहीं है चाहत पूरी करने को,
'चाह' लेना ही काफ़ी नहीं है चाहत पूरी करने को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जो मन से ही बेहद कमजोर होगा,
जो मन से ही बेहद कमजोर होगा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बड़े दिनों के बाद महकी है जमीं,
बड़े दिनों के बाद महकी है जमीं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
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