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"निज भाषा का गौरव: हमारी मातृभाषा"
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"हिंदी भाषा है, समाज का गौरव दर्पण"
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
क़िताबों से सजाया गया है मेरे कमरे को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूं तन्हाइयों को अपने अंदर समेटे रक्खा है मैंने,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जो मोंगरे के गजरों का शौकीन शख़्स हूं मैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इश्क़ ज़हर से शर्त लगाया करता है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पतझड़ सी उजड़ती हुई यादें भुलाई नहीं जाती है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नज़्म
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरी जो बात उस पर बड़ी नागवार गुज़री होगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अपने हुस्न पर इतना गुरूर ठीक नहीं है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़िन्दगी के सीधे सपाट रास्ते बहुत लंबी नहीं होती,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरी मंज़िल क्या है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ख़बर थी अब ख़बर भी नहीं है यहां किसी को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ख़ुद में खोकर ख़ुद को पा लेने का नाम ही ज़िंदगी है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़िन्दगी में पहाड़ जैसी समस्याएं होती है पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
विनम्रता ही व्यक्तित्व में निखार लाता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
'चाह' लेना ही काफ़ी नहीं है चाहत पूरी करने को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जो मन से ही बेहद कमजोर होगा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बड़े दिनों के बाद महकी है जमीं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गलत बात को सहना भी गलत बात होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मैं कल के विषय में नहीं सोचता हूं, जो
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कल गोदी में खेलती थी
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इश्क़ में वक्त को बुरा कह देना बिल्कुल ठीक नहीं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चांदनी भी बहुत इतराती है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उनसे मुहब्बत करने से पहले ये देखना ज़रूर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
किसी भी बहाने से उसे बुलाया जाए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुहब्बत में शायरी का होना तो लाज़मी है जनाब,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
क़िरदार अपनी आंखों में झलक उठता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तुझे बंदिशों में भी अपना राहगुज़र मान लिया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हमें मजबूर किया गया 'अहद-ए-वफ़ा निभाने के लिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुहब्बत का इज़हार मांगती ज़िंदगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कोई तो है जो मुझे झरोखे से झांकता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कैद है तिरी सूरत आँखों की सियाह-पुतली में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जुगनूओं से कह दो, रात बड़ी बामशक्कत गुजरेगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उसके पास से उठकर किसी कोने में जा बैठा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़िम्मेदार ठहराया गया है मुझको,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उम्र जो काट रहे हैं तेरी यादों के सहारे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुझे पहचानते हो, नया ज़माना हूं मैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कभी आंखों में ख़्वाब तो कभी सैलाब रखते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ख़ुद हार कर भी जीत जाते हैं मुहब्बत में लोग,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मोहब्बत में कौन अपना होगा और कौन पराया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कई रंग दिखाती है ज़िंदगी हमें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कभी आंखों में ख़्वाब तो कभी सैलाब रखते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ये दिल तेरी चाहतों से भर गया है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कैसे कहें के तुझसे प्यार ही प्यार है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़िंदगी हर पल गुज़र रही है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरी सुखनफहमी का तमाशा न बना ऐ ज़िंदगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आँखों से आँखें मिलाने को वो तैयार रहती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आँखों में ज़िंदगी है ज़िंदगी एक ख़्वाब है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
फिर मुलाकात करेंगे ज़िंदगी से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"