डॉ. शशांक शर्मा "रईस" Tag: ग़ज़ल 57 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 6 May 2024 · 1 min read मिट्टी का एक घर मिट्टी का एक घर है मेरा, बरसात की चाहत रखता हूं!! कलेजा देख तो मेरा, मैं इसी तरह हर रोज़, मुसीबतों का सामना करता हूं!! आंखें ज़रूर नम हो जाती... Hindi · कविता · ग़ज़ल 47 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 5 May 2024 · 1 min read "जिंदगी की बात अब जिंदगी कर रही" जिंदगी की बात अब जिंदगी कर रही, किस कारण हमसे इतनी बंदगी कर रही!! इस क़दर उलझे हैं हम इन भंवर जालों में, अच्छे काम करके भी हमें शर्मिंदगी कर... Hindi · कविता · ग़ज़ल 38 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 5 May 2024 · 1 min read हम तो ऐसे नजारों पे मर गए: गज़ल हम तो ऐसे नजारों पे मर गए, आप बिलावजह बादलों से डर गए!! गम आए करीब हमने भाव नहीं दिया, मस्तियां बिखेरी हम जिधर भी गए!! समझ गए भाव जी... Hindi · ग़ज़ल 28 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 5 May 2024 · 1 min read मुझे पति नहीं अपने लिए एक दोस्त चाहिए: कविता (आज की दौर की लड़कियों को समर्पित) मुझे पति नहीं अपने लिए एक दोस्त चाहिए, जिसके बराबर चल सकूं वो हमसफ़र चाहिए!! अमीर लड़के के सोने की पिंजरे में कैद नहीं होना, ना ही चाभी की जीती... Hindi · कविता · ग़ज़ल 40 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 5 May 2024 · 1 min read धीरे-धीरे सब ठीक नहीं सब ख़त्म हो जाएगा धीरे-धीरे सब ठीक नहीं सब ख़त्म हो जाएगा, जीवन जहां पर रुका, वहीं से शुरू हो जाएगा!! ना तुमको हमराह ज़रूरत होगी हमसफ़र की, ना हमको कोई तलब होगी किसी... Hindi · कविता · ग़ज़ल 146 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 5 May 2024 · 1 min read अब मुझे यूं ही चलते जाना है: गज़ल पागलों सी इस दुनिया में, बस पागल बन जाना है!! अब मुझे यूं ही चलते जाना है, बस मंज़िल तक पहुंच जाना है!! दुनियां खूब जानती है हमें, बस नूर... Hindi · ग़ज़ल 32 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 5 May 2024 · 1 min read मिला एक दिन उनसे राह-ए-बाजार में: गज़ल मिला एक दिन उनसे राह-ए-बाजार में, सारी उम्र यूं गुज़र गई उनके इंतज़ार में!! फिर मिली न वो न मिला उनका कोई पता, कहीं पागल न हो जाऊं बस उनके... Hindi · ग़ज़ल 34 Share Previous Page 2