Shashank Mishra Language: Hindi 52 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shashank Mishra 9 May 2024 · 1 min read *मां* इस जग की बलिवेदी में, दीपक की ज्योति हो तुम l मानव जग के इस आधार की, पूर्ण रूप से देवी हो तुम l इस जग की बलिवेदी में, दीपक... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · मां 1 235 Share Shashank Mishra 9 May 2024 · 1 min read पल को ना भूलो पल को ना भूलो पल में, पल को ना भूलो पल में, किसी पल तुम अदृश्य रूप l तो किसी पल में सूक्ष्म रूप l और किसी पल में प्रकट... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · पल को ना भूलो 1 234 Share Shashank Mishra 9 May 2024 · 1 min read *पथ संघर्ष* शक्ति करें जो लौह अगर दहन जरूरी होता है, चमक सके जो स्वर्ण अगर तपन जरूरी होता है, सब कुछ जग में संताप नहीं संतोष जरूरी होता है l लक्ष्य... Poetry Writing Challenge-3 · *पथ संघर्ष* · कविता 289 Share Shashank Mishra 9 May 2024 · 1 min read *बसंत* बसंत तेरे आने से जान आ गई, पेड़ों में नहीं खुशबू, धरती पर फिर शान आ गई। बसंत तेरे आने से जान आ गई।। कभी ठंडक से ठिठुरता जीवन, सूरज... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · बसंत 1 264 Share Shashank Mishra 9 May 2024 · 1 min read *सरस्वती वंदना* हे माता मातेश्वरी सरस्वती, विनती एक बार सुन लीजो। ज्ञान देकर हृदय को पावन पवित्र कर दीजो, दया दृष्टि मुझ पर भी करो, मेरी गलती को क्षमा करो, भर दो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · सरस्वती वंदना 1 295 Share Shashank Mishra 9 May 2024 · 1 min read *इंसान बन जाओ* जीवन में विचारों की तस्वीर बन जाओ, मिटा सके जो अंधेरा ऐसा प्रकाश फैलाओ, क्यों दूर खड़े होकर तमाशा देखते हो l हाथ से हाथ मिलाकर इंसान बन जाओ ll... Poetry Writing Challenge-3 · इंसान बन जाओ · कविता 1 247 Share Shashank Mishra 9 May 2024 · 1 min read *शाश्वत सत्य* सत्य कटु है जानत सब कोई, बिन प्रेम जीवन में कछु ना होई। धन दौलत सब व्यर्थ हो जाई, बंगले महल सब यहीं रह जाई, पाप गठरिया जो तू ढोए,... Poetry Writing Challenge-3 · *शाश्वत सत्य* · कविता 215 Share Shashank Mishra 9 May 2024 · 1 min read *चाय और चाह* बातें दो-चार करें कैसे, हाल तुम्हारा सुने कैसे, कुछ गरम मधुर सा स्वाद बुने, चाह भरी इस चाहत में यादों का अंबार बुने। तीखी वाणी छोड़ो सबसे दो मीठी प्याली... Poetry Writing Challenge-3 · *चाय और चाह* · कविता 196 Share Shashank Mishra 9 May 2024 · 1 min read *किताब* कड़ी-कड़ी जुड़कर ही बनती है जंजीर सभी, अक्षर-अक्षर जुड़कर ही बनती है तकदीर सभी, मूल्य बड़ा ही होता है, जीवन के संचालन में, पन्नों में ही गीत छुपा है, उज्जवल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · किताब 214 Share Shashank Mishra 9 May 2024 · 1 min read *लड़ाई* क्या मिलेगा तुम्हें आज की लड़ाई में, क्या मिलेगा तुम्हें आज की लड़ाई में, खून खराब और जग की रुसवाई में, क्या मिलेगा तुम्हें आज की लड़ाई में। क्या करोगे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · लड़ाई 194 Share Shashank Mishra 9 May 2024 · 1 min read *जीवन का सत्य* यह जीवन है अनमोल रतन, कुछ खोना है कुछ पाना है। पाकर भी न इतराना है, खोकर भी हंसते जाना है। यह जीवन है अनमोल रतन, कुछ खोना है कुछ... Poetry Writing Challenge-3 · *जीवन का सत्य* · कविता 217 Share Shashank Mishra 9 May 2024 · 1 min read *मेरी व्यथा* इस जग के करुण वेदन में, करुणा के दीपों में, कुछ नई सृष्टि की रचना में, अलंकृत की वर्षा हो तुम, मेरी इस व्यथा की रचना हो तुम। जग का... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · मेरी व्यथा 260 Share Shashank Mishra 9 May 2024 · 1 min read *तृण का जीवन* चल पड़े हैं ऐसी डगर को, जहां का हम पता पूछते हैं, आज हम वीरान हवाओं से पूछते हैं, बताओ मेरी मंजिल है कहां। कभी दुनिया को देखते हैं, कभी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · तृण का जीवन 168 Share Shashank Mishra 9 May 2024 · 1 min read *धरती का वरदान* जीवन में सभी उमंग, फिर से छाने लगी, आम के पेड़ों में फिर से बौर आने लगी याद आता है वो कल जब लाया था एक बीज प्रेम प्राण से... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · धरती का वरदान 227 Share Shashank Mishra 9 May 2024 · 1 min read यथार्थ* चींटी ऐसी सूक्ष्म जीव जो देती जीने की राह निज पथ पर मनुष्य बढ़े कैसे हमको देती है सिखला पथ एक मनुष्य का कर्तव्य पूर्ण अनुशासन में जीवन जो चला... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · यथार्थ 296 Share Shashank Mishra 9 May 2024 · 1 min read *यात्रा* भयभीत कभी ना होना तुम, जीवन की कठिनाई में चलना स्वयं ही पड़ता है हर महत्तम ऊंचाई में निश्चय ही विजय तिलक श्रृंगार तुम्हारा कर देगी उपहास उड़ाने वालों को... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · यात्रा 201 Share Shashank Mishra 9 May 2024 · 1 min read *नसीहत* साफ नीयत रख ली अगर तो हाथ बढ़ाकर गले लगाओ तो सही उड़ने को सारा आकाश पड़ा है पंख पूरे फैलाओ तो सही तन्हा रहोगे क्या अक्सर कभी मेरे घर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · नसीहत 263 Share Shashank Mishra 8 May 2024 · 1 min read *कलमें इतिहास बनाती है* समस्त धारा के जीवन का, अस्तित्व कहां से आया है नर नारी और पशु पक्षी ने, कितना सहयोग निभाया है प्रमाण सभी हैं पृष्ठों पर, आधार तभी हम पाते हैं... Poetry Writing Challenge-3 · *कलमें इतिहास बनाती है* · कविता 231 Share Shashank Mishra 8 May 2024 · 1 min read *प्राकृतिक संगीत* कुदरत का कण कण, हर ओर हर भाव भरा है गीतों से बिन शब्दों का संगीत बना रसखान भरा है गीतों से बूंदों का धरती पर गिरना, नदियों का कल... Poetry Writing Challenge-3 · *प्राकृतिक संगीत* · कविता 256 Share Shashank Mishra 8 May 2024 · 1 min read संकल्प सोचो तुम इस दुनिया में इस धरती का आधार कष्ट स्वयं ही सह कर के करती हम सब पर उपकार सोचो तुम इस दुनिया में इस मिट्टी का खेल इससे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · संकल्प 206 Share Shashank Mishra 8 May 2024 · 1 min read *खुद की खोज* ढूंढ लिया हमने जग सारा तन्हा खुद को पाया है व्यर्थ के सारे रिश्ते नाते व्यर्थ ही समय गंवाया है बिना ज्ञान के इस जीवन में कोई कमी अधूरी है... Poetry Writing Challenge-3 · *खुद की खोज* · कविता 294 Share Shashank Mishra 8 May 2024 · 1 min read *रंगों का कारोबार* हर चेहरे पर रंग लगा है हर रंग का रंग निराला है रंग के रंग में ऐसा उलझा रंग डाला रंग सारा है रंगों का बाजार सजा है पग पग... Poetry Writing Challenge-3 · *रंगों का कारोबार* · कविता 254 Share Shashank Mishra 8 May 2024 · 1 min read *प्रेम का डाकिया* अपने दिल का सारा हाल पन्नों पर लिख डाला दिल पर जो बीत रहा खत में सब कह डाला गीत बनाकर रखा था अपनी तकिया के नीचे शब्दों की माला... Poetry Writing Challenge-3 · *प्रेम का डाकिया* · कविता 195 Share Shashank Mishra 8 May 2024 · 1 min read *प्रेम नगरिया* धूप और छांव सा साथ हमारा वर्षा और बूंद सा एहसास हमारा निस्वार्थ प्रेम की परिभाषा हो बिन शब्दों की अद्भुत भाषा हो कितना मधुर हो हम दोनों का प्रेम... Poetry Writing Challenge-3 · *प्रेम नगरिया* · कविता 247 Share Shashank Mishra 8 May 2024 · 1 min read *नए दौर में* खाली झोला लेकर आए कितने नए साथ बनाए कुछ मामूली कुछ खास बने कितना समय लगा था सबको अपना बनाने में हम भी चल पड़े थे इस नए दौर को... Poetry Writing Challenge-3 · *नए दौर में* · कविता 170 Share Shashank Mishra 8 May 2024 · 1 min read *ये दिन भी गुजर जाएंगे* कौन अपना है और कौन पराया यह फिर ना बताएंगे उतरते ही वक्त के चश्मे सभी नजर आएंगे देख लेना ए मुसाफिर ये दिन भी गुजर जाएंगे बहते आंखों से... Poetry Writing Challenge-3 · *ये दिन भी गुजर जाएंगे* · कविता 239 Share Shashank Mishra 8 May 2024 · 1 min read *अंतस द्वंद* संघर्षों के अंगारे पर जीवन को जो झुलसा देता है, वक्त सदा ऐसे लोगों को ऊंचाइयों पर पहुंचा देता है! पहला कर्तव्य निष्ट बनाकर कर्तव्य करो निडर बनो, फिर सत्य... Hindi · *अंतस द्वंद* · कविता 2 191 Share Shashank Mishra 8 May 2024 · 1 min read पल को ना भूलो पल को ना भूलो पल में, पल को ना भूलो पल में, किसी पल तुम अदृश्य रूप l तो किसी पल में सूक्ष्म रूप l और किसी पल में प्रकट... Hindi · कविता · पल को ना भूलो 1 161 Share Shashank Mishra 8 May 2024 · 1 min read *पथ संघर्ष* शक्ति करें जो लौह अगर दहन जरूरी होता है, चमक सके जो स्वर्ण अगर तपन जरूरी होता है, सब कुछ जग में संताप नहीं संतोष जरूरी होता है l लक्ष्य... Hindi · *पथ संघर्ष* · कविता 209 Share Shashank Mishra 8 May 2024 · 1 min read *बसंत* बसंत तेरे आने से जान आ गई, पेड़ों में नहीं खुशबू, धरती पर फिर शान आ गई। बसंत तेरे आने से जान आ गई।। कभी ठंडक से ठिठुरता जीवन, सूरज... Hindi · कविता · बसंत 256 Share Page 1 Next