SHASHANK TRIVEDI 12 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid SHASHANK TRIVEDI 31 Aug 2023 · 1 min read गुरू द्वारा प्राप्त ज्ञान के अनुसार जीना ही वास्तविक गुरू दक गुरू द्वारा प्राप्त ज्ञान के अनुसार जीना ही वास्तविक गुरू दक्षिणा है। Quote Writer 1 339 Share SHASHANK TRIVEDI 17 Aug 2023 · 1 min read जीत चाहता है पूरा जहां जीतने को, पर खुद को जीत ना पाता है इन्द्रिय सुख मे बंधा हुआ तू मन को जीत ना पाता है हे मानव! तू किसको मूर्ख... Hindi 249 Share SHASHANK TRIVEDI 14 Aug 2023 · 3 min read यज्ञोपवीत आज प्रखर का यज्ञोपवीत है, वहीं प्रखर जिसको अंग्रेजी शिक्षा ने दिमाग से अंग्रेज़ व शरीर से भारतीय बना दिया। शायद इसीलिए वह उपनयन संस्कार नहीं कराना चाहता था परन्तु... Hindi 217 Share SHASHANK TRIVEDI 5 Aug 2023 · 5 min read शिरोमणि 'शून्य से शिरोमणि ' प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में सर्वश्रेष्ठ की स्थिति तक पहुंचना चाहता है, यहां तक एक योगी भी अपने योग, तप व ध्यान में सर्वश्रेष्ठ तक पहुंचने... Hindi 287 Share SHASHANK TRIVEDI 16 Apr 2022 · 1 min read मेरी कलम ने कहा आज, मेरी कलम ने मुझसे कहा बहुत दिन हो गए चलो कुछ लिखते है चलो कुछ कहते है क्यों चुपचाप बैठे हो चलो कुछ करते है तुम जिंदा हो ये... Hindi · कविता 5 6 252 Share SHASHANK TRIVEDI 26 Dec 2021 · 1 min read डोमिन चाची मैं दोपहर को वहा पहुंचा था। मम्मी पापा तो चाकी काड़ी वाले दिन ही पहुंच गए थे। मेरा पेपर था तो सीधे जनेऊ वाले दिन हीं पहुंच पाया।जब पहुंचा तो... Hindi · लघु कथा 3 2 296 Share SHASHANK TRIVEDI 24 Dec 2021 · 4 min read दुहिता स्त्री ईश्वर की एक ऐसी अनुपम कृति , जो अपने सभी स्वरूपों में शिरोमणि है। माता के रूप में उसका मातृत्व, पुत्री के रूप में माता पिता का सम्मान, बहन... Hindi · लेख 3 2 409 Share SHASHANK TRIVEDI 13 Nov 2021 · 3 min read पचास रुपए का रावण वो दशहरे का ही दिन था, मैं बाल कटवाने नाई की दुकान पर गया हुआ था। भीड़ बहुत थी सो बाहर पड़ी मेज़ पर ही बैठ गया। तभी पांच छह... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 6 777 Share SHASHANK TRIVEDI 12 Nov 2021 · 1 min read प्रेमी का खत [ प्रस्तुत कृति में एक प्रेमी अपनी प्रेमिका को खत लिखकर उसका उसके जीवन में महत्व को बयां कर रहा है।] एक लेखक की कलम हो तुम एक कवि की... Hindi · गीत 4 6 760 Share SHASHANK TRIVEDI 10 Nov 2021 · 6 min read इस दिवाली भी जब भी इन फटती - दरकती दीवारों को देखता हूं तो लगाता है जैसे कंस किले की ये बूढ़ी बीमार दीवारें मिट्टी की उल्टी कर रही हों। इस वीरान किले... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 6 740 Share SHASHANK TRIVEDI 9 Nov 2021 · 3 min read पृथ्वी ने देखा है पृथ्वी ,जहां मृत्यु लोक बसता है; जहां प्रत्येक मनुष्य को मृत्यु आनी निश्चित है। शायद स्वयं ईश्वर भी इस नियम से बंधे हुए हैं, इसीलिए अजन्मा, अमर ईश्वर ने भी... Hindi · लघु कथा 2 2 582 Share SHASHANK TRIVEDI 8 Nov 2021 · 1 min read सॊऽहं यह कर्ता, कारण,क्रिया,कर्म, सब मेरे ही तो हैं स्वरूप; मैं सेवक , मैं ही सेव्य, अतः करता हूं अपना अभिनंदन! मैं रवि शशि ,मैं ही तारागण, मैं दिग दिगन्त, मैं... Hindi · कविता 4 6 659 Share