Roopali Sharma Tag: कविता 27 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Roopali Sharma 14 Nov 2024 · 1 min read सब ठीक है । मेरे पास भी है एक सुबह और एक शाम इस उम्मीद के नाम की हाँ सब ठीक है... ये अंधेरे वो उजाले वो बेवजह गमों के साए और हाथ में... Hindi · कविता 21 Share Roopali Sharma 22 Feb 2024 · 1 min read मै ही क्यूं !? मै ही क्यूं !? जब मन चाहे मीठे पकवान तब नज़र कर लेना उनकी तरफ जो सोते हैँ हफ्तों भूखे पेट और तू सोचता है मै ही क्यूं !? जब... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 100 Share Roopali Sharma 22 Feb 2024 · 1 min read कलम कलम आज फिर कलम की स्याही भीगी है लगता है आज फिर एहसासों का सैलाब उमड़ा है आज फिर कलम की स्याही भीगी है लगता है आज फिर किसी का... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 2 115 Share Roopali Sharma 22 Feb 2024 · 1 min read मुस्कुराना ज़रूरी है मुस्कुराना ज़रूरी है चाहे कैसे भी हो हालत लाना होठों पर बस ये बात पर...मुस्कुराना ज़रूरी है । आँखों मे हो आंसु अपार जीवन मे हो गम हज़ार पर...मुस्कुराना ज़रूरी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 107 Share Roopali Sharma 22 Feb 2024 · 1 min read गुरु गुरु कुछ ही गुज़री है उम्र जीवन का सार अभी बाकी है । संवारा है कितनो का भविष्य ना जाने कितनो को सन्मार्ग दिखाना अभी बाकी है । हर कर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 96 Share Roopali Sharma 22 Feb 2024 · 1 min read हमसफ़र हमसफ़र ख्यालों की दुनिया से अहसासों की हक़ीक़त तक सफर में तुम हमसफ़र रहना । धड़कन की आहट से रूह मिलन तक सफर में तुम हमसफ़र रहना । उगते सूरज... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 139 Share Roopali Sharma 22 Feb 2024 · 1 min read आयना आयना शख्सियत को पहचानता आयना रूप को संवारता आयना आत्मविश्वास बढ़ाता आयना पारदर्शिता का रूप आयना सच का स्वरुप आयना गहनता से तुम देखो आयना फिर हो जाओ तुम खुद... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 176 Share Roopali Sharma 22 Feb 2024 · 1 min read कुछ तो लोग कहेंगे ! कुछ तो लोग कहेंगे ! देख नीर नायनो में तुम्हे कमज़ोर कहेंगे लोगों का कम है कहना कुछ तो लोग कहेंगे ! मुस्कुरा दोगे गम मे गर तुम आश्चर्य का... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 112 Share Roopali Sharma 22 Feb 2024 · 1 min read धीरज धरो तुम धीरज धरो तुम उदासी मे मुस्कुराहट मे धीरज धरो तुम ! गम मे खुशी मे धीरज धरो तुम ! मुलाक़ात मे इंतज़ार मे धीरज धरो तुम ! दर्द मे दुआ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 137 Share Roopali Sharma 22 Feb 2024 · 1 min read शून्य शून्य यूँ तो कीमत कहाँ शून्य की शून्य बिन सब सून है शुन्यता है जीवन मे गर तो जीवन तुम्हारा अमूल्य है । कौन समझता ताकत इसकी कहते हैँ बस... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 61 Share Roopali Sharma 22 Feb 2024 · 1 min read इबादत इबादत इबादत के रंग हज़ार कहीं केसरी कहीं लाल मक़सद सिर्फ एक... दुआ इबादत के तरीके हज़ार कहीं जुड़े हाथ कहीं उठे हाथ मक़सद सिर्फ एक... दुआ इबादत की वजह... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 95 Share Roopali Sharma 22 Feb 2024 · 1 min read खूबसूरत बचपन खूबसूरत बचपन कागज़ की कश्ती थी गलियों मे ही समंदर का किनारा था कुछ इतना खूबसूरत बचपन हमारा था । मिट्टी के बर्तन थे मिट्टी का आशियाना था कुछ इतना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 52 Share Roopali Sharma 22 Feb 2024 · 1 min read इज़्ज़त की ठेकेदार बेटियां इज़्ज़त की ठेकेदार बेटियां घर की इज़्ज़त और इज़्ज़त की ठेकेदार बेटियां बेटे ज़िम्मेदार और एक ज़िम्मेदारी बेटियां मूछों का ताव बेटे और पगड़ी का मान बेटियां मा की शान... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 56 Share Roopali Sharma 22 Feb 2024 · 1 min read सड़क सड़क मजबूरी के सफर से ज़िम्मेदारी के लक्ष्य तक कुछ बोलती सड़क अनकहे राज़ खोलती सड़क...! अकेलेपन के सफर से भीड़ के मेले तक कुछ बोलती सड़क अनकहे राज़ खोलती... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 40 Share Roopali Sharma 22 Feb 2024 · 1 min read परोपकार परोपकार तू अकेला चल कहाँ तक जाएगा अकेला था अकेला ही रह जाएगा सहारा बन मनोबल बन सबका तू उत्थान खुद का भी कर जाएगा । तू अकेला चल कहाँ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 56 Share Roopali Sharma 22 Feb 2024 · 1 min read एक सुहागिन का 'शुक्रिया' एक सुहागिन का 'शुक्रिया' शगुन की पाजेब संग ग्रह प्रवेश देने का शुक्रिया । शगुन के कनक - कुंदन संग आशीर्वाद खरा देने का शुक्रिया । शगुन की चुनरी संग... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 44 Share Roopali Sharma 22 Feb 2024 · 1 min read मै (अहम) का मै (परमात्मा) से साक्षात्कार मै (अहम) का 'मै' (परब्राह्मक) से साक्षात्कार मै मै' हूँ मै तुझ मे हूँ मै सब मे हूँ तू बस मै है तू गुरुर है विश्वास नहीं । मै 'मै'... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 48 Share Roopali Sharma 22 Feb 2024 · 1 min read आजादी विचारों की आजादी विचारों की... रस्मों रीवाज़ो को तू माने बंधन रिश्तों का आधार कैसे बुन पाएगा तू सोच आजादी की आज़ाद तो कर इस बंधन का महत्व तब ही जान पाएगा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 53 Share Roopali Sharma 20 Feb 2024 · 1 min read माता पिता माता पिता मा की सुर्खी बिंदी की चमक से लेकर बच्चों के सर की छाव होते हैँ पिता । मा गर सार है ममता का तो मातृत्वा का आधार हैं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 76 Share Roopali Sharma 20 Feb 2024 · 1 min read मंझधार मंझधार समाज और परिवार की मंझधार में झूलता रहता है इंसान कभी परिवार के लिए समाज से तो कभी समाज के लिए परिवार से लड़ता रहता है इंसान । गरीब... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 85 Share Roopali Sharma 20 Feb 2024 · 1 min read ए ज़िंदगी ए ज़िंदगी है हिम्मत तो हरा के दिखा ए ज़िंदगी उस्ताद तो तू ही थी तू ही रहेगी परीक्षा गर तूने रची है तो परिणाम भी तू ही होगी ।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 43 Share Roopali Sharma 20 Feb 2024 · 1 min read प्रकृति प्रकृति बसाने को अपने नए घराने, कितने आशियाने उजाड़े हैँ जो बोया था बीज कल, फसल वही अब काट रहे हैँ प्रकृति के इस भयावह रूप से आज इसीलिए हम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 53 Share Roopali Sharma 20 Feb 2024 · 1 min read प्रेम प्रेम............ ना अल्फाज़ों का मोहताज़ ना ख़ामोशी का ग़ुलाम गुफ़्तगू से परे है प्रेम । ना तारीखों का गुलदस्ता ना तोहफ़े का फूल यादगार् पलों का बागीचा है प्रेम ।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 57 Share Roopali Sharma 17 Feb 2024 · 1 min read तो क्या हुआ... !? तो क्या हुआ...!? यूँ तो बेटियों के नाम किये हैँ कई हथियार, महज़ किताबों मे हैँ तो क्या हुआ ! यूँ तो रोज़ निकल पड़ते हैँ मोमबत्तियां हाथों मे लिए,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 51 Share Roopali Sharma 15 Feb 2024 · 1 min read स्त्री हो तुम ! स्त्री हो तुम ! पंखों की ख्वाहिश् रखती हो ऊँची उड़ान् भरना चाहती हो सुनो.....स्त्री हो तुम ! भर कर विश्वास की उड़ान् अपने पंखों का सम्मान करना । शिक्षा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 91 Share Roopali Sharma 15 Feb 2024 · 1 min read अर्धांगिनी अर्धांगिनी... दरवाज़े पर रखा कलश अपने क़दमों से छू कर मेरे घर की नीव रखी थी उसने, पिरो कर प्रेम के बन्धन में मेरा हर रिश्ता निभाती थी। सूरज की... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 142 Share Roopali Sharma 4 Feb 2021 · 1 min read प्रेम प्रेम..... ना अल्फ़ाज़ों का मोहताज ना खामोशी का ग़ुलाम गुफ़्तगू से परे है प्रेम । ना तारीख़ों का गुलदस्ता ना तोहफ़े का फूल यादों का खूबसूरत बाग़ीचा है प्रेम ।... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 47 495 Share