Sharda Madra 56 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Sharda Madra 28 May 2016 · 1 min read लिपियाँ सूखे की ये जल विहीन धरा की लिपियाँ सूखे की निशानी कुंभ सिर, हाथ धर चली पीताम्बरी, भरने पानी तपती दोपहर, गर्मी का कहर , वृक्ष नदी न नहर खोजे जल रसोई... Hindi · मुक्तक 414 Share Sharda Madra 28 May 2016 · 1 min read गीतिका कारे-कारे कजरारे बदरा रे नीर बहा रे तड़पे तपती धरती भी माटी की तपन बुझा रे पक्षी प्यासे भटक रहे जल देकर प्राण बचा रे त्रास मची गरमी भीषण शीतल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 306 Share Sharda Madra 28 May 2016 · 1 min read सूर घनाक्षरी पत्थर पहाड़ पत्ते, तपाये तपन तपें, आग आज अजगर, सा मुख फैलाये आदमी आकुल अब, पशु- पक्षी दुखी सब, बुझाए बुझे न बुरे, हालात बनाये पंख पसारे पवन, और उसारे... Hindi · घनाक्षरी 576 Share Sharda Madra 28 May 2016 · 1 min read कर्म फल सपने ने मुझसे कहा पाने की सदा तमन्ना रख परिश्रम हर्ष से बोला, प्राणी! मन को न अनमना रख पुस्तक करे इशारा, देर-सवेर मिलेगा कर्म फल दिल भी तुरंत बोल... Hindi · मुक्तक 465 Share Sharda Madra 28 May 2016 · 1 min read अमलतास हल्दी चढ़ी दुल्हन सरीखी सुशोभित डाल है चंदन सी सुनहरी मुस्कुराहट भी कमाल है पवन छू -छू कर करे शरारत गुलों से देखो ग्रीष्म में भी अमलतास का सौंदर्य मिसाल... Hindi · मुक्तक 1 387 Share Sharda Madra 16 May 2016 · 1 min read तोल-मोल तोल-मोल के बोल ये दुनिया गोल-मोल हंसी उड़ाये पल में देगी पोल खोल शब्दों पर अंकुश हो संशय हो न कोई वाणी वचनामृत में सुधारस घोल-घोल Hindi · कविता 1 429 Share Previous Page 2