Shakuntla Agarwal 48 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shakuntla Agarwal 29 May 2024 · 1 min read "नजरे" ऩजरों से नजरें मिली, वो मुस्कुरा गया उसका यूँ मुस्कुराना, मेरा दिल धडक़ा गया नज़रों का नज़रों से यूं मिलना जानेमन, यूँ सितम ढ़ा गया नजरों ने नज़रों से क्या... Hindi 9 1 97 Share Shakuntla Agarwal 29 May 2024 · 1 min read "आशिकी" आगोश में आते ही, गम कोसों दूर हुए, तारें ज़मीं पर दिखने लगे, हम ऐसे मदहोश हुए, मदहोशी का यह आलम है, बिन पिये नशे में चूर हुए, ज़ुल्फ़ जो... Hindi 5 118 Share Shakuntla Agarwal 28 May 2024 · 2 min read "वीर सेनानी" तन - मन जिन्होंने सौंप दिया, धरा को तिलक लगाने में, खून की नदियाँ बहा दी, धरती माँ को नहलाने में, उन्हीं वीरों की गाथा, आज मुझे सुनानी हैं, सिँह... Hindi 9 1 90 Share Shakuntla Agarwal 28 May 2024 · 1 min read "मानुष " यौवन तेरा ढ़लता जाये क्य़ों, तू प्राणी समझ ना पाये? बसन्त जाये तो पतझड़ आये पतझड़ में भी जो सम रह पाये असल में मानुष वही कहलाये सांसारिक बन्धन तुझे... Hindi 7 71 Share Shakuntla Agarwal 28 May 2024 · 1 min read "आम आदमी" आम आदमी की किसको फ़िक्र है, उनका सिर्फ़ क़िताबों में ज़िक्र है, प्रलोभनों का फंदा , उसके गले में डालते हैं, अपना मतलब निकालते हैं ! चाँदी का सिक्का उछालते... Hindi 6 122 Share Shakuntla Agarwal 25 May 2024 · 1 min read "कुमार्य " मैं ख़ास नहीं आम हूँ, आम ही रहने दो, दुनिया में आयी हूँ अगर, पाक साफ़ ही रहने दो ! मुझमें सीता का सा धैर्य नहीं, अग्नि परीक्षा दूँ !... Hindi 8 102 Share Shakuntla Agarwal 25 May 2024 · 1 min read "सबला" ज़माना नहीं अबला का, सबला बनना सीख, अपने अधिकारों के लिए लड़ना सीख, नौ रूप हैं देवी के, कब कौन सा है अपनाना? ये कला भी सीख ! भ्रूण बन... Hindi 1 75 Share Shakuntla Agarwal 24 May 2024 · 1 min read "बच्चा " दिल ये चाहे बच्चा बन जांऊ, मेघा जब गरजे झूम के बरसे, मेघा संग मैं भी नाचूं - गाऊं, छपाक छप-छप करके नहांऊ, बरसाती नालों में कागज की नाव चलाऊं,... Hindi 58 Share Shakuntla Agarwal 24 May 2024 · 1 min read " चलो उठो सजो प्रिय" . चलो उठो सजो प्रिय तुम्हें बहुत दूर जाना है अपनी सजी देेह का मातम मनाना है पीड़ा अपनी छुपा लबों से मुस्कुराना है चलो उठो सजो प्रिय तुम्हें बहुत... Hindi 13 5 139 Share Shakuntla Agarwal 23 May 2024 · 1 min read "गंगा मैया" नख से निकली भगवान विष्णु के ब्रम्हा के कमण्डल ने समाहित किया अवतरण होते ही धरती पे शिव जटाओं ने आकार दिया मंगलवार ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष दशमी को हस्त... Hindi 5 109 Share Shakuntla Agarwal 23 May 2024 · 1 min read "चिन्ता" . चिन्ता है मुझे उन खेत खलियानों की सूने मकानों की उजड़ी चौपालों की खाक उड़ती गालों की दरकती हवेलियों की शान्त नोहरों की पटते जोहडों की जहां कभी मेला... Hindi 5 75 Share Shakuntla Agarwal 22 May 2024 · 1 min read "मैने प्यार किया" मैंने उसे प्यार किया, उसने खींच के थप्पड़ दिया, खड़ा था पास में, क़िताब थी हाथ में, गिरता तो संभल जाता, बिन गिरे कैसे संभल पाता, निकली जो पास से,... Hindi 6 1 95 Share Shakuntla Agarwal 21 May 2024 · 1 min read " राजनीति" . खुले दरीचों से झांक रहे, गुनहगार सलाखों की कहां औकात, उन्हें रोके ये सारा खेल राजनीति का है हिम्मत कहां, कोई उन्हें टोके मोहरे उनके, खेल भी उनका शकुनि... Hindi 3 70 Share Shakuntla Agarwal 20 May 2024 · 1 min read "वृद्धाश्रम " . अपनों को उन्नत करने की चाह ने, आज इस मुक़ाम पर ला खड़ा किया, ना अपने हैं, ना आशियाना, वृद्धाश्रम ही मेरा ठिकाना, सोचा था उनके साथ, मैं भी... Hindi 5 78 Share Shakuntla Agarwal 19 May 2024 · 1 min read "माला" साँसों की माला टूट गयी तब, जोड़ने वाला कोई नहीं, यौवन के मद में भरके बन्दे, तू इतना इतराता है, तुझे सुबह-शाम का पता नहीं, फ़िर भी तू गणित लगाता... Hindi 2 63 Share Shakuntla Agarwal 18 May 2024 · 2 min read "युद्ध के परिणाम " दुशासन के लहू से, अपने केशों को धो चुकी थी, दुर्योधन की भी जंघा टूट चुकी थी, कौरव वंश ख़ाक में मिल चुका था, घर - घर में चिता जल... Hindi 1 49 Share Shakuntla Agarwal 16 May 2024 · 1 min read "चित्कार " मेरी एक ना ने तुम्हें इतना निष्ठुर बना दिया तुमने तेजाब से मेरा चेहरा जला दिया मुझे अजायबघर में सजा दिया क्या तुम्हारी आसक्ति इतनी गहरी है ? मुझे क्या... 4 94 Share Shakuntla Agarwal 14 May 2024 · 1 min read उलझनें" लहरों पे हवाओं के रुख, पहचान लेता हूँ, तूफानों का रुख बदलकर ही, दम लेता हूँ, आग कितनी भी सीने में, सुलगे मगर, फोटो खिचाने के लिए, अक्सर मुस्कुरा देता... Poetry Writing Challenge-3 8 2 114 Share Shakuntla Agarwal 13 May 2024 · 1 min read "कोई गुजर गया शायद" चंद लोग ही दिखे जनाजे में, फिर कोई बेनाम मौत मर गया शायद, दूर तक काफिला ही काफिला नजर आया, बड़ा नेता कोई गुजर गया शायद, बेनाम ही आते हैं... Poetry Writing Challenge-3 8 3 62 Share Shakuntla Agarwal 15 Jun 2023 · 1 min read "आज़ाद परिंदा" आज़ाद परिंदा हूँ मैं, मुझे न बाँधों, इन दर - दीवारों में, सोने के पिंजरे में, दम मेरा घुट रहा, कटक निम्बोली ही अच्छी है, तुम्हारें सत - पकवानों से,... Poetry Writing Challenge 136 Share Shakuntla Agarwal 15 Jun 2023 · 1 min read "दिल चाहता है" दिल चाहता है, फिर से प्रेमी बन जाऊँ, एक डाली पर बैठ, तोता - मैना बन, चौंच लड़ाऊँ, मन ही मन इतराऊं, बालों में ऊँगली घुमाते, घंटों बतियाऊँ, ज़ुल्फ़ों की... Poetry Writing Challenge 134 Share Shakuntla Agarwal 15 Jun 2023 · 1 min read "बिन हमसफ़र" बिन हमसफ़र अधूरी है ज़िन्दगी, बिन पानी मछली सरीखी है ज़िन्दगी, तड़प - तड़प कर आह निकलती है, नासूर बन निकलती है ज़िन्दगी, दिल में लावा धधकता है रात -... Poetry Writing Challenge 151 Share Shakuntla Agarwal 15 Jun 2023 · 1 min read "चिंगारी" ज़मानें की निग़ाहों से, छुपाकर रखना प्यार की चिंगारी को, पहले हवा देकर भड़कायेंगे, फिर आग लगा देंगे, कहीं जल न जाये, मेरे प्यार का आशियाना, इन आग की लपटों... Poetry Writing Challenge 229 Share Shakuntla Agarwal 15 Jun 2023 · 1 min read "संवाद जरूरी है" यूँ तो अक्सर मैं चुप रहती हूँ, फ़न पे पैर जब पड़ता, तिलमिला उठती हूँ, मन करता है हुँकार भरूँ, अन्याय के विरूद्ध संवाद करूँ, संवाद जरूरी है, पर कौन... Poetry Writing Challenge 155 Share Shakuntla Agarwal 15 Jun 2023 · 1 min read "पहले जैसा कहाँ बसंत" मधु मास आ गया, उल्लास छा गया, शिशिर का अंत, बसंत का आगमन, फूलों को महका गया, पीली - पीली सरसों फूली, चारों तरफ़ उजास छा गया, फिर भी लगता... Poetry Writing Challenge 158 Share Shakuntla Agarwal 15 Jun 2023 · 1 min read "कर्म बड़ा या भाग्य बड़ा है" कृष्ण गीता में समझाऐं, कर्म करें जो मन लगाऐं, भाग्य अपना स्वयं बनायें, जो भाग्य भरोसे बैठा, वो रण छोड़ कहाये, एक के भाग्य में फूल भरें हैं, दूसरे के... Poetry Writing Challenge 159 Share Shakuntla Agarwal 15 Jun 2023 · 1 min read "सृष्टि का चक्र" तेरी - मेरी औकात ही क्या, सृष्टि ने चक्र चलाया रे, झूठी माया, झूठी काया, फिर तू क्यूँ भरमाया रे, राम ने सीता को त्यागा, सीता ने वनवास सहा, इक... Poetry Writing Challenge 241 Share Shakuntla Agarwal 15 Jun 2023 · 1 min read "तन - मन - धन सब है झूठा" तन - मन - धन सब है झूठा, मोह, माया, जग है फंदा, रात - दिन बस तुझे मैं ध्याता रहूँ, मिट्टी की यह देह हमारी, इक दिन मिट्टी में... Poetry Writing Challenge 1 88 Share Shakuntla Agarwal 15 Jun 2023 · 1 min read "दर्पण झूठ नहीं कहता" झूठी माया, झूठी काया, झूठा है सब संसार, झूठे बँधनों में बँधकर, बन्दे, ईश्वर को नहीं पहचाना, हंस तन के जब उड़ेगा, कुछ भी साथ नहीं जाना, ये सच्चाई है... Poetry Writing Challenge 76 Share Shakuntla Agarwal 15 Jun 2023 · 1 min read "नैय्या" जीवन नैय्या तेरे हवाले, पतवार ले प्रभु आप सँभाले, लहरों पे हिचकोले खाये, बीच भँवर में ये लड़खड़ाये, पतवार ले माझी बन जाओ, जीवन नैय्या को पार लगाओ, जीवन नैय्या... Poetry Writing Challenge 83 Share Shakuntla Agarwal 15 Jun 2023 · 1 min read "जीवन सूना बिन तुम्हारें" रूह का हर तार पुकारे, जीवन सूना बिन तुम्हारे, आ जाओ प्रियतम प्यारे, कहाँ चलें गये करके किनारे, कजरा रूठा, गजरा रूठा, माँग का सिन्दूर भी रूठा, रात - दिन... Poetry Writing Challenge 64 Share Shakuntla Agarwal 15 Jun 2023 · 2 min read "बोल लेखनी कुछ तो बोल" बोल लेखनी कुछ तो बोल, अपने मन की गांठे खोल, सदियों से जो दर्द पल रहा, उसकी सारी परतें खोल, बोल लेखिनी कुछ तो बोल, दुनिया में जो कोहराम मचा... Poetry Writing Challenge 74 Share Shakuntla Agarwal 15 Jun 2023 · 1 min read "कुछ टूट रहा परिवारों में" पश्चिमी संस्कृति ने ऐसा रंग दिखाया, बिखराव हो रहा संस्कारों में, हँसी खो गई, ख़ुशी खो गई, कुछ टूट रहा परिवारों में, मान - मर्यादा सभी खो गई, युवा पीढ़ी... Poetry Writing Challenge 58 Share Shakuntla Agarwal 15 Jun 2023 · 1 min read "स्वर्ग - नर्क का द्वार यहीं है" जैसी करनी वैसी भरनी, लेन - देन का व्यापार यहीं है, जैसा कर्म करेगा बन्दे, उसका प्रतिफल मिले यहीं हैं, स्वर्ग - नर्क का द्वार यहीं है, झोली किसी की... Poetry Writing Challenge 77 Share Shakuntla Agarwal 15 Jun 2023 · 1 min read "पंचतत्व में मिल जाना हैं" पंचतत्वों से बना शरीर, पंचतत्वों में ही मिल जाना हैं, छोड़ झूठे अहम को बन्दे, कुछ हाथ नहीं आना हैं, झूठी काया, झूठी माया, सब यहीं रह जाना हैं, पंचतत्वों... Poetry Writing Challenge 146 Share Shakuntla Agarwal 15 Jun 2023 · 1 min read "रमता जोगी" रमता जोगी गाता जाये, क्यूँ रम गया तू, जग में आये, झूठी काया, झूठी माया, हाथ पसारे, इक दिन जाये, पंचतत्वों से बना शरीर, पंचतत्वों में ही मिल जाये, फिर... Poetry Writing Challenge 88 Share Shakuntla Agarwal 15 Jun 2023 · 1 min read "अश्रुधारा" मन व्यथित हो जाता है तब, उदग्नि बढ़ जाती हैं, उसकी तपन मिटाने को, अश्रुधारा बह जाती है, अश्रुधारा तो हैं ऐसी गंगा, जब चाहे बह जाती हैं, गम मिले... Poetry Writing Challenge 72 Share Shakuntla Agarwal 15 Jun 2023 · 1 min read "परली पार" मुझे तो ले चल परली पार, तू मेरा कृष्णा, मैं तेरी राधे, काहे की दरकार, मुझे तो ले चल परली पार, मुझे तो ले चल परली पार, जग को छोड़... Poetry Writing Challenge 78 Share Shakuntla Agarwal 15 Jun 2023 · 1 min read "रहनवा" हिसाब क्या करूँ तुमसे, ऐ मेरे रहनवाओं, तुमने क्या लिया, क्या दिया, खून के एक -एक कतरें से, मुझे सींच दिया, बोझ मरी नौ माह, मेरे लिए एक - एक... Poetry Writing Challenge 62 Share Shakuntla Agarwal 15 Jun 2023 · 1 min read "ऐसा पहली बार हुआ" ऐसा पहली बार हुआ, मन - मयूर थिरकने लगा, नाम लबों पे आते ही, मनवा मचलने लगा, ऐसी खुमारी छाई, दीदार को मन, तरसने लगा, बिन पीये ही मन, बहकने... Poetry Writing Challenge 78 Share Shakuntla Agarwal 15 Jun 2023 · 1 min read "युद्ध की त्रास्दी" अँधेरे का डेरा, नहीं कहीं सवेरा, गिद्धों का बसेरा, मलबों में लाशों के ढ़ेर, प्रियजनों को अवेर, दहशतग्रस्त इंसा, बचा नहीं कोई अपना, चाहे रोना - चीखना, फ़रियाद लिए कहाँ... Poetry Writing Challenge 65 Share Shakuntla Agarwal 15 Jun 2023 · 1 min read "बेटियाँ" माँ - बाप के घर जब, जन्म पाती बेटियाँ, जीवन में खुशियाँ, लाती हैं बेटियाँ, माँ - बाप का भाग्य, चमकाती हैं बेटियाँ, संग में भाग्य लक्ष्मी, लाती हैं बेटियाँ,... Poetry Writing Challenge 67 Share Shakuntla Agarwal 15 Jun 2023 · 1 min read "गुरु" गुरु जी आन पधारे री, आज मेरे आंगना, असुवन पग धोये री, आज मेरे आंगना, भिलनी जैसे बाट निहारती, पलकन अपने आँगन बुहारती, चख - चख बेर भिलनी जैसे, अपनी... Poetry Writing Challenge 59 Share Shakuntla Agarwal 15 Jun 2023 · 1 min read "उलझनें" लहरों पे हवाओं के रुख, पहचान लेता हूँ, तूफानों का रुख बदलकर ही, दम लेता हूँ, आग कितनी भी सीने में, सुलगे मगर, फोटो खिचाने के लिए, अक्सर मुस्कुरा देता... Poetry Writing Challenge 74 Share Shakuntla Agarwal 15 Jun 2023 · 1 min read "अंतर्द्वंद" अंतर्द्वंद चल रहा, क्या गलत किया, क्या ठीक किया, बच्चों को पढ़ाया - लिखाया, आकाश छूने भेज दिया, दौलत की चाह में, आशियाना सूना किया, न बच्चों का कलरव, न... Poetry Writing Challenge 67 Share Shakuntla Agarwal 15 Jun 2023 · 1 min read "रिश्ते" नाराजगी नजर आए अगर व्यवहार से अगर आगे बढ़ गले लगा लेना आंखों की कोर पर आंसू नजर आए आगे बढ़ पलकों के छलकते आंसू अपने चुंबन से पी लेना... Poetry Writing Challenge 1 1 75 Share Shakuntla Agarwal 15 Jun 2023 · 1 min read "वरिष्ठ नागरिक" साठ का होते ही, मन बड़ा हर्षाया, वरिष्ठ नागरिक का, तगमा जो हमने पाया, सरकार ने भी, राहतों का खज़ाना, हम पर लुटाया, दायित्वों से छुटकारा मिला, थोड़ा सुकून पाया,... Poetry Writing Challenge 1 54 Share Shakuntla Agarwal 15 Jun 2023 · 1 min read "ख्वाहिश" ख्वाहिश यही, बेमौत ना मारा जाऊँ, देश पे जान लुटाऊँ, वीर सेनानी कहलाऊँ, झण्डे में लिपट घर आऊँ, माँ का लाल कहलाऊँ, अपने फर्ज से ना कतराऊँ, दुश्मनों के छक्के... Poetry Writing Challenge 88 Share