राही अंजाना Tag: कविता 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid राही अंजाना 6 Dec 2018 · 1 min read ईनाम सब कुछ सहना है मगर तुम्हें अपना नाम नहीं लेना है, आदमी तभी हो तुम जब तुम्हें कोई ईनाम नहीं लेना है, रखना है रोककर तुम्हें अपने आँखों के आसुओं... Hindi · कविता 403 Share राही अंजाना 6 Dec 2018 · 1 min read रूह जिस्म ऐ माटी में इस रूह को डालता कौन है, बनाकर इन पुतलों को ज़मी पर पालता कौन है, मिलाकर हवा पानी आसमाँ आग पृथ्वी को, वक्त वक्त पर ख़ुशी... Hindi · कविता 471 Share राही अंजाना 6 Dec 2018 · 1 min read जुगनू मन्ज़िल की तलाश में खुद राहों को जाना पड़ा, ख्वाबों की तलाश में जैसे आँखों को जाना पड़ा, चाँद सूरज जब रौशनी कर न सके मेरे दिल में, छोड़ कर... Hindi · कविता 435 Share राही अंजाना 6 Dec 2018 · 1 min read तस्वीर तस्वीर उसकी खोजते- खोजते खुद अपनी गुमा बैठा हूँ, आज मन्दिर में ही देखो अपनी मस्ज़िद बुला बैठा हूँ, वक्त लगा है अँधेरे समझ के दायरे से बाहर आने में,... Hindi · कविता 406 Share राही अंजाना 6 Dec 2018 · 1 min read खो जाऊं मैं खो भी जाऊँ तो मुझे ढूंढने मत आना तुम, और आना तो किसी को बोलके न आना तुम, बड़ी देर लग गई है मुझे यहां समझदार होने में, अब... Hindi · कविता 501 Share राही अंजाना 25 Nov 2018 · 1 min read माँ एक पल को भी जो मुझको नज़रों से ओझल होने न देती थी, बचपन में जो मैं छुप जाता वो एक पल में ही रो देती थी, ख़्वाबों की दुनियाँ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 37 642 Share