सीमा मौर्या 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid सीमा मौर्या 31 Mar 2018 · 1 min read "पत्ता"(इंसानी फितरत) देखा है बहारों को उजड़ते हुए हमने गिरते हुए पत्तों को, उडते हुए पत्तों को उन सूखे हुए पत्तों को जिन्हें पेड़ छोड़ देते हैं, अपने से हमेशा के लिए... Hindi · मुक्तक 2 3 506 Share