saurabh surendra 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid saurabh surendra 15 Jul 2017 · 1 min read बलिदान धुंधली सी आंखें मुरझाया सा चेहरा फटे कपड़े, टूटा चश्मा बदन इकहारा मुँह के अन्दर घुटी हुई सी सिसकी शायद दिल में कोई ज़ख्म है गहरा बेसब्र है दिखाने को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 317 Share saurabh surendra 13 Jul 2017 · 1 min read सकारात्मकता ना उम्मीदी के गहरे दरिया से निकालना है बहुत आसान सकारात्मकता का तेल डालकर विचार करो और प्रकाशवान ये सारी परिस्थितिया तुम्हारी सोच का ही तो है परिणाम सकारात्मक विचार... Hindi · कविता 497 Share saurabh surendra 13 Jul 2017 · 1 min read पिता ********पिता ******** वह फुलवारी का नायक, अडिग खड़ा उपवन में जो मुख, सूर्य सा तेज लिए, बगिया का पालक है वो जिसके मुख पर समय चिन्ह, चमकते हैं मणियों से... Hindi · कविता 1 1 572 Share saurabh surendra 13 Jul 2017 · 1 min read आतंकवादियों की देश के अंदर से सहायता वाले आस्तीन के सापों के लिए एक रचना देखकर हमारी शहादत जिसको खुशी मिलती है है अपना मगर शक्ल पड़ोसी से उसकी मिलती है ऐसा भी नही की मालूम न हो ठिकाना उसका पर सियासत के दिल में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 511 Share