Saurabh Kadam 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Saurabh Kadam 4 May 2024 · 1 min read आशाएं कभी-कभी सोचती हूँ ....! यूं ही...पहले की औरते, इतनी ताकत कैसे लाती थी । शायद .....! झोंक देती थी सपने अपने, चूल्हें की आग में, रोटियों के संग, खुद तपकर... Hindi 51 Share