satyam kumar yadav 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid satyam kumar yadav 3 Feb 2017 · 1 min read फिजूलखर्ची कांपते हुए उस भिखारी की जिंदगी ठिठुरते हुए गुजरती रही, उस बदनसीब को दान देना दुनिया फिजूलखर्ची समझती रही। बेशुमार दौलत जमा करके तुम्हें क्या फायदा होगा? एक रोज पेट... Hindi · कविता 323 Share satyam kumar yadav 12 Jan 2017 · 1 min read तुम्हारी सोच का जवाब नहीं तुम्हारी सोच का जवाब नहीं बेटा होने पर रात्रि भोज बेटी होने पर खबर नहीं तुम्हारी सोच का जवाब नहीं । बेटा होने पर डंका बाजे आतिशबाजी की कमी नहीं,... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 739 Share satyam kumar yadav 9 Jan 2017 · 1 min read मत मान हार मत मान हार तू जरूर जीतेगा, अपने मुरझाए बगीचे को तू ही तो सींचेगा । माना किस्मत की मार से तू कमजोर हो गया, इन कठिन परिस्थितियों में तेरा धीरज... Hindi · कविता 1 1 639 Share