सतीश मैथिल तनुज 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सतीश मैथिल तनुज 7 Feb 2017 · 1 min read बेटी का खत आता नहीं है रोज जो ख़त जैसी बन गई मैं सब लिख दिया माँ पढ लो अब कैसी बन गई मैं। मुझको वो तेरा आंगन अब लग रहा पराया बेटी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 1 475 Share सतीश मैथिल तनुज 12 Nov 2018 · 1 min read माँ गरीबी साथ थी जब तक तेरी ममता की छाया थी वक्त बदला है अब मेरा तुझे दिल ढूंढता है माँ । न तन ढंकने को थे कपडे तेरा आंचल बना... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 38 546 Share