Santoshi devi Tag: ग़ज़ल/गीतिका 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Santoshi devi 3 Aug 2022 · 1 min read विश्वास झूठे सच्चे दांव,यहाँ चलते हैं। हर पल में विश्वास,यहाँ छलते हैं।। कपटी बक ही पाठ,ध्यान का गाते। हंसा सज्जन हाथ,यहाँ मलते हैं।। गोदामों में माल,भरे बस कैसे। नीति नियम सच... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 252 Share Santoshi devi 22 Apr 2022 · 1 min read पिता शीर्षक-पिता जीवन भर बोझा ढोता है। अक्सर सुख से कब सोता है।। सीने में दफनाता हर गम। कभी न खुलकर वह रोता है।। हर विपदा के आगे वह तो। हरदम... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · ग़ज़ल/गीतिका 6 8 315 Share