Sanskriti jha Tag: मुक्तक 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sanskriti jha 1 Sep 2020 · 1 min read नामुमकिन लोगों ने कहा नामुमकिन है मैने भी मुस्कुराकर कहा जी हाँ साहब 'नाम मुमकिन है' Hindi · मुक्तक 4 2 400 Share Sanskriti jha 1 Sep 2020 · 1 min read विचार जब मैं रूठती हूँ तो किसी का साथ नही दिखता, जब मै रोती हूँ तो चुप कराने वाला हाथ नही दिखता, जब मै रोते रोते सो जाती हूँ तो प्यार... Hindi · मुक्तक 3 2 445 Share