Sanskriti jha Tag: कविता 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sanskriti jha 1 Sep 2020 · 1 min read करें क्या? करें क्या,क्या न करे ये जिंदगी है साहब बंदगी साथ लेकर चलती है अगर कुछ नही किया तो निकम्मा और कुछ कर लिया तो कार्यपरायण। Hindi · कविता 2 549 Share Sanskriti jha 1 Sep 2020 · 1 min read अपना क्या है? ? अपना क्या है,जमाने से लड़ते-लड़ते अपनों के बीच चली जाती हूँ और अपनों के वेश में दुश्मनों से डरते-डरते अकेली हो जाती हूँ, अपना क्या है ..... भेद मिटा नहीं... Hindi · कविता 5 2 493 Share Sanskriti jha 1 Sep 2020 · 1 min read राधे-राधे वो थीं उनके प्रेम में मुग्ध, थे वो उनके प्रेम में युक्त, वो थीं प्रेम से अनभिज्ञ, थे वो प्रेम की भाषा, मिलन हुआ जब दोनों का तब मिली हमें... Hindi · कविता 4 2 283 Share Sanskriti jha 1 Sep 2020 · 1 min read चाहते तो सब हैं चाहते तो सब हैं, पर पाते नहीं। लक्ष्य तो सब चाहते हैं, पर सब उसे पाने के लिए अपना कर्म निभाते नहीं। चाहने और पाने में बहुत फर्क है यह... Hindi · कविता 2 2 284 Share Sanskriti jha 1 Sep 2020 · 1 min read अपनी यारी वो अपनी tution की यारी, थोड़ी न्यारी, थोड़ी प्यारी, होती थी इतनी मस्ती की पड़ती थी वो सब पर भारी, मुस्कुराहट भी थी,गुनगुनाहट भी थी, शरारत भी थी ओर घबराहट... Hindi · कविता 3 2 333 Share Sanskriti jha 1 Sep 2020 · 1 min read शेर हम शांत रहते है तो ये मत समझना कि हम कमजोर है, क्योंकि भौकतें तो गीदड़ हैं, शेर तो शांत ही रहता Hindi · कविता 3 257 Share Sanskriti jha 31 Jul 2020 · 1 min read आवाज़ों के जंगल आवाज़ों के जंगल में, सबको अपनी आवाज सुनानी है, दुनिया रूपी जंगल में, खुद की पहचान बनानी है, डर लगता है कहीं गुमनाम न हो जाउं इस जंगल में, इस... Hindi · कविता 5 4 285 Share