Sanjay Narayan Language: Hindi 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Sanjay Narayan 16 Feb 2020 · 1 min read यह प्रेम दिवस कैसा? धरा के अधर सूखे तो जलद से आस थी बाँधी तृषा है धरा की बाँकी जलद आँगन नहीं आया। यद्यपि रंग बिरंगे सुमन खिले उपवन में किन्तु उमंग न कोई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 461 Share