संदीप सरस Tag: मुक्तक 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid संदीप सरस 10 Apr 2018 · 1 min read झोपड़ी के द्वार ⛔⛔⛔⛔⛔⛔⛔⛔⛔⛔⛔⛔⛔ न ठिठको राह में चाहे इधर आओ उधर जाओ। न दो नावों पे रक्खो पांव डूबोगे सुधर जाओ। सजा लो लाख सपने रंग महलों में इजाजत है, मेरी औकात... Hindi · मुक्तक 524 Share संदीप सरस 9 Apr 2018 · 1 min read वाणी के वंशज ⛔⛔⛔⛔⛔⛔⛔⛔⛔⛔⛔⛔⛔⛔ तन के तानपुरे तनते हैं,मन के मँजीरे बज जाते हैं। सृजन साधना सक्षम हो तब, वाणी के वंशज गाते हैं। हस्ताक्षर कर बैठा जब से, संबंधों के संधि-पत्र पर,... Hindi · मुक्तक 393 Share संदीप सरस 9 Apr 2018 · 1 min read वाणी के वंशज ⛔⛔⛔⛔⛔⛔⛔⛔⛔⛔⛔⛔⛔⛔ तन के तानपुरे तनते हैं,मन के मँजीरे बज जाते हैं। सृजन साधना सक्षम हो तब, वाणी के वंशज गाते हैं। हस्ताक्षर कर बैठा जब से, संबंधों के संधि-पत्र पर,... Hindi · मुक्तक 523 Share