Salib Chandiyanvi Tag: ग़ज़ल/गीतिका 24 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Salib Chandiyanvi 10 Jan 2017 · 1 min read औक़़ात सेे मैैंं बढकेे कभी मांंगता नहींं औक़ात से मैं बढके कभी मांगता नहीं बेजा कोई भी रब से मेरी इल्तिजा नहीं मैं मानता हूँ आप मसीहा तो हैं ..मगर मेरा वो दर्द है कि है जिसकी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 226 Share Salib Chandiyanvi 10 Jan 2017 · 1 min read ज़़बांं जो शाायराानाा जाानताा हैै परिन्दा ..आशियाना जानता है फ़क़्त अपना ठिकाना जानता है अलम बरदार है तहज़ीब नौ का ज़बां जो शायराना ..जानता है उसी को प्यार मिलता है जहाँ में जो ऐबों को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 255 Share Salib Chandiyanvi 10 Jan 2017 · 1 min read बेेटिियााँँ हर वक्त हर घडी हैं तैयार बेटियाँ मां बाप की हैं फर्माबरदार बेचियाँ जन्नत का मैं भी होता हक़दार दोस्तो मुझको भी काश मिलती दो चार बेटियाँ पडती नहीं है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 253 Share Salib Chandiyanvi 2 Jan 2017 · 1 min read अच्छा सा लगा मुझको ये शहर वफ़ाओं का दरिया सा लगा मुझको हर शख़्स मुहब्बत में डूबा सा लगा मुझको हद दर्जा शरारत पर कुछ शोख़ अदाओं से जब तुमने कहा पागल अच्छा सा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 262 Share Salib Chandiyanvi 20 Sep 2016 · 1 min read ग़मों की दुनियाा तलाश लोगे बुरा करोगे ग़मों की दुनिया तलाश लोगे बुरा करोगे सभी से ख़ुद को जुदा करोगे बुरा करोगे बुरा करोगे जो चुप रहोगे ..दुखों पे अपने किसी से मेरे सिवा कहोगे..... बुरा करोगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 401 Share Salib Chandiyanvi 15 Sep 2016 · 1 min read चन्द आँसू तेरे ख़ज़ाने से मुददतों से नहीं ..ज़माने से कौन मिलता है इस दिवाने से देख नाखून......बढ गये मेरे दिल के ज़ख़मों के सूख जाने से काश मुझको भी मिल गये होते चम्द आँसू... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 231 Share Salib Chandiyanvi 13 Sep 2016 · 1 min read आप सालिब से प्यार करते हैं दश्मनों से मिला नहीं करते दोस्तों से गिला नहीं करते खूब वाक़िफ़ हैं तेरी सूरत से पेश बस आइना ..नहीं करते आप नाहक़ इन्हें सताते हैं ये परिन्दे ख़ता नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 262 Share Salib Chandiyanvi 13 Sep 2016 · 1 min read मैं सालिब हूँ तू आशूतोष क्यों है चलो माना मुहब्बत भी नहीं है नज़र लर्ज़ां ज़बां खामोश क्यों है न आयेगा कोई मिलने मगर अब मगर ये दिल हमा तनगोश क्यों है कभी आवाज़ होती थी खुदा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 268 Share Salib Chandiyanvi 12 Sep 2016 · 1 min read प्यार करने में क्या बुराई है --------------------- जब कभी याद.. तेरी आई है इक कली दिल की मुस्कुराई है तेरे माथे को चूम ..सकता हूँ तेरे दिल...तक मेरी रसाई है हां मैं तुमसे ही प्यार करता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 477 Share Salib Chandiyanvi 7 Sep 2016 · 1 min read ग़मों की दुनिया तलाश लोगे बुरा करोगेे ग़मों की दुनिया तलाश लोगो बुरा करोगे अलेहदा सबसे रहा.. करोगे बुरा करोगे बुरा करोगे जो चुप रहोगे दुखों पे अपने किसी से मेरे सिवा कहोगे...बुरा करोगे ग़ज़ब करोगे मसल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 248 Share Salib Chandiyanvi 6 Sep 2016 · 1 min read हम ग़रीबों से भला अब आपको क्या काम है आपको जब ताकने का आँख पर इलज़ाम है ये बताऐं दिल हमारा किस लिये बदनाम है ............... आपने तो दिल को चकना चूर कर के रख दिया हम ग़रीबों से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 361 Share Salib Chandiyanvi 5 Sep 2016 · 1 min read जग इतना विद्वान नहीं है निर्धन है .धनवान नहीं है अधरों पर गुणगान नहीं है ................ ईश्वर संसार चलाता है सब सत्य है ये अनुमान नहीं है .............. यक्ष प्रश्नों .के उत्तर देगा जग इतना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 433 Share Salib Chandiyanvi 5 Sep 2016 · 1 min read मगर वो लोग अभी तक आपने देखे नहीं होंगे ज़मीं पर जब कहीं भी लोग दिल वाले नहीं होंगे फ़लक पर चाँद सूरज कहकशाँ तारे नहीं होंगे .................. बताऊँ मैं तुम्हें क्यूँ आज कल ग़ज़लें नहीं होतीं दिलों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 394 Share Salib Chandiyanvi 2 Sep 2016 · 1 min read दिलकशी अब नहीं गुलाबों में छुप गये आप क्यूं हिजाबों में चाँद रहता है क्या नक़ाबों .में उम्र सारी गुज़ार दी हमने जिन्दगी के हसीन ख्वाबों में जब से जाने बहार रुठी है दिलकशी अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 430 Share Salib Chandiyanvi 2 Sep 2016 · 1 min read यहां से तुम तो इलेक्शन भी जीत सकते हो ज़मीनें मिलती हैं और आसमान मिलते हैं नसीब वालों को दोनो ..जहान मिलते हैं ............. हमें खबर है बा ज़ाहिर निकाह होता है मगर ये सच है कि दो खानदान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 257 Share Salib Chandiyanvi 2 Sep 2016 · 1 min read चराग़ों की तरह चुप चाप जल जाते तो अच्छा था दिलों के ज़ख़्म गर लफ़्ज़ों में ढल जाते तो अच्छा था वो मेरी दास्तां सुनकर पिघल जाते तो अच्छा था ................. न होता फिर कोई शिकवा हमारी कम निगाही का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 283 Share Salib Chandiyanvi 30 Aug 2016 · 1 min read मैं छोटा सही मुझको आता बहुत है मैं छोटा सही मुझ को आता बहुत है कि जीने का मुझको सलीक़ा बहुत है ----------- न सोचा न देखा न समझा बहुत है जमाने तुझे हमने परखा --बहुत है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 505 Share Salib Chandiyanvi 30 Aug 2016 · 1 min read मैं कभी चाँद पर नहीं आता दिल पे कोई असर नहीं आता याद तू इस क़दर नहीं आता रात आती है दिन भी आता है कोई अपना मगर नहीं आता चाँद आता है बाम पर अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 354 Share Salib Chandiyanvi 28 Aug 2016 · 1 min read क़िस्सा अजीब है न कहानी अजीब है किस्सा अजीब है न कहानी अजीब है राजा के साथ है जो वो रानी अजीब है ******** घटती है उम्र उसकी न मरती है दोस्तो रहती है चाँद पर वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 368 Share Salib Chandiyanvi 28 Aug 2016 · 1 min read फ़क़्त मेरे घर का पता पूछती है तू दुनिया की मान्निद बडी मतलबी है शानासा है लेकिन बहुत अजनबी है .......... हुदूदे तख़्ययुल से बाहर है अब तक जो मंसूब तुझसे मेरी शायरी है .......... बला कोई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 374 Share Salib Chandiyanvi 28 Aug 2016 · 1 min read अब कोई वारदात मुश्किल है हम बिछायें बिसात मुश्किल है खुद से खुद की ही मात मुश्किल है ............. अब मुहाफ़िज़ हमारी आँखें हैं अब कोई वारदात मुश्किल है ............ मौत से हार मानने वालो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 568 Share Salib Chandiyanvi 28 Aug 2016 · 1 min read जब से दुकान खोली है तीरो कमान की अल्लाह कर रहा है हिफ़ाजत मकान की बिजली यहाँ गिरे तो गिरे आसमान की ........ बाज़ी लगाने जान की आया न तब कोई जबसे दुकान खोली है तीरो कमान की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 318 Share Salib Chandiyanvi 27 Aug 2016 · 1 min read ये तेरा क़र्ज़ है तो क़र्ज़ उतर जायेगा आसमा छूने जो निकलेगा तो मर जाएगा तू परिन्दा है हवाओं में बिखर जाएगा ---------- जिसने चाहा है तुझे जान से बढकर जाना क्या तेरी बज़्म से वो दीदा ए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 247 Share Salib Chandiyanvi 27 Aug 2016 · 1 min read रगं तआस्सुब के जो देगी राजधानी हर तरफ़ खूब है मशहूर ये झूठी कहानी हर तरफ़ चाँद पर देखी गई है एक नानी हर तरफ ....... सारी दुनिया जानती है क़ीमतें इनकी मगर क्यों बहाते फिर रहे हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 521 Share