Shyam Hardaha Language: Hindi 66 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Shyam Hardaha 8 Sep 2019 · 6 min read सुपर-30 : शिक्षा का क्रांतिघोष बेशक मैं कहूंगा मुझे क्या, हम सभी भाइयों को घर से पर्याप्त समय, संसाधन और संरक्षण मिला. पिताजी जिन्हें मैं पापाजी कहता हूं, शिक्षक थे, अब सेवानिवृत्त हैं. इस नाते... Hindi · लेख 6 639 Share Shyam Hardaha 8 Sep 2019 · 4 min read ट्रिपल तलाक कानून : सिर्फ घड़ियाली आंसू आखिर आज ट्रिपल तलाक विरोधी विधेयक विपक्ष के तमाम विरोध के बावजूद राज्यसभा से भी पास हो गया और अब यह कानून का रूप ले लेगा. इस पर जिस तरह... Hindi · लेख 5 288 Share Shyam Hardaha 4 Sep 2019 · 3 min read सच बोल...ये काला कौआ काट खाएगा कोई व्यक्ति देश के प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए इस कदर कैसे झूठ बोल सकता है, क्या पद की गरिमा का उसे जरा-सा भी खयाल नहीं है. आपको भी यह... Hindi · लेख 6 1 455 Share Shyam Hardaha 4 Sep 2019 · 5 min read धर्म, अंधश्रद्धा : आप और हम... (पुरुषोत्तम लक्ष्मण देशपांडे की पुस्तक ‘एक शून्य मैं’ से) *पुरुषोत्तम लक्षमण देशपांडे (जन्म-8 नवंबर1919, मृत्यु 12 जून 2000) लोकप्रिय मराठी लेखक, नाटककार, हास्यकार, अभिनेता, कथाकार व पटकथाकार, फिल्म निर्देशक और संगीतकार एवं गायक थे. उन्हें ‘महाराष्ट्राचे लाडके व्यक्तिमत्त्व’अर्थात महाराष्ट्र... Hindi · लेख 4 911 Share Shyam Hardaha 4 Sep 2019 · 4 min read फिर भी मोदी-मोदी!! *19 मई 2019 को लोकसभा चुनाव खत्म हुआ और तमाम टीवी चैनलों के एक्सिट पोल में बस मोदी सरकार के फिर एक बार बहुमत में आने की संभावना जताई जा... Hindi · लेख 4 459 Share Shyam Hardaha 3 Sep 2019 · 4 min read तीन बार गले मिले मोदी-नेतन्याहू! भारतीय मीडिया सचमुच गोदी मीडिया बन चुका है. ठेठ शब्दों में कहें तो वह सत्ता का भाट-चारण बन चुका है. दिन-प्रतिदिन अपनी विश्वसनीयता खोते जा रहा है. वे ही लोग... Hindi · लेख 4 214 Share Shyam Hardaha 3 Sep 2019 · 5 min read गोपालन हवे, गोपूजन नव्हे (अर्थात गौपालन करें, गौपूजन नहीं) इन दिनों देश में क्षद्म राष्ट्रवाद का बुखार चरम है. लोग अपनी राष्ट्रभक्ति और राष्ट्रवाद का परिचय तरह-तरह से दे रहे हैं. उनमें से एक तरीका गौरक्षा भी है. गौरक्षा... Hindi · लेख 4 1k Share Shyam Hardaha 3 Sep 2019 · 4 min read हिंदू-मुसलिम बहस के पीछे का सच पिछले वर्ष घटित ये दो घटनाएं शायद आपको याद होंगी जब देश की राजधानी में 3 मई 2018 को तुगलक काल के एक मकबरे को कुछ लोगों ने रंग-पोत कर... Hindi · लेख 5 2 250 Share Shyam Hardaha 3 Sep 2019 · 11 min read धर्मनिरपेक्षता : राष्ट्रीय एकता के लिए जरूरी हम भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्वसंपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को : सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास,... Hindi · लेख 3 1k Share Shyam Hardaha 3 Sep 2019 · 5 min read बुलेट ट्रेन का सच बनाम मोदी का झूठ खास तौर पर इन दो-तीन वर्षों में जाना कि दुनिया में भक्तिभी कैसी कुत्ती चीज होती है. यह भी जाना कि किस कदर भक्ति में डूबे लोगों को अपनी बुद्धि... Hindi · लेख 4 1 785 Share Shyam Hardaha 3 Sep 2019 · 4 min read मुसलमान : चार बीवियां-चालीस बच्चे!!! कितना सच-कितना झूठ? आपको यह याद होगा कि जब देश की 2011 की जनगणना की रिपोर्ट जारी हुई थी तो मीडिया ने (जिसका एक बड़ा वर्ग आजकल पूरी तरह दक्षिणपंथी ताकतों के इशारे... Hindi · लेख 4 1 268 Share Shyam Hardaha 2 Sep 2019 · 5 min read ये राष्ट्रवाद-राष्ट्रवाद क्या है? हमारे देशवासियों का ‘राष्ट्रवाद’ विशेष तौर पर भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के दौरान देखने को मिलता है. अगर हम मैच हार जाते हैं तो हमारा मुंह लटक जाता है और यदि... Hindi · लेख 5 3 323 Share Shyam Hardaha 2 Sep 2019 · 1 min read इनकी भी सुनें खिलते गुलाब की खिलखिलाहट उनकी मनमोहनी मुस्कुराहट उनकी पंखुुड़ियों की नरमाहट और खुशबू- कितनी संवेदी और आनंददायक है सहेजो- समेटो जी-भरकर समेटो ऐसी कोमल संवेदनाओं और आनंददायी अनुभूतियों को लेकिन... Hindi · कविता 4 403 Share Shyam Hardaha 2 Sep 2019 · 1 min read इसे क्या कहें फेसबुक इंटरनेट आईपैड मोबाइल विचार-भाव संप्रेषण के यंत्र नित-नए-नूतन हैं पर इसे क्या कहें लोगों के विचार वही जड़ मंथर दकियानूसी चिर-पुरातन हैं Hindi · कविता 3 1 475 Share Shyam Hardaha 2 Sep 2019 · 1 min read स्त्री का घोषणा पत्र-2 स्त्री अब अपने अस्तित्व की खुलकर कर दे घोषणा- नहीं करेगी अब पुरुष की गुलामी नहीं बनेगी अब उसकी प्रतिच्छाया वह कर दे उद्घोष- कि वह है पुरुष से भिन्न... Hindi · कविता 4 1 364 Share Shyam Hardaha 2 Sep 2019 · 1 min read स्त्री का घोषणा पत्र-1 पहले- मैं चारदीवारी में कैद थी पर अब- धरती के किसी भी हिस्से पर खड़े-खड़े, दूर-दूर तक दिक् और काल तक मैं देख सकती हूं-सुन सकती हूं आह्लादित हो सकती... Hindi · कविता 4 1 464 Share Previous Page 2