Chhagan Lal (Sagar Gharsanvi) 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Chhagan Lal (Sagar Gharsanvi) 13 Jul 2021 · 1 min read आमों की बात करें क्यूं रोज रोज के बढते हुए दामों की बात करें आम का मौसम है चलो आमों की बात करें । तारीफ़ों सें तो गरीब का हरगिज न भरेगा पेट सङने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 245 Share Chhagan Lal (Sagar Gharsanvi) 25 Jun 2021 · 1 min read वजूद तब कहीं जा के सागर सा वजूद पाया है मेरे पहलू में अब्र रोया बहुत है सागर घङसानवी Hindi · शेर 491 Share Chhagan Lal (Sagar Gharsanvi) 25 Jun 2021 · 1 min read मैं हिन्दू और तूं मुस्लमां तूं मुझमें है तो फ़िर निहां क्यूं है फ़ासला ये तेरे मेरे दरम्यां क्यूं है । मोहसिन-ए-इन्सानियत तो दोनो ही है फ़िर मैं हिन्दू और तूं मुस्लमां क्यूं है ।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 522 Share Chhagan Lal (Sagar Gharsanvi) 24 Jun 2021 · 1 min read नाम हथेली पर ये आँधियां मेरी राह में उठती क्यूँ है। जिंदगी महीना-ए-निस्फ़ सी लगती क्यूँ है। धङकने से क्या हासिल,कुछ कह तो सही शिद्द्ते गम को खामोश ही सहती क्यूँ है। खत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 286 Share Chhagan Lal (Sagar Gharsanvi) 24 Jun 2021 · 1 min read कोरोना कुछ जहान सें तो कुछ काम सें गए कैसा मर्ज है, चारागर आराम सें गए । अजनबी शक्स बनके रसूल आए मौका-परस्त सियासती आवाम सें गए नई जमात वाले बङे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 308 Share