रुपेश कुमार 66 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 रुपेश कुमार 30 Mar 2018 · 2 min read चाँदनी के लिए मेरा एक खुला पत्र ~~~~~~~~ चांदनी चाँद मे समा गई ~~~~~~~~ मैं 25 फरवरी 2018 को सुबह 5 बजे मोबाइल आंन किया तो ड़ेलीहंट पे खबर आई की बॉलीवुड अभिनेत्री श्रीदेवी का निधन से... Hindi · लेख 252 Share रुपेश कुमार 30 Mar 2018 · 1 min read ~~~~श्रीदेवी की यादें मेरी ल्महे~~~~ खिले फूलो में तुम्हे श्रीदेवी जी , आपको उपवन की तरह देखा हैं , बरसी बदली में तुम्हे चांदनी जी , सावन की तरह देखा अंजू जी हैं , सजे... Hindi · मुक्तक 462 Share रुपेश कुमार 28 Mar 2018 · 1 min read मेरे नजर में भर भारत भारत जैसा महान देश वर्तमान में पूरे विश्व में नहीं है क्योंकि भारत में सभी धर्मों का संगम होता है यहां पर सभी धर्मों के लोग वास करते हैं चाहे... Hindi · लेख 253 Share रुपेश कुमार 28 Mar 2018 · 1 min read जिंदगी जिंदगी की राहों में , दोस्ती का महफिल मिलता है , तुम मिलो या ना मिलो , रास्ते हजार मिलते है ! जिंदगी एक टूटी हुई चिंगारी हैं , जिसमें... Hindi · मुक्तक 463 Share रुपेश कुमार 28 Mar 2018 · 1 min read मेरे नजर में ??????????? “जब इंसानो के पास पैसा हो जाता तो वो अपने आप को भूल जाता है की मैं क्या हुं, उसको अपने अाप पर घमंड हो जाता हैं ! यह... Hindi · लेख 229 Share रुपेश कुमार 28 Mar 2018 · 1 min read कविता दिल की आवाज हैं कविता , दर्द की पहचान हैं कविता , कवियो की जान हैं कविता , अकेला की याद हैं कविता , बेजबानो की जुबान हैं कविता ,... Hindi · कविता 1 396 Share रुपेश कुमार 8 Feb 2018 · 1 min read ~~~~~~~~~ गजल ~~~~~~~~~ आये वतन पे खतरा वो जान भी लगा दो , ये मुल्क के जवानो जंग का ज़ूनून भर लो , इसी जंग के कोने मे कही जन्नत नजर आयेगी ,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 605 Share रुपेश कुमार 8 Feb 2018 · 1 min read ~~~ हास्य कविता - एक बकरी की मौत टली ~~~ मैं रास्ते से आ रहा था , मस्ती मे गा रहा था , तभी मैंने देखा कि एक बकरी किचड़ मे फसी हैं , उसका पूरा शरीर पानी मे ,... Hindi · कविता 421 Share रुपेश कुमार 8 Feb 2018 · 1 min read ~~~ हास्य कविता - एक बकरी की मौत टली ~~~ मैं रास्ते से आ रहा था , मस्ती मे गा रहा था , तभी मैंने देखा कि एक बकरी किचड़ मे फसी हैं , उसका पूरा शरीर पानी मे ,... Hindi · कविता 551 Share रुपेश कुमार 8 Feb 2018 · 1 min read ~~~~~~ सत्यार्थ ~~~~~~ सिमट रहा है------नदी का नीर स्त्री का चीर मन का धीर| फ़ैल रहा है-------भ्रष्टाचार का जाल मानव का दुर्व्यवहार औरत पर अत्याचार| कम हो रहा है--बच्चों मे सदाचार परिवार मे... Hindi · कविता 264 Share रुपेश कुमार 3 Feb 2018 · 1 min read ~~~~~कैसे कटेगे अब बेरोजगारी के ये दिन~~~~~ कैसे कटेगे अब बेरोजगारी के ये दिन , जीवन की टुक , मन की भूख , तन की भूख , कहाँ गयी कोयल की कूक ! दिन हूए पल छीन... Hindi · कविता 255 Share रुपेश कुमार 3 Feb 2018 · 1 min read ~~~~~~ अर्चना ~~~~~~ नवीन गीत लिख सकूँ , नवीन कल्पना दो ! नवीन गीत गा सकूँ , नवीन अर्चना दो !! नवीन सृष्टी में मुझे , नवीन साज से मुझे , सँवार दो... Hindi · गीत 409 Share रुपेश कुमार 29 Jan 2018 · 1 min read ~~~~~~~ वाणी ~~~~~~~ *" वाणी "* को *" वीणा "* बनाये, *" वाणी "* को *" बाण "* न बनाये ! क्योकि *" वीणा "* बनेगी तो, जीवन में *" संगीत "* होगा...... Hindi · कविता 294 Share रुपेश कुमार 26 Dec 2017 · 1 min read ~~~~ जीवन की कीमत ~~~~ पायल ' हज़ारों रूपये में आती है पर ' पैरो ' में पहनी जाती है और.. ' बिंदी ' एक रूपये में आती है मगर ' माथे ' पर सजाई... Hindi · कविता 448 Share रुपेश कुमार 11 May 2017 · 1 min read हट्टा कट्टा मोबाइल ये मोबाइल ...... यूं ही *हट्टा कट्टा* नहीं हुवा है इसने बहुत कुछ खाया -पिया है। मसलन ..... ये *हाथ की घड़ियाँ* खा गया ये *चिट्ठी पत्रियाँ* खा गया इसने... Hindi · कविता 2 1k Share रुपेश कुमार 20 Apr 2017 · 1 min read "ज़िन्दगी" लोग बुरे नहीं होते.... बस जब आपके मतलब के नहीं होते... तो बुरे लगने लगते है...।। समझनी है जिंदगी तो पीछे देखो जीनी है जिंदगी को तो आगे देखो हम... Hindi · कविता 2 1 354 Share Previous Page 2