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कणों से बना हुआ समस्त ब्रह्मांड
ruby kumari
सिद्धार्थ "बुद्ध" हुए
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सपने असामान्य देखते हो
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प्रकृति! तेरे हैं अथाह उपकार
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कोलकाता की मौमीता का बलात्कार और उसकी निर्मम हत्या....ये तत्
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आपके शत्रु आपको क्रोध दिला सकते हैं
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मैंने उनको थोड़ी सी खुशी क्या दी...
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जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला,
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कभी कभी सच्चाई भी भ्रम सी लगती हैं
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जो अच्छा लगे उसे अच्छा कहा जाये
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साल भर पहले
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दोस्त को रोज रोज "तुम" कहकर पुकारना
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मन में किसी को उतारने से पहले अच्छी तरह
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दुनिया तभी खूबसूरत लग सकती है
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बर्फ की चादरों को गुमां हो गया
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मैं इक रोज़ जब सुबह सुबह उठूं
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कोई भी मोटिवेशनल गुरू
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माँ में दोस्त मिल जाती है बिना ढूंढे ही
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चलते चलते
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धरती ने जलवाष्पों को आसमान तक संदेश भिजवाया
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मन से उतरे लोग दाग धब्बों की तरह होते हैं
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इक इक करके सारे पर कुतर डाले
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मन में उतर कर मन से उतर गए
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सच कहना जूठ कहने से थोड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि इसे कहने म
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देख भाई, सामने वाले से नफ़रत करके एनर्जी और समय दोनो बर्बाद ह
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हम खुद से प्यार करते हैं
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मुझे क्रिकेट के खेल में कोई दिलचस्पी नही है
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इंसान दुनिया जमाने से भले झूठ कहे
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बड़ा ही सुकूँ देगा तुम्हें
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कल हमारे साथ जो थे
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कोई तो है
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अगर मैं अपनी बात कहूँ
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लोग ऐसे दिखावा करते हैं
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जो चीजे शांत होती हैं
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मैंने खुद के अंदर कई बार झांका
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अगर लोग आपको rude समझते हैं तो समझने दें
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सुबह सुबह घरवालो कि बाते सुनकर लगता है ऐसे
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अंधेरे का डर
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परो को खोल उड़ने को कहा था तुमसे
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मैं "लूनी" नही जो "रवि" का ताप न सह पाऊं
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हर इंसान को भीतर से थोड़ा सा किसान होना चाहिए
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जिसके भीतर जो होगा
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मुझे नहीं पसंद किसी की जीहुजूरी
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यूँ तो हम अपने दुश्मनों का भी सम्मान करते हैं
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किसी बच्चे की हँसी देखकर
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खुद को इतना मजबूत बनाइए कि लोग आपसे प्यार करने के लिए मजबूर
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ये जो लोग दावे करते हैं न
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मैं हैरतभरी नजरों से उनको देखती हूँ
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न मैंने अबतक बुद्धत्व प्राप्त किया है
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अलविदा
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