rubichetanshukla 781 Language: Hindi 61 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 rubichetanshukla 781 16 Apr 2022 · 1 min read सरस्वती वन्दना हे ज्ञान की देवी सरस्वती तुम्हे बारम्बार प्रणाम है हे हंस वाहिनी जगदम्बे तरी महिमा अपरम्पार है तेरी वीणा से जो सुर निकला संसार को मां संगीत मिला तेरी वाणी... Hindi · कविता 3 2 149 Share rubichetanshukla 781 5 Apr 2022 · 1 min read बच्चों को सिखाएं कि कभी झूठ नहीं बोलना चहिए। #कभी झूठ न बोलो तुम# झूठ बोलने वाला प्राणी, कभी न सोता सुख की नींद। झूठ से बढ़कर पाप नहीं है, प्यारे बच्चों ए लोग सीख। एक गड़रिया था रामू... Hindi · बाल कविता 2 285 Share rubichetanshukla 781 27 Mar 2022 · 1 min read अच्छे आचरण अपने बच्चों को जरूर सिखाएं सुबह सबेरे तुम उठो करों बड़ों को प्रणाम बड़ो का आदर करने से हमें मिलता है आर्शीवाद नित्य कर्म से हो निवृत्त करो इष्ट का ध्यान उस ईश्वर करो प्रार्थना... Hindi · बाल कविता 2 328 Share rubichetanshukla 781 25 Mar 2022 · 1 min read पांच सब्जियों के नाम आलू की है बात निराली इसको खाता हर एक प्राणी देखो मटर है कितनी पतली ए तो बड़े कमाल की निकली अगर टमाटर का हो साथ बढ़ जाता हर सब्जी... Hindi · बाल कविता 2 330 Share rubichetanshukla 781 23 Mar 2022 · 1 min read सच्चे देशभक्त आजादी के मतवाले मरते तो सभी हैं लेकिन पर शहीद वहीं होते हैं। बड़े सौभाग्यशाली होते हैं वो लोग जिनका लहू देश की मिटृटी में मिलता है। राजगुरू सुखदेव भगतसिंह को आज मिलीं... Hindi · कविता 2 222 Share rubichetanshukla 781 22 Mar 2022 · 1 min read जल ही जीवन है पृथ्वी माता कह रही सबसे यहीं पुकार व्यर्थ में न करो तुम,हे मानव पानी को बेकार पानी का कोई मोल नहीं है,यह है सबसे अनमोल बिन पानी के इस पृथ्वी... Hindi · कविता 1 392 Share rubichetanshukla 781 22 Mar 2022 · 1 min read बादल की गागर अभी अभी थी तेज की गर्मी घिर आए हैं बादल, काले-काले भूरे-भूरे छाएं हैं अम्बर पर पता नहीं कहां से लाते भरकर अपनी गागर, और डाल देते हैं हम पर... Hindi · बाल कविता 2 207 Share rubichetanshukla 781 16 Mar 2022 · 1 min read # प्रकृति के रंग कुदरत ने हमको दिया । रंगों का उपहार।। आओ मिलकर सब मनाएं। होली का त्योहार।। धरती के कण कण में है। रंगों की भरमार ।। आओ मिलकर सब मनाएं ।... Hindi · कविता · बाल कविता 1 301 Share rubichetanshukla 781 8 Mar 2022 · 2 min read औरत तेरे रूप अनेक बेटी बन कर तुमने अपने। पिता का घर महकाया है भाई की सूनी कलाई को । राखी से तुमने सजाया है । बाबा, दादी, चाचा, चाची । ताऊ, ताई की... Hindi · कविता 1 1 246 Share rubichetanshukla 781 22 Feb 2022 · 1 min read गर्मी गर्मी जब भी आती है। मुझको बहुत सताती है। ऊपर सूरज तपता है। धरती सूखी जाती है। पेड़ और पौधे शान्त खड़े हैं। नहीं किसी से बात करें हैं ।... Hindi · कविता · बाल कविता 2 263 Share rubichetanshukla 781 18 Feb 2022 · 1 min read पुलवामा के वीर सपूत मां भारती के कदमों में। अपना सब कुछ लुटा दिया । पुलवामा के वीर शहीदों ने भारत मां का क़र्ज़ उतार दिया। तिरंगें में लिपट गए पर भारत मां पर... Hindi · कविता 2 1 206 Share Previous Page 2