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सहचार्य संभूत रस = किसी के साथ रहते रहते आपको उनसे प्रेम हो
राज वीर शर्मा
स्त्री संयम में तब ही रहेगी जब पुरुष के भीतर शक्ति हो
राज वीर शर्मा
बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ सब कहते हैं।
राज वीर शर्मा
जो कभी सबके बीच नहीं रहे वो समाज की बात कर रहे हैं।
राज वीर शर्मा
परिवार के बीच तारों सा टूट रहा हूं मैं।
राज वीर शर्मा