Roli Shukla Language: Hindi 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Roli Shukla 25 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक जैसे हो शब ये चाँद सितारों सजी हुई। रोशन यूँ तेरे इश्क़ में ये जिन्दगी हुई। ‘रोली’ नहीं अकेली तलबगार-ए-मोहब्बत, दोनों तरफ़ है आग बराबर लगी हुई। ✍? ‘रोली’ शुक्ला Hindi · मुक्तक 494 Share Roli Shukla 25 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक सपने अगर जो देखो,तो हों आस्माँ से आगे। मंजिल नहीं है मुश्किल, हों बुलन्द गर इरादे। ज़िद हो अगर दिये की कि वो रोशनी करे तो, हिम्मत नहीं है कि... Hindi · मुक्तक 307 Share Roli Shukla 25 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक ये दर्द-ए-रूह जिसने महसूस किया होगा। उसने ही सिर्फ़ सच्ची मोहब्बत को जिया होगा। आयी हैं आँधियाँ जो उन सबका सबब ‘रोली’, हर सिम्त मोहब्बत की हवाओं ने दिया होगा।... Hindi · मुक्तक 434 Share Roli Shukla 25 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक आप जबसे मिले ज़िन्दगी बन गयी। दूर दुनिया से हर बन्दगी बन गयी।। पहले भी जिस समन्दर में डूबी रही, आयी बाहर तो प्यासी नदी बन गयी।। ✍?*’रोली’* शुक्ला Hindi · मुक्तक 404 Share Roli Shukla 12 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक मेरा मन मुझसे होकर रूबरू ‘रोली’ ये कहता है। कि उनका अक्स अक्सर मेरी परछाईं में रहता है। मैं चाहें कितना ही समझाऊँ खुद को पर मेरे दिल में, अब... Hindi · मुक्तक 1 273 Share Roli Shukla 12 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक खुली हुई सी किताब हो तुम। सवाल मैं हूँ....जवाब हो तुम। करिश्मा क़ुदरत का ही कहेंगे, कि वाकयी लाजवाब हो तुम। ✍?’रोली’ शुक्ला Hindi · मुक्तक 3 292 Share Roli Shukla 12 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक किया है तुमने जो वादा कहीं फिर तोड़ ना देना। दिले-दहलीज़ पर आके कहीं मुँह मोड़ ना लेना। तुम्हारे क़दमों में लाकर के खुदको रख दिया ‘रोली’ कहीं राहे-मोहब्बत में... Hindi · मुक्तक 1 303 Share Roli Shukla 2 Mar 2020 · 1 min read कविता माँ बचपन की लोरी है,माँ दुनिया में सबसे भोली है, माँ गंगा सी पावन है,माँ निर्मल जल की एक धारा है।। माँ कभी धूप सी लगती है, कभी छाँव सी... Hindi · कविता 1 343 Share Roli Shukla 2 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक कुछ करना है तो मोहब्बत का दस्तूर जारी रखिए, दर्द गहरा है दवा उससे भी भारी रखिए।। आसाँ नहीं होता मुकम्मल इश्क़ यहाँ पे, अपना तो चुका दो मगर उनपे... Hindi · मुक्तक 1 467 Share Roli Shukla 2 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक माना कि उलझनों भरी है उनकी जिंदगी में, मैं चाह कर भी उन्हें सुलझा नहीं सकती।। खुश रखने की कोशिश न करूँ तो क्या करूँ, उम्मीदों का चिराग ये बुझा... Hindi · मुक्तक 1 536 Share Roli Shukla 2 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक रात ख्वाबों में सोचा कि आपको जन्मदिन का उपहार क्या दूँ? खयालों में फिर आया कि जो खुद गुलाब हो उसे गुलाब क्या दूँ? जिन्हें ईश्वर ने हमेशा अपनी रहमतों... Hindi · मुक्तक 1 625 Share Roli Shukla 2 Mar 2020 · 1 min read कविता कुछ तो वजह है ... जो वो इस कदर ... बदले बदले से नज़र आ रहे हैं ...1 कहते हैं मुझसे ... बेपनाह मोहब्बत करते हैं .. पर राज क्या... Hindi · कविता 1 286 Share Roli Shukla 1 Mar 2020 · 1 min read कविता उलझा दिया उन्होंने मोहब्बत में इस तरह। दामन किसी गुलाब का काँटों में जिस तरह। इस कश्मकश में हूँ मैं कहूँ या कि ना कहूँ, चावल-सा है वो काँटा निकालूँ... Hindi · मुक्तक 2 1 545 Share Roli Shukla 1 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक लो स्वप्नसमर्पित सभी हमारे सिर्फ़ तुम्हारे वास्ते। अब हम ही हो गये तुम्हारे सिर्फ़ तुम्हारे वास्ते। ‘रोली’ क्या बतलाये कितनी उलझन थी मन में मेरे, सब उलझन को रखा किनारे... Hindi · मुक्तक 2 1 388 Share Roli Shukla 1 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक प्रेम में तहज़ीब की शुरुआत करती हैं। लब पे खामोशी निगाहें बात करती हैं। मत कहो ‘रोली’ तुम हाल-ए-दिल सबसे, खुद-व-खुद ज़ाहिर ये सब जज़्बात करती हैं।। Hindi · मुक्तक 2 1 416 Share Roli Shukla 27 May 2019 · 1 min read प्यार कोई अब यहाँ प्यार करता कहाँ है? कोई प्यार में ऐसे मरता कहाँ है? कहाँ हीर-राँझा, कहाँ लैला-मजनूँ; अब ऐसा फ़साना भी मिलता कहाँ है? शरीर और स्वारथ पे दुनिया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 353 Share Roli Shukla 2 Nov 2018 · 1 min read माँ गीत लिखूँ या ग़ज़ल लिखूँ अंगार या कि श्रृंगार लिखूँ। समझ नहीं आ रहा मुझे बोलो! मैं क्या इस बार लिखूँ? पहले मैंने सोचा मैं वात्सल्य हृदय का प्यार लिखूँ।... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 27 1k Share Roli Shukla 25 Dec 2017 · 1 min read मन के उदगार उगा भी ना था सूरज और ज्यूँ की तंयूँ पड़ी थी रजाइयाँ। हुई नहीं थी सुबह के देने लगे सब क्रिसमस की बधाइयाँ।। दोस्तों एकबार सोचकर तो देखिये के क्या... Hindi · मुक्तक 1 546 Share Roli Shukla 8 Dec 2017 · 1 min read कुछ तो जरूर बदल सा गया है परिवर्तन के इस बवंडर में, मोहब्बत के इस समंदर में, तेरे प्यार का अक्श घुल सा गया है। कुछ तो जरुर बदल सा गया है।। रोज़ सुबह चिड़ियों का चहचाना... Hindi · कविता 268 Share Roli Shukla 6 Dec 2017 · 1 min read प्रेम मुद्दतों का सफर आसानी से कैसे तय कर पाएं हम। कितनी बेचैनी है इस मन में कैसे तुम्हे दिखाएँ हम।। तुम तो बहुत नादान हो हमारी मोहब्बत के इस सफर... Hindi · मुक्तक 1 278 Share Roli Shukla 6 Dec 2017 · 1 min read दिल न दुखाया कीजिये जीवन अमूल्य है ,प्रेम और सम्मान से इसे जाया कीजिये, किसी शख्स पे बेवजह यूँ ना ऊँगली उठाया कीजिये।। मेरी भावनाओं को आहत करना और फिर मुस्कराना, इस कदर इंसानियत... Hindi · कविता 1 329 Share Roli Shukla 6 Dec 2017 · 1 min read अधूरे ख्वाब बहुत तकलीफ देती हैं वो उम्मीदें, जो कभी पूरी नहीं होती, किसी के जुनून से हक़ीकत की, इतनी दूरी नहीं होती।। हर इक शख्स चिराग की तारीफ करता रहा उम्र... Hindi · मुक्तक 1 379 Share Roli Shukla 6 Dec 2017 · 1 min read समर्पण जीने की खातिर जितना ही साँस ज़रूरी है, उसी तरह मन में रूमानी एहसास ज़रूरी है।। मोहब्बत होने से पहले मन में प्रेम ,समर्पण, और एक-दूसरे पे होना विश्वास ज़रूरी... Hindi · मुक्तक 564 Share Roli Shukla 6 Dec 2017 · 1 min read ख्वाईश मेरी जिंदगी में अभी कुछ किरदार बाकी है, इस दर्द-ए-दिल पे तेरा इख़्तियार बाकी है।। मोहलत भी ना मिली हमें अबतक पल-दो-पल, अभी तो आँखों को*उनका*दीदार बाकी है।। इक उम्र... Hindi · कविता 473 Share Roli Shukla 5 Dec 2017 · 1 min read प्रेम ईश्वर का दिया हुआ इस जीवन को इक उपहार हूँ मैं, सृष्टि रचयिता की रचना में अभिन्न और साकार हूँ मैं। आप सभी लोगों की अनवरत प्रेम और स्नेहाकांक्षी, श्रृंगार... Hindi · मुक्तक 2 1 268 Share