Tag: मुक्तक
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किसान मजदूर होते जा रहे हैं।
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
वह नारी है
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
नज़्म - झरोखे से आवाज
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
आंखें मेरी तो नम हो गई है
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
अधूरे ख्वाब
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'