Ritu chahar 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ritu chahar 10 Aug 2024 · 1 min read "बरसात" बरसात आयी, कई घरों में खुशी का माहौल तो कई घरों में ग़म लाई, पेड़ों से झलकीं बूँदें तो बच्चों के लिए खुशियाँ लाई। बरसात आयी, रिमझिम-रिमझिम बूंदें लाई, कई... 2 424 Share Ritu chahar 8 Aug 2024 · 1 min read _कामयाबी_ *_कामयाबी_* कामयाबी — तेरा इश्क़ और जुनून दोनों चढ़ गए हैं। इस क़दर चढ़ गए हैं कि ना तो रात को सोना , और दिन भर तुझे पाने की उम्मीद... 2 277 Share Ritu chahar 4 Aug 2024 · 1 min read "बेटी पराई" उस आँगन से उठ गई डोली बेटी पराई थी वो जन्मदाता, माँ-बाप ना देख सके बेटी को पराई होते हुए । वो पंडित, वो रिश्तेदारों की आँखें झलक आयीं चारों... 4 265 Share Ritu chahar 3 Aug 2024 · 1 min read एक शाम ऐसी थी चारों तरफ़ हलचल थी मैं उदास थी क्योंकि कुछ बात थी, मन ही मन उठ रहे कई सवाल सवाल के उत्तर देने में नाकामयाब थी । एक शाम ऐसी थी... Hindi 3 267 Share