Ritu Asooja 76 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ritu Asooja 14 Oct 2024 · 2 min read आकर्षण आकर्षण* मेरे मित्र के अनुभव और मेरे शब्द... मेरे मित्र ने अपने कुछ अनुभव मेरे साथ साझा किये.... जिन्हें मैं अपने शब्दों के माध्यम से साझा कर रही हूँ.... यह... 30 Share Ritu Asooja 16 Jun 2024 · 1 min read वृक्षों की भरमार करो वृक्ष धरती की आत्मा जंगल जलाशयों का प्रमुख स्रोत.. फिर से एक अभियान चलाओ हर सप्ताह एक वृक्ष लगाओ कानन वन फिर से बढाओ.. वृक्षों की भरमार करो जंगलों का... 89 Share Ritu Asooja 5 May 2024 · 2 min read विचार ही हमारे वास्तविक सम्पत्ति हमारे विचार हमारी संपत्ति हैं क्यों इन पर नकारात्मक विचारों का दीमक लगाए चलो कुछ अच्छा सोंचे कुछ अच्छा करें "।💐 👍मेरा मुझ पर विश्वास जरूरी है , मेरे हाथों... Poetry Writing Challenge-3 1 126 Share Ritu Asooja 5 May 2024 · 1 min read रंगमंच कारण तो बहुत हैं , शिकवे शिकायतें करने के मगर जब से हमने हर मौसम में लुत्फ़ लेना सीख लिया , जिंदगी के सब शिकवे बेकार हो गए । ज़िन्दगी... Poetry Writing Challenge-3 2 79 Share Ritu Asooja 5 May 2024 · 1 min read चित्रकार तुम स्वयं ही अपने चित्रकार चल संवार अपना भाग्य संवार अच्छी सोच सभ्य आचरण एवं कर्मठता के प्रयासों से दे स्वयं के जीवन को सुन्दर आकार योग्यता अपनी-अपनी बुद्धि, विवेक,... Poetry Writing Challenge-3 1 113 Share Ritu Asooja 5 May 2024 · 1 min read बहारें तो आज भी आती हैं रौनक़ें बहार तो हमारे आँगन की भी कम ना थीं , चर्चा में तो हम हमेशा से रहते थे “बहारें तो आज भी आती हैं वृक्षों की डालों पर पड़... Poetry Writing Challenge-3 74 Share Ritu Asooja 5 May 2024 · 1 min read रास्ते रास्ते भी क्या खूब हैं निकल पड़ो चल पड़ो मंजिलों की तलाश में किसी सफर पर रास्ते बनते जाते हैं। रास्ते चलना सिखाते हैं,गिरना-समभलना फिर उठ कर चलना मंजिलों के... Poetry Writing Challenge-3 2 82 Share Ritu Asooja 5 May 2024 · 1 min read पुष्प और तितलियाँ 🌸🌹🌸🌺🌸🌺🎊🎊🎊🎊 मेरे सुन्दर संसार की बगिया में, विभिन्न रंग - बिरंगे पुष्पों की फुलवारी है मेरी फुलवारी में तितलियों का भी बसेरा होता है फुलवारी , आकर्षक ,मस्त , सुन्दर... Poetry Writing Challenge-3 128 Share Ritu Asooja 5 May 2024 · 1 min read गुलाबों का सौन्दर्य गुलाब..सौंदर्य का गुल ..उस पर इत्र का आब.. प्रकृति का वसुन्धरा को इजहार ए मोहब्बत का तोहफा ए खास. ... एक दिन गुलाब देकर.. मोहब्बत का इजहार करने वाले मजनूओं... Poetry Writing Challenge-3 1 110 Share Ritu Asooja 5 May 2024 · 1 min read खूबसूरती जिंदगी इतनी खूबसूरत हो सकती है , किसे पता था। मैंने प्रेम की जोत जलाई तो सारा जहाँ रोशन हो गया। जब नफ़रत के बीज थे ,तब कांटे -ही कांटे... Poetry Writing Challenge-3 1 82 Share Ritu Asooja 4 May 2024 · 1 min read नयी नवेली समय की रफ्तार के साथ मैं भी बह गयी, रोकना चाहा पर जल की धारा थी आगे की ओर बहने लगी। बहना मेरा स्वभाव है, बहुत कुछ समाया स्वयं में... Poetry Writing Challenge-3 86 Share Ritu Asooja 4 May 2024 · 1 min read क्या छिपा रहे हो ** क्या छिपा रहे हो **** {कविता } * क्या छिपा रहे हो * कितना छिपाओगे *लाख छुपाओगे उजाले को 💐उजाला किसी झिर्री से बाहर आ ही जायेगा। 💐💐💐💐💐💐 *जो... Poetry Writing Challenge-3 1 73 Share Ritu Asooja 4 May 2024 · 1 min read मेघ, वर्षा और हरियाली वसुन्धरा को तपता देख मेघों ने नील गगन पर डाला डेरा घिर- घिर आया काले घने मेघों का साया मानों मेघ घोर गुस्साये सूरज को ढककर बोले मेघ. वसुन्धरा बहुत... Poetry Writing Challenge-3 109 Share Ritu Asooja 4 May 2024 · 1 min read शुभ मंगल हुई सभी दिशाऐं मंगल हुई सभी दिशाएं अष्टमी कन्या पूजन से देवी मां प्रसन्न हुई। नवमी तिथि श्रीराम जन्म से वसुन्धरा प्रपन्न हुई हरियाली फिर समृद्ध हुई। शीत ऋतु अब बंसत हुई शीतल... Poetry Writing Challenge-3 90 Share Ritu Asooja 4 May 2024 · 1 min read प्रकृति सुर और संगीत वायुमंडल की तरंगों में रचता-बसता है संगीत तभी तो वाद्य यंत्रों की ध्वनि से बजता है संगीत सरगम के सुरों से बन कर कोई गीत ,गुनगुनाता है जब कोई मीत... Poetry Writing Challenge-3 1 102 Share Ritu Asooja 4 May 2024 · 1 min read कागज की कश्ती अच्छा हुआ कोई दिल की 🎉” सुनने वाला नहीं मिला जो दिल में आया वो काग़ज़ पर लिख दिया जो लिख दिया तो,सबने पढ़ लिया “ “सबने कहाँ तुमने तो... Poetry Writing Challenge-3 94 Share Ritu Asooja 4 May 2024 · 1 min read बेकरार दिल बेकरार दिल को करार आये कैसे जो अपना था चला गया इस दुनियां से से कहीं दूर ***** जिसके आने की कोई उम्मीद ही नहीं फिर भी ना जाने क्यों... Poetry Writing Challenge-3 109 Share Ritu Asooja 3 May 2024 · 1 min read सफर सफ़र की शुरुआत बड़ी हसीन थी। हँसते थे ,मुस्कुराते थे चिड़ियों संग बातें करते थे। सपनों की ऊँची उड़ाने भरते थे हर पल मुस्कुराते थे। वो बचपन के दिन भी... Poetry Writing Challenge-3 2 116 Share Ritu Asooja 3 May 2024 · 1 min read जमाना खराब है होश की बातें करते हैं वो जो नशे में सदा रहते हैं स्वयं आदतों के गुलाम है और दुनियां की आजादी की बातें करते हैं " "देकर उदहारण , जमाना... Poetry Writing Challenge-3 2 109 Share Ritu Asooja 3 May 2024 · 1 min read इंसानियत का चिराग निस्वार्थ मोहब्बत का पुजारी हूं इस दुनियां में इंसानियत का चिराग लेकर घूम रहा हूं घोर अन्धकार में दिया जला देता हूं मैं नौसिखिया वीणा के तारों में इंसानियत का... Poetry Writing Challenge-3 1 88 Share Ritu Asooja 3 May 2024 · 1 min read आग और धुआं मैं ज्योति उजाले के साथ आयी सब और उजाला छा गया मैं ज्योति जलती रही चहुँ और उजाला ही उजाला ........ सबकी आँखे चुंध्याने लगीं जब आग थी ,तो उजाला... Poetry Writing Challenge-3 1 107 Share Ritu Asooja 3 May 2024 · 1 min read मोहब्बत अनकहे शब्दों की भाषा है मोहब्बत सुरों की सुमधुर झंकार है, इसी से रचा सुन्दर संसार है , अनकहें शब्दों की मीठी परिभाषा है , मोहब्बत नज़रों की भाषा है। पवित्र रिश्ता दिल में तूफ़ान... Poetry Writing Challenge-3 1 121 Share Ritu Asooja 2 May 2024 · 1 min read मैं मोहब्बत हूं 🌷🌷😊 "मैं मोहब्बत हूँ किसी भी मनुष्य का मूल स्वभाव हूँ। मैं मोहब्बत जीती हूँ 😍 एहसासों में ,जज़्बातों में मोहब्बत का कोई मजहब नहीं मोहब्बत तो हर दिल की... Poetry Writing Challenge-3 1 87 Share Ritu Asooja 2 May 2024 · 1 min read मोहब्बतों की डोर से बँधे हैं मोहब्बतों की डोर से बँधे हैं हम सब मोहब्बत ना होती तो हम बिखर जाते तितर-बितर हो जाते। “चाहतों की भी एक फ़ितरत है चाहता भी उसे है ,जो नसीब... Poetry Writing Challenge-3 1 77 Share Ritu Asooja 2 May 2024 · 1 min read मोहब्बत का पैगाम दिल के कोरे काग़ज़ पर कुछ शब्द ,गुमनाम से लिखता हूं * * मैं तो हर शब्द में मोहब्बत का पैग़ाम लिखती हूं। आगाज़ दर्द से ही सही पर ,... Poetry Writing Challenge-3 1 84 Share Ritu Asooja 2 May 2024 · 1 min read दिल की बातें मैं अपने दिल की कहती हूं वो सबके दिल की हो जाती । मेरी बातों के दरिया में सभी गोते लगाते हैं। ना जाने कौन सा सुख वो मेरी बातों... Poetry Writing Challenge-3 1 84 Share Ritu Asooja 1 May 2024 · 1 min read अपनों की महफिल महफिल हो अपनों की तो अपनत्व का नरम एहसास मन को खूब गुदगुदाता है .....। कुछ खट्टी - मीठी यादों का कारवां जब निकल पङता है ..पुरानी नयी यात्राओं पर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 81 Share Ritu Asooja 1 May 2024 · 1 min read संवेदनाओं का क्रंदन मानव मन की सुन्दर कोमल भावनाओं का दाह संस्कार होते देख मेरी संवेदनाऐं जागृत हो ह्रदय रुदन करने लगीं.. आततायी संवेदन शून्य हो, भावन रहित हो गये थे.. क्रूरता पशुता... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 1 93 Share Ritu Asooja 26 Apr 2024 · 1 min read करूण संवेदना आज फिर जागी थी संवेदना, आंखों में चमक थी, दूर हूई थी वेदना चेहरे पर खुशी थी,जीवन में नयी आस दिखी थी। आज फिर से घर के दरवाजे खुले थे... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 4 90 Share Ritu Asooja 24 Apr 2024 · 1 min read संवेदना कहाँ लुप्त हुयी.. संवेदना कहाँ लुप्त हुयी.. अंहकार के पैरों में गिरी स्वार्थ ने कुचल दी.. संवेदना बिचारी सहम गयी संवेदना घुट-घुट दम तोड़ रही.. मृग तृष्णा सी दुनियां में, अंध छलावा हो... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 9 2 92 Share Ritu Asooja 24 Apr 2024 · 1 min read संवेदना प्रकृति का आधार संवेदनशील होना साधारण बात नहीं संवेदनाऐं प्रकृति प्रदत दिव्य उपहार है संवेदना ही मनुष्य को मनुष्य होने का एहसास कराती है। जाने कहाँ से उपजा होगा संवेदनाओं का अथाह सागर...... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 2 2 104 Share Ritu Asooja 23 Apr 2024 · 1 min read संवेदना की बाती सहयोग मीठा एहसास है ह्रदय में संवेदना परस्पर प्रेम को जीवन का गणित बना।। स्वार्थ बना सर्वोपरी, संवेदना मानों मरी कौन किसका है यहां, स्वार्थ ही सब कुछ हुआ।। मैं-मैं... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 5 88 Share Ritu Asooja 23 Apr 2024 · 1 min read संवेदना की आस संवेदना की आस पर, जी रहे हैं सब यहां एक दूजे के प्रेम से जीवन का यथार्थ यहां।। वसुन्धरा का उपकार बढा, भार जो सबका सहा.. मुझमें हो जो संवेदना,धरती... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 2 82 Share Ritu Asooja 22 Apr 2024 · 1 min read संवेदना ही सौन्दर्य है संवेदनाऐं ही मनुष्य जाति का वास्तविक सौन्दर्य है। संवेदनाऐं मन के कोमल भाव हैं। संवेदनाऐं मनुष्य मन का सौन्दर्य है संवेदनाओं से मनुष्य..मनुष्यता को प्राप्त करता है.. संवेदनाऐं ही मनुष्य... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 1 68 Share Ritu Asooja 22 Apr 2024 · 1 min read संवेदनाओं का भव्य संसार मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम संवेदनाओं का भव्य संसार। लंका का राजा रावण,सवंदेन विहीन पशुवत व्यवहार। कौशल्या,सुमित्रा ममतामयी दिव्य स्वरूप मंथरा भयी संवेदनविहीन,प्रभाव कैकयी बनी विवेकशून्य। संवेदनाओं का पतन, दिया श्रीराम को... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 1 127 Share Ritu Asooja 22 Apr 2024 · 1 min read संवेदना मर रही मर रही संवेदनाऐं.. वेदना चहूं ओर है.. भागने की होड़ है. आगे बढने की दौड़ में .. मानवता कुचल रही.. कंक्रीट का शोर है.. प्रकृति का दमन हो रहा.. प्राण... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 2 2 87 Share Ritu Asooja 2 Apr 2024 · 2 min read सत्य और धर्म किसी भी समाज की परिस्थिति वातावरण के अनुसार संगठित समुदाय के कुछ नियम कानून होते हैं ,इसे समुदाय कहते हैं --- ना की धर्म। धर्म का मूल तो सनातन शाश्वत... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · Article 3 146 Share Ritu Asooja 1 Apr 2024 · 2 min read सत्य की खोज ****जानते तो सब हैं... पर जानना नहीं चाहते... भ्रम में ही रहना पंसद है सबको... जब भ्रम बेहद खूबसूरत हो... तो खूबसूरती में ही कुछ पल रह लेना बेहतर है..... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता 2 2 56 Share Ritu Asooja 1 Apr 2024 · 1 min read 'सत्य मौन भी होता है ' सत्य है मौन मौन कुछ ना कहकर भी बहुत कुछ कहता है मौन भी शाश्वत सत्य होता है मौन की भी भाषा होती है ..... सत्य,सटीक और निर्भीक आंखे भी... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 76 Share Ritu Asooja 1 Apr 2024 · 1 min read *अमृत कुंभ गंगा ऋषिकेश * *ध्यान-योग की पवित्र स्थली शुभ कर्म जो, गंगा मैय्या की शरण मिली, महाकुंभ में आलौकिक स्वर्ग स्वरूपणी * *ऋषिकेश त्रिवेणी संगम की गंगा घाट की अद्वितीय छवि अन्नत,अथाह ,अविरल अमृतमयी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 77 Share Ritu Asooja 28 Mar 2024 · 1 min read ख्वाबों का सच ख्वाबों में ख्वाबों को सच करने की गलती हर रोज करता हूं ख्वाबों के सच होने की हकीकत जानता हूं की हर रोज ख्वाब टूटते हैं फिर भी ये गलती... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 110 Share Ritu Asooja 19 Mar 2024 · 1 min read क्या छिपा रहे हो क्या छिपा रहे हो **** {कविता } * क्या छिपा रहे हो * कितना छिपाओगे *लाख छुपाओगे उजाले को 💐उजाला किसी झिर्री से बाहर आ ही जायेगा 💐💐💐💐💐💐 *जो सच... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 57 Share Ritu Asooja 19 Mar 2024 · 3 min read आत्म यात्रा सत्य की खोज आत्म यात्रा " दो अक्षर क्या पड़ लिये ,मैं तो स्वयं को विद्वान समझ बैठा । वो सही कह रहा था ,चार किताबें क्या पड़ लीं अपने को ज्ञानी समझ... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · लेख 1 158 Share Ritu Asooja 18 Mar 2024 · 2 min read *शून्य का शून्य मै वीलीन हो जाना ही सत है * मनुष्य जीवन में ,तन का अस्तित्व राख हो जाना ,आत्मा रूपी शक्ति ,जिससे मनुष्य तन पहचान में आता है , यानि मनुष्य का अस्तित्व धरती पर तभी तक है जब... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · निबंध 3 150 Share Ritu Asooja 18 Mar 2024 · 1 min read शाश्वत सत्य असली खोज तो शाश्वत सत्य की है पर भटक जाती हूँ, समाज में इतनी मिलावट है है की असली भी नकली - - - और नकली भीअसली नज़र आता है... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 139 Share Ritu Asooja 14 Feb 2024 · 1 min read बंसत पचंमी बंसत पचंमी ऋतु बसंत,समीर बहे मधुर - मधुर सवंच्छद नव पल्लव अंकुरित पुष्प मरकंद.. मन प्रफुल्लित सूर्य प्रकाश अद्भुत प्रसन्न अंतर्मन आयो ऋतु बसंत ज्ञानामृत बुद्धि, विवेक का भण्डार हो... 144 Share Ritu Asooja 11 Feb 2024 · 1 min read आजाद पंछी *पिंजरों से निकल कर पंछी जब आजाद हुए ,सुनहरे अक्षरों में अपनी तक़दीर* लिखने को बेताब हुए..... छूने को आसमान हम इस क़दर पंख फड़फड़ायेंग़े राहों की हर बाधा से... Poetry Writing Challenge-2 1 160 Share Ritu Asooja 11 Feb 2024 · 1 min read देवों की भूमि उत्तराखण्ड देवों की भूमि "उत्तराखण्ड" "भारत"के सिर का ताज गंगोत्री ,यमनोत्री,बद्रीनाथ,केदारनाथ आदि तीर्थस्थलों का यहीं पर वास पतित ,पावनी निर्मल ,अमिय माँ गँगा का उद्गम गंगोत्री .. से हरी की पौड़ी... Poetry Writing Challenge-2 1 133 Share Ritu Asooja 11 Feb 2024 · 1 min read *आत्मविश्वास* आत्मविश्वास * " आत्म विश्वास यानि स्वयं का स्वयं पर विश्वास अद्वित्य,अदृश्य, आत्मा की आवाज़ है ,आत्मविश्वास" आत्मविश्वास मनुष्य में समाहित अमूल्य रत्न मणि है। आत्मविश्वास एक ऐसी पूंजी है... Poetry Writing Challenge-2 1 178 Share Ritu Asooja 11 Feb 2024 · 1 min read अमृत मयी गंगा जलधारा *ध्यान-योग की पवित्र स्थली शुभ कर्म जो, गंगा मैय्या की शरण मिली, महाकुंभ में आलौकिक स्वर्ग स्वरूपणी ऋषिकेश त्रिवेणी संगम की गंगा घाट की अद्वितीय छवि अन्नत,अथाह ,अविरल * अमृतमयी... Poetry Writing Challenge-2 145 Share Page 1 Next