Ritu Asooja Tag: कविता 18 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ritu Asooja 1 May 2024 · 1 min read अपनों की महफिल महफिल हो अपनों की तो अपनत्व का नरम एहसास मन को खूब गुदगुदाता है .....। कुछ खट्टी - मीठी यादों का कारवां जब निकल पङता है ..पुरानी नयी यात्राओं पर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 81 Share Ritu Asooja 1 Apr 2024 · 1 min read 'सत्य मौन भी होता है ' सत्य है मौन मौन कुछ ना कहकर भी बहुत कुछ कहता है मौन भी शाश्वत सत्य होता है मौन की भी भाषा होती है ..... सत्य,सटीक और निर्भीक आंखे भी... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 77 Share Ritu Asooja 1 Apr 2024 · 1 min read *अमृत कुंभ गंगा ऋषिकेश * *ध्यान-योग की पवित्र स्थली शुभ कर्म जो, गंगा मैय्या की शरण मिली, महाकुंभ में आलौकिक स्वर्ग स्वरूपणी * *ऋषिकेश त्रिवेणी संगम की गंगा घाट की अद्वितीय छवि अन्नत,अथाह ,अविरल अमृतमयी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 77 Share Ritu Asooja 28 Mar 2024 · 1 min read ख्वाबों का सच ख्वाबों में ख्वाबों को सच करने की गलती हर रोज करता हूं ख्वाबों के सच होने की हकीकत जानता हूं की हर रोज ख्वाब टूटते हैं फिर भी ये गलती... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 111 Share Ritu Asooja 19 Mar 2024 · 1 min read क्या छिपा रहे हो क्या छिपा रहे हो **** {कविता } * क्या छिपा रहे हो * कितना छिपाओगे *लाख छुपाओगे उजाले को 💐उजाला किसी झिर्री से बाहर आ ही जायेगा 💐💐💐💐💐💐 *जो सच... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 58 Share Ritu Asooja 18 Mar 2024 · 1 min read शाश्वत सत्य असली खोज तो शाश्वत सत्य की है पर भटक जाती हूँ, समाज में इतनी मिलावट है है की असली भी नकली - - - और नकली भीअसली नज़र आता है... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 139 Share Ritu Asooja 11 Feb 2024 · 1 min read स्वर्ग से सुंदर समाज की कल्पना *स्वर्ग से सुंदर समाज की कल्पना यही एक लेखक की इबादत होती है हर तरफ खूबसूरत देखने की एक सच्चे लेखक की आदत होती है *** अन्याय, अहिंसा, भेदभाव, देख... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 114 Share Ritu Asooja 10 Feb 2024 · 1 min read जिन्दा हूं जीने का शौक रखती हूँ *जिन्दा हूं जीने का शौक रखती हूँ शक्सियत मेरी मिट्टी ही सही अपने विचारों के माध्यम से आप सबके दिलों में जगह बनाने की भरकस कोशिश करती हूं*... सफर पर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 49 Share Ritu Asooja 9 Feb 2024 · 1 min read ए चांद कुछ तो विषेश है तुझमें ए चांद कुछ तो विषेश है तुझमें जिसने देखा अपना रब देखा तुझमें सुहागन का वरदान हो भाईदूज का चांद हो ईद का पैगाम हो चाहने वालों का अरमान हो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 71 Share Ritu Asooja 8 Feb 2024 · 1 min read *खूबसूरती* *जिंदगी इतनी खूबसूरत हो सकती है , किसे पता था। मैंने प्रेम की जोत जलाई तो सारा जहाँ रोशन हो गया। जब नफ़रत के बीज थे तब कांटे -ही कांटे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 142 Share Ritu Asooja 7 Feb 2024 · 1 min read मोहब्बत के तराने *जीवन की दौड़ में मोहब्बत वो दवा है जो हर रिश्ते पर मरहम लगा उसको सवाँरती है । मोहब्बत ही तो हर मनुष्य का वास्तविक स्वभाव है* *कुछ गीत सुहाने... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 65 Share Ritu Asooja 7 Feb 2024 · 1 min read सौन्दर्य *सौन्दर्य तो बस भीतर है बाहर तो सब आकर्षण बाहर का आवरण है* प्रकृति स्वयं एक वृहद श्रृंगार है वसुंधरा का प्रकृति स्वयं में पूर्ण है.. सुमन,समुंदर सरोवर वृक्ष,पर्वत, झरने... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 56 Share Ritu Asooja 7 Feb 2024 · 1 min read मौन की भाषा *बहुत बोलता रहा अभी तक किसी ने कुछ नहीं सुना या यूं कहिए सुनना ही नहीं चाहा अब मैंने मौन धारण कर लिया है* जब से मैंने मौन धारण किया... Poetry Writing Challenge-2 · Poem · कविता 98 Share Ritu Asooja 6 Feb 2024 · 1 min read मेरा आशियाना निकला जाता हूं अक्सर घर से कहीं दूर दिल को बहलाने को कुछ पल सूकून के पाने को दुनिया भर के झंझटों से आजाद हो जाने को बेफिक्र परिंदा बन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 112 Share Ritu Asooja 6 Feb 2024 · 1 min read विचार बड़े अनमोल विचार बड़े अनमोल होते विचार ही भाग्य बनाते हैं विचार ही भाग्य बिगाड़ते हैं जिव्हा पर आने से पहले विचार मस्तिष्क में पनप जाते हैं, विचारों का आकार होता है... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 71 Share Ritu Asooja 6 Feb 2024 · 1 min read विचार बड़े अनमोल विचार बड़े अनमोल होते विचार ही भाग्य बनाते हैं विचार ही भाग्य बिगाड़ते हैं जिव्हा पर आने से पहले विचार मस्तिष्क में पनप जाते हैं, विचारों का आकार होता है... Hindi · कविता 90 Share Ritu Asooja 6 Feb 2024 · 1 min read (कविता शीर्षक) *जागृति की मशाल* *नए युग का नया सवेरा स्वर्णिम सपनों का अद्भुत मेला मन अलबेला देखे स्वर्णिम युग का नित्य नूतन सवेरा* *मन में भावनाओं का गहरा समुंदर जिसमे विचारों का अद्वितीय खजाना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 74 Share Ritu Asooja 4 Nov 2018 · 1 min read ****मां***** *** *** मां ***** शब्दों में बांध सकूं ,मेरी इतनी औकात नहीं *मां *सिर्फ शब्द नहीं , *मां *अनन्त ,अद्वितीय ,अतुलनीय है *मां *धरती पर परमात्मा का वरदान है। *मां... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 33 833 Share