पूर्वार्थ देव Tag: लाइफ 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid पूर्वार्थ देव 10 Oct 2025 · 4 min read में और समय मैं दोस्त समाय आबाद हूँ, लेकिन भीतर शोर है। मेरी अमानत पर नाचती है नश्वरता, मेरे हाथों में उसका दरवाज़ा है। मुझे नदियों का नीर नहीं, दैत्यो का लहू पिलाया... Hindi · कविता · लाइफ 63 Share