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"हां, गिरके नई शुरुआत चाहता हूँ ll
पूर्वार्थ
आत्मविश्वास जैसा
पूर्वार्थ
में ही हूं, मैं ही कहानी
पूर्वार्थ
अपने भाई के लिये, बहन मनाती दूज,
पूर्वार्थ
"यही अच्छाई है, यही खराबी है ll
पूर्वार्थ
मनुष्य का कर्म विचारों का फूल है
पूर्वार्थ
हम बुज़ुर्गों पर दुआओं के सिवा कुछ भी नहीं
पूर्वार्थ
लड़को यह जानने समझने के बाद बहुत आसानी होगी तुम्हे कि नदी हम
पूर्वार्थ
हमारे इस छोटे से जीवन में कुछ भी यूँ ही नहीं घटता। कोई भी अक
पूर्वार्थ
जैसे-जैसे हम चुनौतियों और असफलताओं की घुमावदार सड़कों पर चलत
पूर्वार्थ
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ! ...
पूर्वार्थ
या तो युद्ध छेड़ दो हमसे,
पूर्वार्थ
One of my fav poem -
पूर्वार्थ
तू अपनी खूबियां ढूंढ ....कमियां निकालने के लिए लोग हैं |
पूर्वार्थ
*अति*
पूर्वार्थ
"Appreciate the efforts. When someone is giving their all to
पूर्वार्थ
कलम का जादू चल रहा, तो संसार तरक्की कर रहा।
पूर्वार्थ
कोई चाहे कितना भी सुंदर क्यों न हो,
पूर्वार्थ
Being too friendly can sometimes invite disrespect, because
पूर्वार्थ
╬ लड़के भी सब कुछ होते हैं ╬
पूर्वार्थ
तू अपनी खूबियां ढूंढ ....कमियां निकालने के लिए लोग हैं |
पूर्वार्थ
Dedicated to all those who live outside their home to earn t
पूर्वार्थ
अभी एक बोर्ड पर लिखा हुआ देखा...
पूर्वार्थ
बचाये रखना तुम प्रेम कुछ उन दिनों के लिए,
पूर्वार्थ
ब्रेकअप तो सिर्फ अफेयर में होते है
पूर्वार्थ
तुम यादों में रहो
पूर्वार्थ
मेरी सबसे ज्यादा जरूरी चीज
पूर्वार्थ
प्रेम कई रास्तों से आ सकता था ,
पूर्वार्थ
पुराना कुछ भूलने के लिए
पूर्वार्थ
जो हमेशा खुशी चाहता हैं वो दुःख भी शत-प्रतिशत पाता हैं.. जो
पूर्वार्थ
आंसू जता देते है, दर्द कैसा है ?
पूर्वार्थ
ये बहाव भी जरूरी है,ये ठहराव भी जरूरी है,जरूरी नहीं ये धूप ह
पूर्वार्थ
"मुश्किलें मेरे घर मेहमानी पर आती हैं ll
पूर्वार्थ
कमियाँ तो मुझमें बहुत है,
पूर्वार्थ
भाग गए रणछोड़ सभी, देख अभी तक खड़ा हूँ मैं
पूर्वार्थ
तेरी मुश्किल ना बढ़ूंगा,
पूर्वार्थ
आलस का आकार
पूर्वार्थ
चलो मान लिया इस चँचल मन में,
पूर्वार्थ
तन मन मदहोश सा,ये कौनसी बयार है
पूर्वार्थ
गैरों से कैसे रार करूँ,
पूर्वार्थ
No Second Option
पूर्वार्थ
Easy is to judge the mistakes of others,
पूर्वार्थ
हर एक खैरियत पूछने वाला...
पूर्वार्थ
जिसे रिश्तों की परवाह नहीं वो,,
पूर्वार्थ
उसने पहाड़ होना चुना था
पूर्वार्थ
सूरज का होना
पूर्वार्थ
"रिश्ता उसी से रखो जो इज्जत और सम्मान दे.,
पूर्वार्थ
आजकल ईश्वर ,ठीक मेरे बगल में सोता है...
पूर्वार्थ
प्रेम कोई भी कर सकता है पर हर कोई निभा नहीं पाता
पूर्वार्थ
विपत्ति में, विरोध में अडिग रहो, अटल रहो,
पूर्वार्थ