Rishi Kumar Prabhakar Tag: कविता 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rishi Kumar Prabhakar 16 Oct 2022 · 1 min read किमत कविता-किमत -------------------- शाह टूटकर,है बिका खड़ी दीवारों का मोल नहीं खड़े खड़हर बने स्मारक ईट मलबे का कोई भाव नहीं, पहचान होगी तब तेरी जव नीवं में होगी जान तेरी... Hindi · कविता 287 Share Rishi Kumar Prabhakar 16 Oct 2022 · 1 min read मोम बनूँ मै कविता-मोम बनूँ मैं ------------------------ भाव मिले तो, रख लो मुझको, घाव दिखे तो, भेषज जानों मुझको, कुछ भी हो, जब जीवन में सुन पान समझकर,खाओ या चढ़ाओ मुझको, पूजा की... Hindi · Essay · Poem · कविता 143 Share Rishi Kumar Prabhakar 11 May 2022 · 1 min read काव्य संग्रह से मुझे बहुत अच्छा लगता है उसे कसकर पकड़ लेना कभी होठों को चूम लेना शर्माती हुई निगाहों को देख कर उसकी सारी जरूरत को पढ़ लेना ------- "इलाहाबाद मेरा इश्क... Hindi · कविता 832 Share Rishi Kumar Prabhakar 2 Apr 2022 · 1 min read शहीद निखिल धोबी शहीद निखिल धोबी ------------------------------- पर्वत बनकर खड़ा रहा वेग बनकर उमड़ रहा सागर जैसी गहराई लेकर आंदोलन भूमि पर अड़ा रहा भीम पुत्र था भीम मिशन का शुभचिंतक था संविधान... Hindi · कविता 235 Share Rishi Kumar Prabhakar 29 Mar 2022 · 2 min read कहानी कहानी-बाढ़ -------------- सूरज निकलने वाला ही था कि बारिश रिमझिम शुरू हो गई| दोपहर होते-होते बारिश विकराल रूप धारण कर ली चारों तरफ बादल में गड़गड़ाहट बिजलीओं की लपटें, ऐसा... Hindi · कविता 276 Share Rishi Kumar Prabhakar 27 Mar 2022 · 1 min read मुक्ति और मृत्यु मुक्ति और मृत्यु -------------------------- रोको न अभी, मुझे जाने दो ले लो सब अपना, मुझे जाने दो! जीवन भर मैं बँधी रही मां के आंचल में छुपी रही, हुई सयानी... Hindi · कविता 191 Share Rishi Kumar Prabhakar 4 Mar 2022 · 1 min read हिन्दी क्या है कविता-हिंदी क्या है? -------------------------- हिंदी गीत है हिंदी प्रीत है हिंदी दीप है अंधकार को चीरती प्रातः की उषा सूर्यास्त की संध्या है| हिंदी मां का आंचल है हिंदी मां... Hindi · कविता 2 2 234 Share