ऋचा पाठक पंत Tag: प्रकृति 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid ऋचा पाठक पंत 13 Jun 2023 · 1 min read मातृस्वरूपा प्रकृति अहा! प्रकृति हमें कितना कुछ देती है। और बदले में इसके कुछ भी न लेती है। करता मानव वर्ष भर शोषण दोहन इसका। विनिमय में यह 'मधुमास' प्रतिवर्ष देती है।... Poetry Writing Challenge · धरती · प्रकृति · माँ 297 Share