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डॉ. कुँअर बेचैन : कुछ यादें
Ravi Prakash
*सस्ती सबसे चाय है, गरम समोसा साथ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*कविवर श्री जितेंद्र कमल आनंद (कुंडलिया)*
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अनुराधा पौडवाल तथा कविता पौडवाल द्वारा आदि शंकराचार्य द्वारा
Ravi Prakash
*मक्खन मलना है कला, अतिशय दुर्लभ ज्ञान (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*तुम्हें बधाई हो नव-दंपति, तुम में गहरा प्यार हो (विवाह-गीत/सेहरा)*
Ravi Prakash
*शादी में है भीड़ को, प्रीतिभोज से काम (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*मेला कार्तिक पूर्णिमा, पावन पुण्य नहान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*बच्चे-जैसे हम बनें, प्रभु जी दो वरदान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*मिलता है परमात्म जब, छाता अति आह्लाद (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*छाया प्यारा कोहरा, करता स्वागत-गान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*आओ पूजें कृष्ण को, पूजित जिनसे गाय (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*कृपा कर दो हे बाबा श्याम, खाटू के सहारे हैं (भजन)*
Ravi Prakash
*अभिनंदन सौ बार है, तुलसी तुम्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*चलती सॉंसें मानिए, ईश्वर का वरदान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*यह दुर्भाग्य गृहस्थी में प्रभु, कभी किसी के लाना मत (हिंदी
Ravi Prakash
*जाते तानाशाह हैं, कुर्सी को जब छोड़ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*चक्की चलती थी कभी, घर-घर में अविराम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*जीवन-पथ पर चल रहे, लिए हाथ में हाथ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*झगड़ालू जाते जहॉं, झगड़ा करते आम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*गाली जब होती शुरू, बहस समझिए बंद (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*एक जन्म में जाने कितने, हमने जन्म जिए हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*आवारा कुत्ते हुए, लोभी नमकहराम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*लेखा सबका रख रहे, चित्रगुप्त भगवान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*रचना सुंदर बन रही, घर-घर बनता चित्र (कुंडलिया)*
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*एक बल्ब घर के बाहर भी, रोज जलाना अच्छा है (हिंदी गजल)*
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*भैया दूज विशेष है, भारत का त्यौहार (कुंडलिया)*
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*क्या कर लेगा इंद्र जब, खुद पर निर्भर लोग (कुंडलिया)*
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*बाजारों में जाकर देखो, कैसी छाई दीवाली (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*खीलों से पूजन हुआ, दीपावली विशेष (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*बतलाती दीपावली, रहो पंक्ति में एक (कुंडलिया)*
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*मारा नरकासुर गया, छाया जग-आह्लाद (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*आए फोटो में नजर, खड़े हुए बलवान (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*सीखो जग में हारना, तोड़ो निज अभिमान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*जलने वाले जल रहे, जल-भुनकर हैं राख (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*नववधु ! कभी किसी की झूठी, बातों में तुम मत आना (गीत)*
Ravi Prakash
*सत्पथ पर चलना सिखलाते, अग्रसेन भगवान (गीत)*
Ravi Prakash
*धनतेरस पर स्वास्थ्य दें, धन्वंतरि भगवान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*बचिए व्यर्थ विवाद से, उपजाता यह क्लेश (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*धरती पर सब हों सुखी, सारे जन धनवान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*आओ लक्ष्मी मातु श्री, दो जग को वरदान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*अपने गुट को अच्छा कहना, बाकी बुरा बताना है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*जनता का वाहन कहो, रिक्शा जिंदाबाद (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*पूजा पत्नी की करो, साली जी से प्यार (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*आधा नभ में चंद्रमा, कहता मॉं का प्यार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*जलते दीपक कह रहे, हम में भरा प्रकाश (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*देती धक्के कचहरी, तारीखें हैं रोज (कुंडलिया*
Ravi Prakash
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
*आई करवा चौथ है, लाई शुभ संदेश (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash