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157 posts
हमारे जीवन में मधुर सम्बन्ध तभी स्थापित होंगे जब हम अपना अहं
हमारे जीवन में मधुर सम्बन्ध तभी स्थापित होंगे जब हम अपना अहं
Ravikesh Jha
अगर आप वास्तविक और आंतरिक ज्ञान के ओर बढ़ रहे हैं तो आपको जा
अगर आप वास्तविक और आंतरिक ज्ञान के ओर बढ़ रहे हैं तो आपको जा
Ravikesh Jha
यदि जीवन में कठिनाई से बाहर निकलना है तो, होश के साथ संबंध ब
यदि जीवन में कठिनाई से बाहर निकलना है तो, होश के साथ संबंध ब
Ravikesh Jha
जीवन का मूल स्रोत वर्तमान में है और हम अतीत और भविष्य में खो
जीवन का मूल स्रोत वर्तमान में है और हम अतीत और भविष्य में खो
Ravikesh Jha
हम कैसे जीवन जीते हैं यदि हम ये जानने में उत्सुक होंगे तभी ह
हम कैसे जीवन जीते हैं यदि हम ये जानने में उत्सुक होंगे तभी ह
Ravikesh Jha
जीवन वास्तव में नवीनतम तब होगा जब हम अंदर से जीने लगेंगे, जब
जीवन वास्तव में नवीनतम तब होगा जब हम अंदर से जीने लगेंगे, जब
Ravikesh Jha
जटिलता से सरलता की ओर। ~ रविकेश झा
जटिलता से सरलता की ओर। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
सही मायने में मनुष्य होने का सही अर्थ आपको तब पता चलेगा जब आ
सही मायने में मनुष्य होने का सही अर्थ आपको तब पता चलेगा जब आ
Ravikesh Jha
जैसे जैसे हम स्थिरता की ओर बढ़ने लगते हैं हम वैसे ही शांत हो
जैसे जैसे हम स्थिरता की ओर बढ़ने लगते हैं हम वैसे ही शांत हो
Ravikesh Jha
हम ध्यान के अस्तित्व में तब आते हैं जब हम कोई कार्य होश पूर्
हम ध्यान के अस्तित्व में तब आते हैं जब हम कोई कार्य होश पूर्
Ravikesh Jha
आनंद की खोज। ~ रविकेश झा
आनंद की खोज। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
वर्तमान का अर्थ है सुख दुःख से परे जाना के बारे में है, न की
वर्तमान का अर्थ है सुख दुःख से परे जाना के बारे में है, न की
Ravikesh Jha
मूर्छा में जीते जीते जीवन को नर्क बना लिया।
मूर्छा में जीते जीते जीवन को नर्क बना लिया।
Ravikesh Jha
हमें भौतिक सुख से परे सोचना चाहिए जो हम प्रतिदिन कर रहे उसे
हमें भौतिक सुख से परे सोचना चाहिए जो हम प्रतिदिन कर रहे उसे
Ravikesh Jha
अपने नसीब पर रोने के बजाय हमें अपने कर्म पर श्रद्धा और ध्यान
अपने नसीब पर रोने के बजाय हमें अपने कर्म पर श्रद्धा और ध्यान
Ravikesh Jha
आपके अलावा यहां आपका कोई नहीं है बस आप भ्रम में जी रहे हैं,
आपके अलावा यहां आपका कोई नहीं है बस आप भ्रम में जी रहे हैं,
Ravikesh Jha
हम जीवन के विपरीत चलते हैं इसीलिए हमें बस दुःख और निराशा का
हम जीवन के विपरीत चलते हैं इसीलिए हमें बस दुःख और निराशा का
Ravikesh Jha
सांसारिक जीवन का अर्थ है अतीत और भविष्य में फंस जाना, आध्यात
सांसारिक जीवन का अर्थ है अतीत और भविष्य में फंस जाना, आध्यात
Ravikesh Jha
हमें परिवर्तन के मार्ग से जुड़ना होगा, हम पहले से यहां पूर्ण
हमें परिवर्तन के मार्ग से जुड़ना होगा, हम पहले से यहां पूर्ण
Ravikesh Jha
आनंद सरल स्वभाव को ही प्राप्त होता है, क्रोधी व्यक्ति तो खुश
आनंद सरल स्वभाव को ही प्राप्त होता है, क्रोधी व्यक्ति तो खुश
Ravikesh Jha
दुःख है, पीड़ा है लेकिन उससे भी अधिक हम कल्पना में खोए हुए ह
दुःख है, पीड़ा है लेकिन उससे भी अधिक हम कल्पना में खोए हुए ह
Ravikesh Jha
हमें निंदा से डरना नहीं चाहिए क्योंकि जब तक जीवन है लोग कहें
हमें निंदा से डरना नहीं चाहिए क्योंकि जब तक जीवन है लोग कहें
Ravikesh Jha
हमें अपनी सुनने की गुणवत्ता पर भी ध्यान देने की ज़रूरत है। ह
हमें अपनी सुनने की गुणवत्ता पर भी ध्यान देने की ज़रूरत है। ह
Ravikesh Jha
प्रेम और करुणा: समझ और अंतर। ~ रविकेश झा।
प्रेम और करुणा: समझ और अंतर। ~ रविकेश झा।
Ravikesh Jha
पूर्ण जागृत जीवन जीने के लिए हमें ध्यान को अपनाना होगा, अपने
पूर्ण जागृत जीवन जीने के लिए हमें ध्यान को अपनाना होगा, अपने
Ravikesh Jha
संदेह से श्रद्धा की ओर। ~ रविकेश झा।
संदेह से श्रद्धा की ओर। ~ रविकेश झा।
Ravikesh Jha
केवल परिवर्तन का मार्ग ही हमें आनंद और पूर्णता की ओर ले जाएग
केवल परिवर्तन का मार्ग ही हमें आनंद और पूर्णता की ओर ले जाएग
Ravikesh Jha
आंतरिक शांति प्राप्त करने के लिए कृतज्ञता को अपनाना एक आध्या
आंतरिक शांति प्राप्त करने के लिए कृतज्ञता को अपनाना एक आध्या
Ravikesh Jha
आध्यात्मिक दृष्टिकोण से मन की शांति के उपाय। मिथक बातें का खण्डन। ~ रविकेश झा
आध्यात्मिक दृष्टिकोण से मन की शांति के उपाय। मिथक बातें का खण्डन। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
हमें एकांत में आना होगा यदि हमें सत्य से पूर्ण परिचित होना ह
हमें एकांत में आना होगा यदि हमें सत्य से पूर्ण परिचित होना ह
Ravikesh Jha
जीवन सत्य या मृत्यु। ~ रविकेश झा
जीवन सत्य या मृत्यु। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
जब तक हम अपने भीतर नहीं खोजते हम अधूरे हैं और पूर्ण नहीं बन
जब तक हम अपने भीतर नहीं खोजते हम अधूरे हैं और पूर्ण नहीं बन
Ravikesh Jha
अब तो जाग जाओ। ~ रविकेश झा
अब तो जाग जाओ। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
आत्म जागरूकता कोई उपलब्धि हासिल करना नहीं है, बस आप स्वयं को
आत्म जागरूकता कोई उपलब्धि हासिल करना नहीं है, बस आप स्वयं को
Ravikesh Jha
ओशो रजनीश ~ रविकेश झा
ओशो रजनीश ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
हमें जीवन के प्रति सजग होना होगा, अपने चेतना को एक स्पष्ट दि
हमें जीवन के प्रति सजग होना होगा, अपने चेतना को एक स्पष्ट दि
Ravikesh Jha
आध्यात्मिक जीवन जीने का सरल उपाय। ~ रविकेश झा
आध्यात्मिक जीवन जीने का सरल उपाय। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
हमें सकारात्मक और नकारात्मक के बीच संबंध मजबूत करना होगा, तभ
हमें सकारात्मक और नकारात्मक के बीच संबंध मजबूत करना होगा, तभ
Ravikesh Jha
जब जागे तब सवेरा। ~ रविकेश झा
जब जागे तब सवेरा। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
सांसारिक जीवन के लिए ज्ञान की आवश्यकता होती है और आंतरिक जीव
सांसारिक जीवन के लिए ज्ञान की आवश्यकता होती है और आंतरिक जीव
Ravikesh Jha
आध्यात्मिक दृष्टि से जीवन जीना आवश्यक है, तभी हम बाहर और अंद
आध्यात्मिक दृष्टि से जीवन जीना आवश्यक है, तभी हम बाहर और अंद
Ravikesh Jha
इच्छा कभी खत्म नहीं होने वाला जो व्यक्ति यह जान लिए वह अब मो
इच्छा कभी खत्म नहीं होने वाला जो व्यक्ति यह जान लिए वह अब मो
Ravikesh Jha
हमें अपने स्वभाव और कर्तव्य दोनों के बीच अंतर को समझना होगा
हमें अपने स्वभाव और कर्तव्य दोनों के बीच अंतर को समझना होगा
Ravikesh Jha
क्रोध घृणा क्या है और इसे कैसे रूपांतरण करें। ~ रविकेश झा
क्रोध घृणा क्या है और इसे कैसे रूपांतरण करें। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
हमें जीवन में अपने अनुभव से जानना होगा, हमारे जीवन का अनुभव
हमें जीवन में अपने अनुभव से जानना होगा, हमारे जीवन का अनुभव
Ravikesh Jha
आध्यात्मिक और सांसारिक जीवन में संतुलन कैसे बनाएं, और कुछ मिथक बातें। ~ रविकेश झा
आध्यात्मिक और सांसारिक जीवन में संतुलन कैसे बनाएं, और कुछ मिथक बातें। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
हमें अपने स्रोत से तभी परिचित होते है जब हम पूर्ण जागते हैं,
हमें अपने स्रोत से तभी परिचित होते है जब हम पूर्ण जागते हैं,
Ravikesh Jha
जब तक आप अपेक्षा में जिएंगे तब तक दुःख से मुक्त नहीं हो सकते
जब तक आप अपेक्षा में जिएंगे तब तक दुःख से मुक्त नहीं हो सकते
Ravikesh Jha
परिस्थिति से भागने के बजाय उसे जानने में हमें उत्सुक होना चा
परिस्थिति से भागने के बजाय उसे जानने में हमें उत्सुक होना चा
Ravikesh Jha
सच्चा ज्ञानी व्यक्ति वह है जो हमें अपने भीतर पहुंचने में मदद
सच्चा ज्ञानी व्यक्ति वह है जो हमें अपने भीतर पहुंचने में मदद
Ravikesh Jha
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