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हमारे जीवन में मधुर सम्बन्ध तभी स्थापित होंगे जब हम अपना अहं
Ravikesh Jha
अगर आप वास्तविक और आंतरिक ज्ञान के ओर बढ़ रहे हैं तो आपको जा
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यदि जीवन में कठिनाई से बाहर निकलना है तो, होश के साथ संबंध ब
Ravikesh Jha
जीवन का मूल स्रोत वर्तमान में है और हम अतीत और भविष्य में खो
Ravikesh Jha
हम कैसे जीवन जीते हैं यदि हम ये जानने में उत्सुक होंगे तभी ह
Ravikesh Jha
जीवन वास्तव में नवीनतम तब होगा जब हम अंदर से जीने लगेंगे, जब
Ravikesh Jha
जटिलता से सरलता की ओर। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
सही मायने में मनुष्य होने का सही अर्थ आपको तब पता चलेगा जब आ
Ravikesh Jha
जैसे जैसे हम स्थिरता की ओर बढ़ने लगते हैं हम वैसे ही शांत हो
Ravikesh Jha
हम ध्यान के अस्तित्व में तब आते हैं जब हम कोई कार्य होश पूर्
Ravikesh Jha
आनंद की खोज। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
वर्तमान का अर्थ है सुख दुःख से परे जाना के बारे में है, न की
Ravikesh Jha
मूर्छा में जीते जीते जीवन को नर्क बना लिया।
Ravikesh Jha
हमें भौतिक सुख से परे सोचना चाहिए जो हम प्रतिदिन कर रहे उसे
Ravikesh Jha
अपने नसीब पर रोने के बजाय हमें अपने कर्म पर श्रद्धा और ध्यान
Ravikesh Jha
आपके अलावा यहां आपका कोई नहीं है बस आप भ्रम में जी रहे हैं,
Ravikesh Jha
हम जीवन के विपरीत चलते हैं इसीलिए हमें बस दुःख और निराशा का
Ravikesh Jha
सांसारिक जीवन का अर्थ है अतीत और भविष्य में फंस जाना, आध्यात
Ravikesh Jha
हमें परिवर्तन के मार्ग से जुड़ना होगा, हम पहले से यहां पूर्ण
Ravikesh Jha
आनंद सरल स्वभाव को ही प्राप्त होता है, क्रोधी व्यक्ति तो खुश
Ravikesh Jha
दुःख है, पीड़ा है लेकिन उससे भी अधिक हम कल्पना में खोए हुए ह
Ravikesh Jha
हमें निंदा से डरना नहीं चाहिए क्योंकि जब तक जीवन है लोग कहें
Ravikesh Jha
हमें अपनी सुनने की गुणवत्ता पर भी ध्यान देने की ज़रूरत है। ह
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प्रेम और करुणा: समझ और अंतर। ~ रविकेश झा।
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पूर्ण जागृत जीवन जीने के लिए हमें ध्यान को अपनाना होगा, अपने
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संदेह से श्रद्धा की ओर। ~ रविकेश झा।
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केवल परिवर्तन का मार्ग ही हमें आनंद और पूर्णता की ओर ले जाएग
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आंतरिक शांति प्राप्त करने के लिए कृतज्ञता को अपनाना एक आध्या
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आध्यात्मिक दृष्टिकोण से मन की शांति के उपाय। मिथक बातें का खण्डन। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
हमें एकांत में आना होगा यदि हमें सत्य से पूर्ण परिचित होना ह
Ravikesh Jha
जीवन सत्य या मृत्यु। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
जब तक हम अपने भीतर नहीं खोजते हम अधूरे हैं और पूर्ण नहीं बन
Ravikesh Jha
अब तो जाग जाओ। ~ रविकेश झा
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आत्म जागरूकता कोई उपलब्धि हासिल करना नहीं है, बस आप स्वयं को
Ravikesh Jha
ओशो रजनीश ~ रविकेश झा
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हमें जीवन के प्रति सजग होना होगा, अपने चेतना को एक स्पष्ट दि
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आध्यात्मिक जीवन जीने का सरल उपाय। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
हमें सकारात्मक और नकारात्मक के बीच संबंध मजबूत करना होगा, तभ
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जब जागे तब सवेरा। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
सांसारिक जीवन के लिए ज्ञान की आवश्यकता होती है और आंतरिक जीव
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आध्यात्मिक दृष्टि से जीवन जीना आवश्यक है, तभी हम बाहर और अंद
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इच्छा कभी खत्म नहीं होने वाला जो व्यक्ति यह जान लिए वह अब मो
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हमें अपने स्वभाव और कर्तव्य दोनों के बीच अंतर को समझना होगा
Ravikesh Jha
क्रोध घृणा क्या है और इसे कैसे रूपांतरण करें। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
हमें जीवन में अपने अनुभव से जानना होगा, हमारे जीवन का अनुभव
Ravikesh Jha
आध्यात्मिक और सांसारिक जीवन में संतुलन कैसे बनाएं, और कुछ मिथक बातें। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
हमें अपने स्रोत से तभी परिचित होते है जब हम पूर्ण जागते हैं,
Ravikesh Jha
जब तक आप अपेक्षा में जिएंगे तब तक दुःख से मुक्त नहीं हो सकते
Ravikesh Jha
परिस्थिति से भागने के बजाय उसे जानने में हमें उत्सुक होना चा
Ravikesh Jha
सच्चा ज्ञानी व्यक्ति वह है जो हमें अपने भीतर पहुंचने में मदद
Ravikesh Jha