Rashmi Sanjay 220 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rashmi Sanjay 6 Sep 2023 · 1 min read गुरु बदल देते हैं जीवन-मूल्य, विस्मृत कर देते हैं बड़ी से बड़ी भूल। सुलझा देते हैं मन का हर उलझा-भाव, लुप्त हो जाते हैं जीवन के अभाव जब मेरे पास होते... Hindi · कविता 4 114 Share Rashmi Sanjay 30 Aug 2023 · 1 min read रक्षाबंधन मेरी कलाई को सहेजे यह रक्षासूत्र मेरी संपूर्णता को अपनी दुआओं से नवाजता रहता है! संवेदनाओं से गलबहियाॅं करता हुआ यह बन्धन जब-तब मुझे निखारता रहता है, सॅंभालता रहता है!... Hindi · कविता 3 232 Share Rashmi Sanjay 30 Aug 2023 · 1 min read भीगी फिर थीं भारी रतियाॅं! भीगी फिर थीं भारी रतियाॅं! किलक उठीं रतनारी सुधियाॅं। जीवन के रेतीले पथ पर ढूॅंढें प्रिय को खारी अंखियाॅं। रश्मि लहर Quote Writer 2 195 Share Rashmi Sanjay 26 Aug 2023 · 1 min read इसरो के हर दक्ष का, इसरो के हर दक्ष का, वंदन बारम्बार। चंद्रयान की हो रही, जग में जय जयकार।। रश्मि लहर Quote Writer 1 299 Share Rashmi Sanjay 25 Aug 2023 · 1 min read मन को आनंदित करे, मन को आनंदित करे, यह अनुपम सौगात। रश्मि धरा की, पुलक में, करे चाँद की बात।। रश्मि लहर Quote Writer 1 297 Share Rashmi Sanjay 11 Aug 2023 · 1 min read सिंदूरी भावों के दीप ओ प्रिय! तुम्हारी दहलीज़ मेरे महावर भरे पाँवों से सिंदूरी भावों से रंग गई है, बिखर गये हैं शुभकामनाओं के असीम अक्षत, जल गए हैं प्रेम के अलौकिक दीप, अब... Hindi · कविता 1 114 Share Rashmi Sanjay 12 Jul 2023 · 1 min read आभा पंखी से बढ़ी , आभा पंखी से बढ़ी , मुरली अधर लुभाय निरखि प्रेममय राधिका, मन ही मन हर्षाय रश्मि लहर Quote Writer 2 2 161 Share Rashmi Sanjay 6 Jul 2023 · 1 min read प्रेम तुम्हारा जीवंत प्रेम रेल की पटरियों से दौड़ता हुआ बादलों के गुच्छों से लिपट जाता है। शब्दों के मकड़जाल में नहीं उलझता। न किचकिच करता है भावनाओं से! न हठधर्मी... Hindi · कविता 4 382 Share Rashmi Sanjay 4 Jul 2023 · 1 min read यूॅं बचा कर रख लिया है, यूॅं बचा कर रख लिया है, एक सुधि तेरी प्रिये! ज्यूॅं छुपा सीपी फिरे है गोद में मोती सदा! रश्मि लहर Quote Writer 2 215 Share Rashmi Sanjay 30 Jun 2023 · 1 min read वो अपना अंतिम मिलन.. वो अपना अंतिम मिलन.. भावों की दूब पर.. अनुभवों की चमकती बूॅंदों सा रुक गया! भर गया तरल उम्मीदों की पॅंखुड़ियों से.. जीवन की थरथराती शाखों को। और.. किसी मौन... Quote Writer 215 Share Rashmi Sanjay 29 Jun 2023 · 1 min read तुम याद आए बस यूॅं ही तुम याद आए! और याद आए बेसाख़्ता खिलखिलाते लम्हें अभिभूत करते सपने! छू गईं मन का कोना.. पुचकारती संभावनाऍं कुछ ठहरी हुई मन्नतें! चुपचाप.. साथ निभाता मिला... Hindi · कविता 2 2 170 Share Rashmi Sanjay 24 Jun 2023 · 1 min read जीने का हौसला भी जीने का हौसला भी दिलाने चली बारिश धूल उस अतीत-वट से हटाने चली बारिश। ऑंखों के जुगनुओं ने छिपाया जिसे ता-उम्र सुधियों की वो थाती भी लुटाने चली बारिश। रश्मि... Quote Writer 2 190 Share Rashmi Sanjay 7 Jun 2023 · 1 min read दोस्ती गहरी रही दोस्ती गहरी रही तमाम उम्र फिर ढाॅंप कर ऑंखों को ख़्वाब जागता रहा! रश्मि लहर Quote Writer 165 Share Rashmi Sanjay 2 Jun 2023 · 1 min read फगुनाई मन-वाटिका, फगुनाई मन-वाटिका, रंग दिए हैं छाप! मग सुनने को हैं विकल, प्रियतम की पदचाप!! रश्मि लहर Quote Writer 1 428 Share Rashmi Sanjay 31 May 2023 · 1 min read उजियारी ऋतुओं में भरती उजियारी ऋतुओं में भरती भावनाऍं संगीत। विचरते मौसम में कुछ गीत। सलोने मन में.. घुलती प्रीत! रश्मि लहर Quote Writer 3 2 379 Share Rashmi Sanjay 31 May 2023 · 1 min read हार कभी मिल जाए तो, हार कभी मिल जाए तो, मनन करो चुपचाप। दोषारोपण मत करो, निखरो अपनेआप। रश्मि लहर Quote Writer 174 Share Rashmi Sanjay 31 May 2023 · 1 min read लगन लगे जब नेह की, लगन लगे जब नेह की, रुचिकर लगे न भीड़। मन करता, पी संग रहे, रचा-बसा यह नीड़।। रश्मि लहर Quote Writer 128 Share Rashmi Sanjay 31 May 2023 · 1 min read उजियारी ऋतुओं में भरती उजियारी ऋतुओं में भरती भावनाऍं संगीत। विचरते मौसम में कुछ गीत। सलोने मन में.. घुलती प्रीत! रश्मि लहर Hindi · Quote Writer · मुक्तक 206 Share Rashmi Sanjay 24 May 2023 · 1 min read मन के ढलुवा पथ पर अनगिन मन के ढलुवा पथ पर अनगिन प्रतिघातों की भीड़ मिली। पथिक प्रेम से अपने हो गए गले अजनबी पीर मिली। रश्मि लहर Quote Writer 1 157 Share Rashmi Sanjay 18 Mar 2023 · 1 min read मुक्तक शैल विषमताओं का है तो कहीं प्रेम का झरना होगा। अपने पथ के शूल हटाकर सफ़र तुम्हें तय करना होगा। मिलन उबासी से जो भर दें , डरना है उन... Hindi · मुक्तक 3 1 296 Share Rashmi Sanjay 7 Mar 2023 · 1 min read फगुवाई है प्रतीक्षा फगुवाई है प्रतीक्षा बाट जोहते रंग। मग सुनने को है विकल प्रियतम के पद-कंज। रश्मि लहर Hindi · Quote Writer · कोटेशन 192 Share Rashmi Sanjay 6 Mar 2023 · 1 min read * * होली का यह पर्व आपको,* *मंगलमय हो!* *खुशियाँ जीवन में भर जाएँ*, *सब सुखमय हो!* *रिद्धि-सिद्धि-वैभव-धन पाए*, *मिले सफलता;* *पूर्ण सभी हो मनोकामना*, *मन प्रभुमय हो!!* *डा. महेश 'दिवाकर'* Quote Writer 213 Share Rashmi Sanjay 6 Mar 2023 · 1 min read आज फ़िर दिल ने इक तमन्ना की.. आज फ़िर दिल ने इक तमन्ना की.. आज फिर दिल को हमने समझाया जावेद अख़्तर Quote Writer 207 Share Rashmi Sanjay 4 Mar 2023 · 1 min read बढ़ चुकी दुश्वारियों से बढ़ चुकी दुश्वारियों से तंग जीवन हो चला! वस्ल की बातें करो न आज फिर मिलकर ज़रा!! रश्मि लहर लखनऊ Quote Writer 1 216 Share Rashmi Sanjay 23 Feb 2023 · 1 min read प्रेम प्रतीक्षा करता है.. प्रेम प्रतीक्षा करता है.. यही उसका प्रारब्ध है! अधिकार कहाॅं होता है साथी पर.. रश्मि लहर Quote Writer 750 Share Rashmi Sanjay 21 Feb 2023 · 1 min read वंदना वीणा-वादिनि! पथ-प्रकाशिनी, उन्नति का वर दे। हो सशक्त लेखनी सदा ही, ज्ञान सघन भर दे।। रोली घोल भावनाओं की,धवल माथ सज दूॅं। निज मस्तक को, चंदन-सम तव चरणों की रज... Hindi · कविता 2 322 Share Rashmi Sanjay 20 Feb 2023 · 1 min read . *विरोध* "अम्मा जी! ननदोई जी के साथ हम होली नहीं खेलेंगे, उनके ढंग ठीक नहीं हैं।वो होली के बहाने इधर–उधर छूने लगते हैं!" कहते–कहते शिप्रा का चेहरा क्रोध से भर गया... Hindi · लघु कथा 1 171 Share Rashmi Sanjay 10 Feb 2023 · 1 min read फितरत वो दोस्ती की कहाँ फितरत वो दोस्ती की कहाँ उसमें अब रही? शोहरत मिली है जबसे, वो मगरूर हो गया। रश्मि लहर Quote Writer 2 172 Share Rashmi Sanjay 7 Feb 2023 · 1 min read ज़ुदा हैं रास्ते अपने, ज़ुदा हैं रास्ते अपने, ज़ुदा तकदीर अपनी है! मेरा किरदार तेरी मिल्कियत में आ नहीं सकता। रश्मि लहर Quote Writer 195 Share Rashmi Sanjay 7 Feb 2023 · 1 min read ज़िन्दगी की गोद में ज़िन्दगी की गोद में यादें धरी रहीं। अनमनी होती रहीं ऑंखें भरी रहीं। रश्मि लहर Quote Writer 197 Share Rashmi Sanjay 6 Feb 2023 · 5 min read अहा! लखनऊ के क्या कहने! गोमती की सरल लहरों को अपने आगोश में समेटता एक शहर ...जहाँ सुकून है , शांति है , सभ्यता है , तसल्ली है , प्रेम है और रिश्तों की गुनगुनाहट... Hindi · लेख 1 169 Share Rashmi Sanjay 18 Jan 2023 · 1 min read इस बार फागुन में खिला टेसू पलक भीगी मिलो इस बार फागुन में। चुनरिया भी तनिक बहकी मिलो इस बार फागुन में।। हुए शाखों के रक्तिम से, कपोलों को तनिक देखो। कली रचने लगी... Hindi · ग़ज़ल 166 Share Rashmi Sanjay 7 Jan 2023 · 1 min read लेखनी चलती रही शैशवी मन के पुलक की कल्पना लिखती रही। ज़िंदगी धर मृदुल-पग, प्रस्तावना लिखती रही।। हो वसंती-सा गया मन, नववधू-सी वेदना, कल्पना मधुयामिनी की कामना लिखती रही। भावना ने प्रेम-पूरित छंद-लय... Hindi · ग़ज़ल 2 2 174 Share Rashmi Sanjay 10 Dec 2022 · 1 min read सजल सजल माथ ढूॅंढता चंदन लिख ! करे तिरंगा वंदन लिख !! पगडंडी की सिसकी पढ़! बाट जोहती विरहन लिख !! प्रेम अपरिमित अनगढ़ है! कृष्ण-राधिका बंधन लिख!! जीवन-नेत्र छलकते हैं!... Hindi · कविता 165 Share Rashmi Sanjay 17 Nov 2022 · 1 min read आग्रह बस एक बार आ जाना तुम ! उधार रखी है.. सपनों की देह की छुअन! चुका जाना ब्याज .. लालसाओं का भी चुपचाप ! छोड़ जाना मेरे पास .. सुरसरि... Hindi · कविता 154 Share Rashmi Sanjay 14 Nov 2022 · 1 min read बाट जोहती इक दासी चितवन नेह छुपा न पाये सुधि विरहन बनकर बैठी है। फिर ऋतुराज कनखियों देखें कोयल की बोली बहकी है।। महुवा की सुरभित चंचलता मन में भरती मिली उमंग कुछ मलंग... Hindi · कविता 258 Share Rashmi Sanjay 14 Nov 2022 · 1 min read अकेले-अकेले प्रकाशित किये दीप हमने अकेले सफर तय किया बस अकेले -अकेले कहाॅं कोई रिश्ता जुड़ा अब मिला था चुराई निगाहें सभी ने अकेले.. लगा रोशनी तुम तलक भी गई पर... Hindi · ग़ज़ल 1 155 Share Rashmi Sanjay 6 Nov 2022 · 1 min read अनवरत का सच दुनिया कहती है पर सुनती नहीं स्त्रियों के सपनों की सुदृढ़ आहट.. और चौंक जाती है तब जब खोद डालती हैं स्त्रियाॅं सपनों के रेगिस्तान में आशाओं का कुॅंआ और... Hindi · कविता 3 4 181 Share Rashmi Sanjay 6 Nov 2022 · 1 min read सुनो स्त्री सुनो स्त्री! अपनी इच्छाओं के उत्पीड़न की चोटिल ध्वनि को वृद्ध होती काॅंपती सी अपनी उर्वरक ऑंखों की नमी को स्वीकारो नव-विकसित चेतनाओं का साथ मिला लो झुर्रीदार, थरथराते हाथों... Hindi · कविता 3 4 248 Share Rashmi Sanjay 3 Nov 2022 · 1 min read दिव्यांग भविष्य की नींव कितना आसान है तुम्हारे लिये .... नव-रसों में भीगे भावों को झकझोर कर ... अपनी पैनी निगाहों से टटोलकर उधड़ने की प्रक्रिया से गुजरने वाली स्त्री पर कुछ जुमले उछाल... Hindi · कविता 3 3 249 Share Rashmi Sanjay 3 Nov 2022 · 1 min read प्रवाह में रहो भावना में मत बहो मौन त्यागो अपना भी 'मत' कहो मत कटने दो व्यक्तिव का अंगूठा किसी भी कीमत पर खोलकर रखो एक झरोखा आशाओं का मन की देहरी पर... Hindi · कविता 2 236 Share Rashmi Sanjay 3 Nov 2022 · 1 min read काश! काश! तुम ले जाते ... अपने उस अंतिम मिलन के साथ वो एक सोंधा सा दिन भी! और तुम्हारी भरी–भरी पलकों पर रूकी–रूकी सी वो ... अधूरी रात भी ...... Hindi · कविता 249 Share Rashmi Sanjay 1 Nov 2022 · 1 min read प्रेम कविता रोज आती है गौरैया तुम्हारा संदेश लेकर और खिलखिला पड़ते हैं प्रसून.. वक्त बेवक्त.. रोज मुस्करा देती है प्रतीक्षा.. मुझे देखकर! यूं ही रोज गा उठती है सरगम बेवजह कोयल... Hindi · कविता 443 Share Rashmi Sanjay 1 Nov 2022 · 1 min read मिलना है तुमसे जैसे घुल जाती है हवा मौसम में मिल जाती हैं असंख्य लहरें सागर में.. अनकहे! बस वैसे ही मिलना है मुझे तुमसे एक बार! हॅंसना है तुम्हारे मीठे अधरों पर... Hindi · कविता 1 1 323 Share Rashmi Sanjay 26 Oct 2022 · 5 min read प्रेम के रिश्ते “तुम्हारे घर के आसपास हर बिरादरी के लोग रहते हैं, ऐसा करो ये घर बेच दो भाभी, ग्राहक वगैरह मैं बता दूंगा, सेफ जगह पर चलकर रहो” कविता के देवर... Hindi · कहानी 3 4 286 Share Rashmi Sanjay 25 Oct 2022 · 1 min read प्रणय-बंध प्रेमभरी प्रियतम पाती तेरी ख़ातिर लिखने में उॅंगली काॅंपी तेरी ख़ातिर सोचा था क्या-क्या कहने जाऊॅंगी मैं भावों की नद में बहने जाऊॅंगी मैं जली नेह से मन बाती तेरी... Hindi · कविता 2 2 181 Share Rashmi Sanjay 22 Oct 2022 · 1 min read मन का घाट मन अक्सर बन जाता है मणिकर्णिका घाट! जहाॅं गिर पड़ता है मेरे प्रेम का कर्ण फूल.. पर उसे ढूॅंढने .. वहाॅं तक.. कभी पहुॅंच नहीं पाते हैं.. मेरे शंकर! रश्मि... Hindi · कविता 2 2 243 Share Rashmi Sanjay 22 Oct 2022 · 1 min read लेखनी सुन ओ लेखनी! तू मेरी दोस्त.. तू मेरा साहस! सुख-दुख की साथी.. तू मेरी सजावट! सपना इकलौता, तूने साकार किया। गुमशुदा भावों को, तुमने आकार दिया। अंतिम समय तक.. साथ... Hindi · कविता 1 342 Share Rashmi Sanjay 22 Oct 2022 · 1 min read तुम क्या तुमने सुना है रेत की प्रतीक्षा का शोर.. क्या तुमने समझी है तट को छोड़ कर जाती नदियों के विछोह की पीड़ा? अगर नहीं..तो सुनना.. समझना पत्तों के हरे... Hindi · कविता 1 254 Share Rashmi Sanjay 22 Oct 2022 · 1 min read अनुरोध ऐ मेरी कलम! त्याग कर सारे भ्रम तू चलती रहे निर्विकार भाव से चुभती रह झूठ के सीने पर निर्भय रह नया लिख कुछ संतुष्ट कष्ट कुछ अनुत्तरित प्रश्न मेरी... Hindi · कविता 228 Share Page 1 Next