Nasir Rao Language: Hindi 27 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Nasir Rao 15 Jan 2017 · 1 min read इश्क़ इतना ग़ज़ब किया जाए।। जो भी होता है सब किया जाए,, इश्क़ इतना ग़ज़ब किया जाए।। जिंदगीभर जो कर नहीं पाए,, दिल ये कहता है अब किया जाए।। लिख दिए होट पहले मिसरे में,,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 233 Share Nasir Rao 3 Sep 2016 · 1 min read हम-सफर नहीं जिनके रास्तों से जलते है हम-सफर नहीं जिनके रास्तों से जलते हैं इनकी अपनी राय है मशवरों से जलते हैं जब ज़बान खोलेंगे आग ही निकालेंगे इनको जानता हूँ मे ये गुलों से जलते है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 317 Share Nasir Rao 28 Aug 2016 · 1 min read कोई बतलाए आख़िर क्या करूं मैं कोई बतलाए आख़िर क्या करूं मैं छुपाऊँ क्या मैं ज़ाहिर क्या करूं मैं 'ब'बातिन हूँ मैं ग़म में चूर लेकिन बहुत खुश हूँ बज़ाहिर क्या करूं मैं यहाँ तो मौत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 462 Share Nasir Rao 28 Aug 2016 · 1 min read अपनी क़सम न दो मुझे लाचार मैं भी हूँ अपनी क़सम न दो मुझे लाचार मैं भी हूँ मजबूरियों के हाथ गिरफ्तार मैं भी हूँ मैं देख ये रहा हूँ कहाँ तक हैं किमतें दुनिया समझ रही है खरीदार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 607 Share Nasir Rao 19 Aug 2016 · 1 min read ना हम ञिशूल तलवारें ना ही पिस्तौल वाले हैं ना हम ञिशूल तलवारें ना ही पिस्तौल वाले हैं अलग माहौल है अपना अलग माहौल वाले हैं ----- फक़ीरी मैं फकीराना कोई अपना ना बेगाना उलझयेगा नही हमसे कि हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 642 Share Nasir Rao 19 Aug 2016 · 1 min read मियाँ सब कुछ गवारा हो रहा है मियाँ सब कुछ गवारा हो रहा है बहुत कम मैं गुज़ारा हो रहा है बिछडने के इशारे हो रहे हैं ताल्लुक मैं ख़सारा हो रहा है - नासिर राव Hindi · शेर 1 528 Share Nasir Rao 19 Aug 2016 · 1 min read हम जैसों की नींद उडा दी जाती है पहले दिल से नक़्श मिटाए जाते हैं मेज़ से फिर तस्वीर हटा दी जाती है हम जैसों के साथ यही तो होता है हम जैसों की नींद उडा दी जाती... Hindi · मुक्तक 239 Share Nasir Rao 18 Aug 2016 · 1 min read किसी से कोई खतरा ही नहीं है किसी से कोई खतरा ही नहीं है हमें जीने का चस्का ही नहीं है लड़ाई है ! ये प्यासों की लड़ाई यहाँ पानी का झगड़ा ही नहीं है उसी को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 579 Share Nasir Rao 16 Aug 2016 · 1 min read ज़िंदगानी बदल चुकी लाला ज़िंदगानी बदल चुकी लाला अब कहानी बदल चुकी लाला अब यहाँ कोई भी नहीं राजा रात रानी बदल चुकी लाला मौत बरहक़' सुना हैं साँसो ने अब रवानी बदल चुकी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 596 Share Nasir Rao 16 Aug 2016 · 1 min read संजीदा तबियत की कहानी नहीं समझे संजीदा तबियत की कहानी नहीं समझे आँखो में रहे फिर भी वो पानी नहीं समझे एक शेर हुआ यूँ कि कलेजे से लगा है दरया में उतर कर भी रवानी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 582 Share Nasir Rao 16 Aug 2016 · 1 min read अभी हँसो न मेरी जान राव ज़िंदा है जो घाव तुुम्ने दिया था वो घाव ज़िंदा है अभी हँसो न मेरी जान राव ज़िंदा है तुम्हारी दिल से वही खेलने की आदत है हमारा अपना वही रख रखाव... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 443 Share Nasir Rao 16 Aug 2016 · 1 min read सर पे सूरज खडा है चल उठजा सर पे सूरज खडा है चल उठजा "काम बाकी पडा है चल उठजा तुझको दुनिया फतह करनी है ये तकाज़ा बडा है चल उठजा जिस्म कहता है यार सोने दे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 306 Share Nasir Rao 16 Aug 2016 · 1 min read वो दर ओ बाम क्यूँ नहीं आता,, इक दिया आम क्यूँ नहीं आता, वो दर ओ बाम क्यूँ नहीं आता,, एक ही शख़्स क्यूँ ज़बाँ पर है, दूसरा नाम क्यूँ नहीं आता,, इश्क़ करना बस इश्क़ करना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 342 Share Nasir Rao 16 Aug 2016 · 1 min read पत्थरों की कहानियाँ लिख दो पत्थरों की कहानियाँ लिख दो ख़ुश्क आँखों रवानियाँ लिख दो फ़िर वही तज़करा एे ज़िंदगानी बुढ़ी क़लमों जवानियाँ लिख दो लिख दो तालाब सूखने को हैं बारिशों की कहानियाँ लिख... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 743 Share Nasir Rao 16 Aug 2016 · 1 min read बैठ कर ज़ख़्म ही गिना कीजे ' हालत ऐ हिज्र है तो क्या कीजे बैठ कर ज़ख़्म ही गिना कीजे ' आग तो ख़ैर क्या बुझेगी अब आप तो बस इसे हवा कीजे ' जब ज़ुबाँ है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 480 Share Nasir Rao 16 Aug 2016 · 1 min read खंजर की चुभन से ही मैं पहचान गया था उस पर तो कभी दिल का कोई ज़ोर नहीं था हमसा भी ज़माने में कोई और नहीं था जिस वक़्त वो रुख्सद हुआ बारात की मानिंद एक टीस सी उठी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 584 Share Nasir Rao 16 Aug 2016 · 1 min read फ़िर तेरी याद आ गयी 'नासिर' हद से ज़ियादा वबाल कर डाला फिर खुदा ने ज़वाल कर डाला अपना इल्ज़ाम मेरे सर डाला यार तुमने कमाल कर डाला.... एक ताज़ा गुलाब चेहरे को.. एक पुरानी मिसाल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 544 Share Nasir Rao 16 Aug 2016 · 1 min read चराग़ों की लवें भडकी हुईं हैं पहाडों से गुज़रना पड रहा है मुझे चढकर उतरना पड रहा है..!! चराग़ों की लवें भडकी हुईं हैं अन्धेरों को बिखरना पड रहा है..!! उजाले पांव से लिपटे पडे हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 558 Share Nasir Rao 16 Aug 2016 · 1 min read मन्ज़रों के नाम होकर रह गयी मन्ज़रों के नाम होकर रह गयी खास सुरत आम होकर रह गयी रात दुख की काटकर बैठै ही थे जिन्दगी की शाम होकर रह गयी ज़िंदगी का नाम क्या रखता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 732 Share Nasir Rao 16 Aug 2016 · 1 min read जब उजाला गली से गुज़रने लगा जब उजाला गली से गुज़रने लगा सब अंधेरों का चेहरा उतरने लगा दौर बदला तो मैं भी बदल सा गया बे'गुनाही से अपनी मुकरने लगा शाम आयी तो तेरा ख्याल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 303 Share Nasir Rao 16 Aug 2016 · 1 min read कभी कभी वो मिला करेगा..!! हमारे हक़ में दुआ करेगा वो इक ना एक दिन वफा करेगा..!! बिछड गया है मगर यकीं है कभी कभी वो मिला करेगा..!! तु अपने आशिक को साथ रखले बिछड... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 618 Share Nasir Rao 16 Aug 2016 · 1 min read आप अपनी दवा भी रखते हैं आप अपनी दवा भी रखते हैं हम दीये हैं हवा भी रखते हैं.!! मुख्तसर लोग हैं जो आँखो में शर्म ' ग़ैरत ' हया भी रखते हैं..!! मौत की तलख़ियों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 628 Share Nasir Rao 15 Aug 2016 · 1 min read ज़िंदा तुम्हारे जिस्म की खुशबु तुम्हारे लम्स का जादु मेरे अहसास की चादर'' तुम्हारी याद का तकिया मैं जब भी लेके सोता हूँ भले खामोश होता हूँ ' मुझे अहसास होता... Hindi · कविता 1 264 Share Nasir Rao 15 Aug 2016 · 1 min read हम अपने आपकी किस्मत ख़राब लिखते हैं कहीं अज़ाब कहीं पर सवाब लिखते हैं फरिशते रोज़ हमारा हिसाब लिखते हैं बहुत से लोग तो ऐसे भी हैं इसी युग में किताब पढ़ते नहीं हैं किताब लिखते हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 235 Share Nasir Rao 15 Aug 2016 · 1 min read मैं रोते हुएे जब अकेला रहा हूँ कहाँ और कब कब अकेला रहा हूँ मैं हर रोज़ हर शब अकेला रहा हूँ मुझे अपने बारे में क्या मशवरा हो मैं अपने लिए कब अकेला रहा हूँ उदासी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 296 Share Nasir Rao 15 Aug 2016 · 1 min read हमसफर ! आफताब था उसका "ज़ह्न तो लाजवाब था उसका दिन ही शायद ख़राब था उसका जबकि मेरा सवाल सीधा था फ़िर भी उलटा जवाब था उसका वो महज़ धूप का मुसाफिर था हमसफर !... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 433 Share Nasir Rao 15 Aug 2016 · 1 min read हर शब किसी चराग़ सा जलकर बडा हुआ तन्हाईयों की गोद में पलकर बडा हुआ बचपन से अपने आप सम्भलकर बडा हुआ ग़ैरों को अपना मान के जीता रहा हूँ मैं इस राह ऐ पुलसिरात पे चलकर बडा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 723 Share